CM के बेटे की दुल्हन बनी 25 की हसीना… 11 दिन में विधवा, दूसरी शादी में 9 महीने की प्रेग्नेंट

Authored By: Nishant Singh

Published On: Tuesday, September 9, 2025

Updated On: Tuesday, September 9, 2025

CM son bride की दर्दनाक कहानी, 25 की उम्र में शादी, 11 दिन में विधवा और दूसरी शादी में 9 महीने की प्रेग्नेंट दुल्हन.

सोचिए… 25 साल की एक खूबसूरत हसीना, जिसने मुख्यमंत्री के बेटे से शादी रचाई, लेकिन किस्मत ने ऐसा खेल खेला कि सिर्फ 11 दिन में वो विधवा बन गई. ज़िंदगी ने फिर दूसरा मौका दिया तो हालात और भी फिल्मी निकले- जब उसने सात फेरे लिए, तब वो 9 महीने की प्रेग्नेंट थी. और फिर, सात साल बाद फिर से पति का साथ छूट गया. यह कहानी है लीना चंदावरकर की, जिसकी ज़िंदगी असल में किसी ब्लॉकबस्टर फिल्म से कम नहीं.



Authored By: Nishant Singh

Updated On: Tuesday, September 9, 2025

इस लेख में:

फिल्मों की दुनिया चमक-धमक से भरी होती है. पर्दे पर सबकुछ परफेक्ट नज़र आता है – हंसी, खुशी, रोमांस और ग्लैमर. लेकिन इस चकाचौंध के पीछे छिपा होता है एक सच, जो अक्सर बेहद दर्दनाक होता है. हिंदी सिनेमा की एक ऐसी ही खूबसूरत अदाकारा की कहानी है, जिसकी ज़िंदगी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं लगती. महज 25 साल की उम्र में उसने मुख्यमंत्री के बेटे से शादी की और महज़ 11 दिन में विधवा हो गई. यही नहीं, जब उसने दूसरी बार शादी की तो उस वक्त वह 9 महीने की गर्भवती थी. और दुख तो यह कि दूसरी बार भी किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया. यह कहानी है 60 और 70 के दशक की सुपरस्टार लीना चंदावरकर की, जिन्होंने अपनी मुस्कान से करोड़ों दिल जीते, लेकिन अपनी निजी ज़िंदगी में इतने गहरे दर्द झेले कि सुनने वाला भी सिहर उठे.

बचपन से ही ग्लैमर की ओर आकर्षण

कर्नाटक के धारवाड़ ज़िले में कोंकणी-मराठी परिवार में जन्मी लीना बचपन से ही बेहद आकर्षक और चंचल थीं. परिवार का सपना था कि बेटी पढ़-लिखकर डॉक्टर या वकील बने, लेकिन लीना का दिल तो एक्टिंग और ग्लैमर की दुनिया में बसता था. स्कूल-कॉलेज के दिनों से ही उनकी खूबसूरती की चर्चाएं थीं. उन्होंने मॉडलिंग की शुरुआत की और फिर हिस्सा लिया फिल्मफेयर फ्रेश फेस ब्यूटी कॉन्टेस्ट में. किस्मत ने उनका साथ दिया और वह विजेता बनीं. यही जीत उनके करियर का पहला बड़ा मोड़ बनी, जिसने उन्हें मुंबई की मायानगरी तक पहुंचा दिया.

फिल्मों में चमका सितारा

लीना का पहला ऑडिशन था सुनील दत्त की फिल्म मसीहा के लिए. हालांकि वह फिल्म कभी बनी ही नहीं, लेकिन सुनील दत्त ने उनके टैलेंट को पहचान लिया. उन्होंने लीना को अपनी फिल्म मन का मीत में कास्ट किया. यह फिल्म हिट साबित हुई और लीना रातों-रात स्टार बन गईं. इसके बाद हुमजोली, मेहबूब की मेहंदी, मनचली, राखी की सौगंध जैसी फिल्मों में उनके मासूम चेहरे और सहज अभिनय ने दर्शकों का दिल जीत लिया. वह उस दौर की सबसे चर्चित और खूबसूरत अभिनेत्रियों में गिनी जाने लगीं.
करियर बुलंदियों पर था, लेकिन जिंदगी का अगला पन्ना किसी डरावनी स्क्रिप्ट से कम नहीं था.

मुख्यमंत्री के बेटे से शादी और 11 दिन में विधवा

जब लीना 25 साल की थीं, तभी उनकी मुलाकात हुई सिद्धार्थ बांदोडकर से, जो गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बांदोडकर के बेटे थे. सिद्धार्थ पढ़े-लिखे, आकर्षक और बेहद सुलझे हुए इंसान थे. दोनों के बीच दोस्ती हुई और जल्द ही रिश्ता शादी में बदल गया.

शादी के बाद लीना को लगा जैसे उनकी दुनिया संवर गई है. घर में खुशियां थीं, हनीमून की तैयारियां हो रही थीं और चारों तरफ सिर्फ प्यार का माहौल था. लेकिन किस्मत को शायद यह सब मंज़ूर ही नहीं था.

