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रेलवे कर्मचारियों के 78 दिनों के बोनस का बिहार में क्या होगा असर ?
Authored By: सतीश झा
Published On: Wednesday, September 24, 2025
Last Updated On: Wednesday, September 24, 2025
बिहार में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2025) कुछ ही दिनों में होने वाले हैं, ऐसे में रेलवे (Railway) कर्मचारियों को 78 दिनों के उत्पादकता आधारित बोनस (PLB) की घोषणा की गई है. इस फैसले के साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया एकल रेलवे लाइन खंड (104 किमी) के दोहरीकरण को मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत लगभग 2,192 करोड़ रुपये है.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Wednesday, September 24, 2025
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,91,146 रेलवे कर्मचारियों (Railway Employees) को 78 दिनों के उत्पादकता-आधारित बोनस (पीएलबी) के रूप में 1,865 करोड़ 68 लाख रुपये के भुगतान को मंजूरी दे दी. यह निर्णय रेलवे कर्मचारियों के उत्कृष्ट कार्य और समर्पण को मान्यता देने के लिए लिया गया है.
हर वर्ष दुर्गा पूजा/दशहरा की छुट्टियों से पहले पात्र रेलवे कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान किया जाता है. इस वर्ष भी लगभग 10 लाख 91 हजार अराजपत्रित कर्मचारियों को उनके 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस मिलेगा. यह बोनस रेलवे के समग्र प्रदर्शन में सुधार और कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है.
प्रत्येक पात्र कर्मचारी के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर अधिकतम देय राशि 17,951 रुपये है. यह राशि विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को दी जाएगी, जिनमें ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप-सी कर्मचारी शामिल हैं.
वर्ष 2024-25 में रेलवे का प्रदर्शन शानदार रहा. इस अवधि में रेलवे ने रिकॉर्ड 1,614.90 मिलियन टन माल ढुलाई की और लगभग 7.3 बिलियन यात्रियों को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया. इस प्रकार, रेलवे कर्मचारियों के लिए यह बोनस न केवल उनके परिश्रम की मान्यता है, बल्कि उन्हें भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करने का साधन भी बनेगा.
बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया एकल रेलवे लाइन खंड परियोजना बिहार के चार जिलों को कवर करेगी और भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 104 किलोमीटर की वृद्धि करेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि रेलवे कर्मचारियों को बोनस और महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की समय पर मंजूरी से लोकप्रियता बढ़ाने और चुनावी माहौल को प्रभावित करने की संभावनाएं रहती हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि त्योहार के मौसम में कर्मचारियों को बोनस देने और बड़े पैमाने पर निवेश वाली परियोजनाओं की घोषणा करने से स्थानीय रोजगार, यातायात सुविधा और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी. इसका प्रत्यक्ष असर मतदाताओं के मनोविज्ञान पर भी पड़ सकता है.
गौर करने योग्य बात यह भी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार में NH-139W के साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड के हाइब्रिड एन्युइटी मोड पर निर्माण को मंज़ूरी दे दी है. इस परियोजना की कुल लंबाई 78.942 किलोमीटर होगी और इसकी अनुमानित लागत 3,822.31 करोड़ रुपये है.
इस परियोजना के पूरा होने से बिहार में सड़क नेटवर्क मजबूत होगा, यातायात की सुविधा बढ़ेगी और परिवहन में समय और लागत की बचत होगी. साथ ही, स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों में सुधार की संभावना है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की लंबी दूरी की सड़क परियोजनाएं राज्य और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने में सहायक होती हैं.
इस प्रकार, बिहार में चुनाव की दृष्टि से यह कदम न केवल रेलवे कर्मचारियों और स्थानीय जनता को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि सरकार की छवि को मजबूत करने और चुनावी माहौल पर सकारात्मक प्रभाव डालने की दिशा में भी देखा जा रहा है.
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