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तेजस्वी यादव बने महागठबंधन के सीएम फेस, गहलोत ने गिनाईं जीत की वजहें
Authored By: Nishant Singh
Published On: Friday, October 24, 2025
Last Updated On: Friday, October 24, 2025
बिहार चुनाव 2025 से पहले सियासत में हलचल तेज है. महागठबंधन ने आखिरकार अपने सीएम चेहरे का ऐलान कर दिया और वह कोई और नहीं, बल्कि तेजस्वी यादव हैं. अशोक गहलोत ने खुद मंच से बताया कि क्यों तेजस्वी को चुना गया, क्योंकि वो हैं युवाओं की आवाज, बदलाव का चेहरा और 2020 की उस अधूरी जीत का प्रतीक जिसे अब पूरा करने का वक्त आ गया है.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Friday, October 24, 2025
Tejashwi Yadav CM Face 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव (2025) से पहले तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री (सीएम) चेहरा घोषित किया गया है. इस घोषणा के पीछे अशोक गहलोत ने कई महत्वपूर्ण कारण गिनाए हैं. इस लेख में हम उस घोषणा की वजहों, रणनीतिक मायने और राजनीतिक पृष्ठभूमि को सरल भाषा में समझेंगे.
1. सीएम फेस क्यों – नेतृत्व क्षमता का आधार
अशोक गहलोत ने बताया कि महागठबंधन के वरिष्ठ नेताओं ने लंबे विचार-विमर्श के बाद तेजस्वी यादव को सीएम फेस चुनने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि युवाओं से जुड़ाव, आगे देखने की क्षमता, और पार्टी व गठबंधन में उनकी स्वीकार्यता इस निर्णय की बुनियाद हैं.
तेजस्वी यादव को एक युवा नेता माना जा रहा है, जो बिहार की बदलती जनसंख्या-रचना के अनुरूप बेहतर प्रतिनिधित्व कर सकते हैं.
2. 2020 के चुनावी प्रदर्शन का अनुभव
अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि साल 2020 में तेजस्वी यादव ने ऐसा प्रदर्शन किया था कि वे जीत के बहुत करीब थे. केवल कुछ वोटों के अंतर और धनबल की चुनौतियों के कारण सेट-अप उल्टा हुआ था. यही वजह है कि गठबंधन ने इस अनुभव को ध्यान में रखते हुए उन्हें सीएम चेहरा बना लिया.
इस तरह, उनके पास पिछले चुनाव से मिली सीख और सक्रिय राजनीतिक अनुभव है, जो गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण माना गया.
3. युवा कनेक्शन और सामाजिक जुड़ाव
महागठबंधन ने खास तौर पर युवाओं और पिछड़ी/वंचित सामाजिक-वर्गों से जुड़ाव बनाए रखने की रणनीति अपनाई है. अशोक गहलोत ने कहा कि तेजस्वी यादव को युवाओं की समस्याओं की समझ है और वे इनसे सीधे संपर्क में रहते हैं.
यह रणनीति उस समय विशेष मायने रखती है जब बिहार में रोजगार, शिक्षा और सामाजिक अवसर जैसे विषय बड़े एजेंडा पर हैं.
4. विरोधी गठबंधन की तुलना में स्पष्टता
अशोक गहलोत ने यह भी सवाल उठाया कि जबकि महागठबंधन ने सीएम चेहरे को जल्दी घोषित किया है, तो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई कि उनका सीएम उम्मीदवार कौन होगा.
इस तरह, महागठबंधन ने शक्ति-संदेश देने के साथ ही राजनीतिक स्पेस पर बढ़त ली है – “हम तय हैं” की स्थिति जताई है.
5. संदेश-रणनीति और चुनावी मकसद
तेजस्वी यादव को सीएम फेस चुनने का निर्णय महागठबंधन के लिए मात्र नाम-घोषणा नहीं है बल्कि एक रणनीतिक कदम है. इस घोषणा के माध्यम से-
- गठबंधन ने “परिवर्तन” का संदेश देना चाहा है.
- एक नए-युग के युवा नेतृत्व की झलक पेश करना चाहा है.
- युवाओं, बेरोजगारी की चुनौतियों और सामाजिक न्याय की मांग को केंद्र में रखा है.
- विरोधी खेमे को स्पष्ट जवाब देना चाहा है कि उनसे मुकाबला एक निश्चित नेतृत्व के साथ किया जा रहा है.
निष्कर्ष
संक्षिप्त में कहें तो, तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस इसलिए चुना गया क्योंकि उन्होंने राजनीतिक अनुभव, युवा-उर्जा, युवाओं व सामाजिक-पिछड़ों से मजबूत संबंध तथा पूर्व अनुभव का बैक्सअप इकट्ठा किया है. साथ ही गठबंधन ने समय से पहले स्पष्टता दिखा कर राजनीतिक गति पकड़ी है. बिहार की जटिल राजनीतिक-सामाजिक तस्वीर में यह फैसला गठबंधन की एक निर्णायक रणनीति दिखती है. अब यह देखने की बात है कि आने वाले चुनावों में यह रणनीति कितनी कारगर साबित होगी.
आप चाहें तो मैं इस विषय पर ‘चुनावी चुनौतियां’ और ‘NDA की प्रतिक्रिया’ पर भी एक अलग विश्लेषण लेख लिख सकता हूं.
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