शक्ति प्रदर्शन करके क्या संदेश देना चाहते हैं Upendra Kushawaha?
Authored By: सतीश झा
Published On: Saturday, September 6, 2025
Last Updated On: Saturday, September 6, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले राजधानी पटना की सियासत में गर्मी तेज हो गई है. राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushawaha) ने मिलर स्कूल ग्राउंड में महारैली कर शक्ति प्रदर्शन किया. इस रैली में उमड़ी भीड़ ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया. कुशवाहा ने इस मौके पर परिसीमन, युवाओं की समस्याओं और विपक्ष पर तीखे हमले बोले.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Saturday, September 6, 2025
Upendra Kushwaha Shakti Pradarshan: राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद कुशवाहा (Upendra Kushawaha) ने जिस आक्रामक अंदाज़ में रैली को संबोधित किया, उसमें सत्ता की चाह से अधिक मुद्दों पर केंद्रित राजनीति का संदेश छिपा हुआ था. सबसे पहले बात परिसीमन की. कुशवाहा ने स्पष्ट तौर पर कहा कि 1971 के बाद से देश में परिसीमन नहीं हुआ और इसका सबसे बड़ा नुकसान हिंदी भाषी राज्यों को झेलना पड़ा है. उन्होंने कांग्रेस (Congress) पर आपातकाल (Emergency in India) के बहाने हमला बोला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर भरोसा जताया कि अबकी बार परिसीमन जरूर होगा. यह बयान न सिर्फ बिहार की सीटों के सवाल को उठाता है, बल्कि हिंदी पट्टी में न्याय की मांग को भी राजनीतिक धार देने का प्रयास है.
हजारों की भीड़ के सामने संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा(Upendra Kushawaha) ने कहा कि उनकी राजनीति केवल सत्ता से नहीं बल्कि मुद्दों से जुड़ी है. उन्होंने कहा कि शिक्षा और युवाओं की समस्या को लेकर उन्होंने लगातार आवाज़ उठाई है और अब सरकार भी उसे मान रही है. आने वाले समय में युवाओं के लिए ठोस कदम उठाने का भरोसा भी दिलाया.
कुशवाहा ने रैली में परिसीमन का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस (Congress) पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि अगर देश में आपातकाल (Emergency in India) नहीं होता तो बिहार की लोकसभा सीटें 60 से अधिक हो चुकी होतीं. 1971 के बाद से परिसीमन नहीं हुआ है और अब वक्त आ गया है कि हिंदी भाषी राज्यों को न्याय मिले. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि इस बार परिसीमन जरूर होगा और बिहार सहित हिंदी भाषी राज्यों को उनका हक मिलेगा.
तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर तंज कसते हुए कुशवाहा (Upendra Kushawaha) ने कहा कि गंगा किनारे डांस करने से मुख्यमंत्री (CM of Bihar) बनने का सपना पूरा नहीं होगा. उन्होंने विपक्ष को मुद्दाविहीन बताते हुए कहा कि उनके पास जनता के लिए कोई ठोस एजेंडा नहीं है, केवल बयानबाज़ी तक सीमित हैं.
कुशवाहा (Upendra Kushawaha) ने अपनी करकट लोकसभा सीट पर हुई हार का भी जिक्र किया और बिना नाम लिए अपने ही गठबंधन के कुछ नेताओं पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि चुनाव में हार विपक्ष की वजह से नहीं बल्कि एनडीए (NDA) के अंदर की सेंधमारी से हुई. साथ ही उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि गठबंधन के भीतर कुछ नेता मुख्यमंत्री (CM of Bihar) बनने का सपना देख रहे हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में एकजुट होकर सरकार बनाने के लिए काम करें.
इसके साथ ही उन्होंने युवाओं और शिक्षा की समस्याओं को केंद्र में रखकर यह जताने की कोशिश की कि उनकी राजनीति केवल सत्ता-लोलुपता नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ी के लिए रास्ता बनाने की है. यह सीधा-सीधा संदेश युवा मतदाताओं को साधने का है, जो हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. पटना की इस महारैली के माध्यम से उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushawaha) ने न केवल अपनी राजनीतिक ताक़त का प्रदर्शन किया, बल्कि चुनावी मुद्दों पर बड़ा दांव भी खेल दिया है.
दिलचस्प यह भी है कि उन्होंने अपनी हार की चर्चा करते हुए गठबंधन के भीतर सेंधमारी की ओर इशारा किया. यानी संदेश साफ है—वे न केवल विपक्ष बल्कि अपने ही सहयोगियों को भी चेतावनी दे रहे हैं कि उनके साथ खिलवाड़ करना आसान नहीं. कुल मिलाकर, उपेंद्र कुशवाहा की यह महारैली आने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता स्थापित करने का प्रयास है. वे यह दिखाना चाहते हैं कि वे न तो हाशिये पर हैं और न ही चुप बैठने वाले नेता. उनके शक्ति प्रदर्शन का सबसे बड़ा संदेश यही है कि बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में उन्हें नज़रअंदाज़ करना अब किसी भी दल के लिए आसान नहीं होगा.
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