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Bihar Election 2025 : बीजेपी ने क्यों मैदान में उतारी मैथिली ठाकुर? पर्दे के पीछे की POLITICAL सच्चाई
Authored By: Nishant Singh
Published On: Thursday, October 16, 2025
Last Updated On: Thursday, October 16, 2025
Bihar Election 2025 :बिहार चुनाव 2025 में बीजेपी ने लोकगायिका मैथिली ठाकुर को दरभंगा के अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से उतारकर सभी को चौंका दिया. 25 साल की युवा और प्रतिभावान मैथिली, मिथिला की संस्कृति और लोकगीतों की पहचान हैं. पार्टी ने उन्हें युवा और महिला वोटरों को जोड़ने के लिए चुना है. राजनीति में अनुभव न होने के बावजूद उनकी लोकप्रियता और साफ-सुथरी छवि बीजेपी की बड़ी रणनीति साबित हो सकती है.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Thursday, October 16, 2025
Bihar Election 2025: बिहार के राजनीति में इस बार बीजेपी ने एक बड़ा और चौंकाने वाला कदम उठाया है. पार्टी ने लोकगायिका मैथिली ठाकुर को दरभंगा जिले के अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा है. मैथिली सिर्फ 25 साल की हैं और राजनीति में उनका कोई अनुभव नहीं है. लेकिन उनके युवावस्था, लोकप्रियता और साफ-सुथरी छवि ने बीजेपी को इस कदम के लिए प्रेरित किया. मैथिली ठाकुर मिथिला की पहचान हैं, जिनका संगीत और व्यक्तित्व बिहार और भारत की संस्कृति को दुनिया तक पहुंचाता है.
संगीत और पारिवारिक पृष्ठभूमि
मैथिली ठाकुर का परिवार संगीत से जुड़ा है. उनके पिता और दादा संगीतज्ञ रहे हैं और उन्होंने स्वयं भी संगीत की शिक्षा इसी परिवेश में ली. दो भाई उनके साथ तबले और अन्य वाद्ययंत्रों में सहयोग करते हैं. उनकी लोकप्रियता सोशल मीडिया पर भी देखते ही बनती है- लाखों फॉलोवर्स उन्हें प्यार करते हैं और उनकी गिनती युवाओं, बुजुर्गों और बच्चों तक के फैन में होती है. इस युवा और ऊर्जावान चेहरे को बीजेपी ने अपनी राजनीति में शामिल किया है, ताकि पार्टी की छवि और भी मजबूत हो सके.
अलीनगर से चुनाव: क्यों किया गया कदम
दरभंगा के अलीनगर विधानसभा क्षेत्र में पिछली बार बीजेपी के विधायक मिश्री लाल यादव जीतकर आए थे, लेकिन उन्हें कोर्ट द्वारा मारपीट के मामले में दोषी करार दिए जाने के कारण इस चुनाव में टिकट नहीं मिला. बीजेपी को ऐसे उम्मीदवार की तलाश थी, जो साफ-सुथरी छवि का हो और जिसे जनता आसानी से पसंद करे. ऐसे में मैथिली ठाकुर ने पार्टी के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प की भूमिका निभाई.
युवा और महिला वोटरों पर दांव
बीजेपी ने मैथिली ठाकुर पर इसलिए भरोसा जताया क्योंकि उनके पास युवा और महिला वोटरों को आकर्षित करने की क्षमता है. पार्टी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी प्रभात मालाकार का कहना है कि मैथिली में अपार संभावनाएं हैं और वह युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन सकती हैं. उनके साथ मिथिला की सांस्कृतिक पहचान भी जुड़ी हुई है, जो अलीनगर में महत्वपूर्ण है. बीजेपी का यह संदेश भी साफ है कि पार्टी महिलाओं और युवाओं को साथ लेकर चलना चाहती है.
विनोद तावड़े का राजनीतिक संकेत
बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी विनोद तावड़े ने भी संकेत दिए थे कि मैथिली ठाकुर इस चुनाव में मैदान में उतरेंगी. उन्होंने सोशल मीडिया पर मैथिली के साथ तस्वीरें पोस्ट कर राजनीतिक संदेश भी दिया. हालांकि, यह तथ्य कि मैथिली का परिवार मधुबनी से दिल्ली गया था, बीजेपी के प्रचार का हिस्सा बना. मैथिली हमेशा अपने गांव और मिथिला के प्रति लगाव व्यक्त करती रही हैं, जो स्थानीय जनता के साथ उन्हें जोड़ता है.
चुनौतियां और विरोध
अलीनगर विधानसभा क्षेत्र में मैथिली ठाकुर की राह आसान नहीं है. स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं में उनके लिए कुछ विरोध है क्योंकि उन्हें “बाहर का उम्मीदवार” माना जा रहा है. वहीं, पूर्व विधायक मिश्री लाल यादव के समर्थक भी विरोध कर रहे हैं. मैथिली को स्थानीय लोगों की समस्याओं और मुद्दों को समझने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. लेकिन पार्टी का दावा है कि जैसे ही उम्मीदवार घोषित होता है, सभी कार्यकर्ता उसके साथ खड़े होते हैं और जीत के लिए काम करते हैं.
लोकगायिका से युवा नेता तक
मैथिली ठाकुर केवल एक गायिका ही नहीं, बल्कि मिथिला की पहचान भी हैं. उनके गीतों में लोक संस्कृति की खुशबू है और वे राम-सीता जैसे पारंपरिक गीत गाती हैं. उनकी युवा छवि, संगीत की लोकप्रियता और महिला होने के नाते बीजेपी ने उन्हें चुनाव में मौका दिया है. पार्टी का यह कदम युवा और महिला वोटर्स को जोड़ने के लिए रणनीतिक भी माना जा रहा है.
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