शादी के सिर्फ 11वें दिन सिद्धार्थ अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर साफ कर रहे थे कि अचानक गोली चल गई. गोली उन्हें लग गई और कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई. उस वक्त लीना ने सोचा भी नहीं था कि जिनसे सात फेरे लिए, वे इतने जल्दी साथ छोड़ देंगे.

तानों और दर्द से टूटी हसीना

पति की मौत के गम ने लीना को तोड़कर रख दिया. लेकिन उनके दुख में मरहम लगाने के बजाय रिश्तेदारों और समाज ने उन्हें ही दोषी ठहराना शुरू कर दिया. तरह-तरह के ताने, आरोप और निगाहें… यह सब सह पाना उनके लिए बेहद मुश्किल था.

एक तरफ उनका करियर चमक रहा था, दूसरी तरफ निजी जिंदगी अंधेरों में डूब चुकी थी. कई बार तो वह इस हद तक टूट गईं कि ज़िंदगी खत्म करने तक का ख्याल मन में आया. लेकिन किस्मत के पास उनके लिए अभी और भी मोड़ बाकी थे.

किशोर कुमार की एंट्री

इन्हीं अंधेरों के बीच उनकी जिंदगी में आए किशोर कुमार. फिल्म प्यार अजनबी है के सेट पर किशोर दा की मुलाकात लीना से हुई और वह पहली नज़र में ही उनकी मासूमियत के कायल हो गए. किशोर दा ने उन्हें प्रपोज कर दिया, लेकिन उस वक्त लीना मानसिक रूप से बिल्कुल तैयार नहीं थीं.

लेकिन किशोर कुमार हार मानने वालों में से नहीं थे. कहा जाता है कि उन्होंने लीना के घर के बाहर बाकायदा धरना तक दे दिया था. आखिरकार लीना मान गईं. हालांकि इस रिश्ते में एक बड़ी दिक्कत थी – लीना के पिता. उन्हें यह रिश्ता बिल्कुल मंज़ूर नहीं था, क्योंकि किशोर पहले ही तीन बार शादी कर चुके थे और लीना से पूरे 20 साल बड़े थे.

लेकिन प्यार अपनी राह बना ही लेता है. आखिरकार परिवार भी मान गया और लीना व किशोर ने शादी कर ली.

9 महीने की प्रेग्नेंट दुल्हन

इस शादी की एक बेहद अनोखी और चौंकाने वाली बात थी. लीना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने किशोर दा से दो बार शादी की थी- पहली बार कोर्ट मैरिज और दूसरी बार वैदिक रीति से.

उनकी मां की जिद थी कि बेटी पूरे सात फेरे ले. खास बात यह रही कि जब लीना सात फेरे ले रही थीं, उस वक्त वह 9 महीने की गर्भवती थीं. मंत्र पढ़ते समय वह बार-बार बैठ जाती थीं क्योंकि संभल नहीं पा रही थीं. लेकिन मां की इच्छा पूरी करने के लिए उन्होंने पूरे फेरे लिए.

कुछ ही दिनों बाद बेटे सुमित कुमार का जन्म हुआ, जो आज खुद म्यूजिक डायरेक्टर हैं और पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.

फिर टूटा दुखों का पहाड़

लेकिन लीना की जिंदगी को शायद खुशियां रास नहीं थीं. 1987 में अचानक किशोर कुमार की मौत हो गई. उस वक्त लीना 37 साल की थीं. सात साल तक का साथ और फिर एक बार वही दर्दनाक किस्सा – पति का साथ छूट जाना.

पहली बार 25 की उम्र में विधवा बनीं, दूसरी बार 37 की उम्र में. दो-दो बार अपने जीवनसाथी को खोना… यह किसी भी औरत के लिए असहनीय होता है.

आज की लीना चंदावरकर

आज लीना लाइमलाइट से दूर रहती हैं. वह अपने बेटे सुमित और किशोर कुमार के पहले बेटे अमित कुमार के साथ समय बिताती हैं. अब वह बहुत कम ही पब्लिक इवेंट्स में दिखती हैं. लेकिन उनकी कहानी आज भी एक मिसाल है.

यह कहानी सिखाती है कि जिंदगी कितनी भी दर्दनाक क्यों न हो, एक औरत में उसे सहने और आगे बढ़ने की ताकत होती है. लीना चंदावरकर ने अपने जीवन के दोनों मोर्चों – करियर और परिवार – पर तूफान झेले, लेकिन कभी हार नहीं मानी.

निष्कर्ष

फिल्मी दुनिया की यह चमचमाती हसीना सिर्फ पर्दे पर ही नहीं, बल्कि असल जिंदगी में भी एक मजबूत किरदार साबित हुई. सोचिए, 25 की उम्र में शादी, 11 दिन में विधवा, दूसरी शादी में 9 महीने की प्रेग्नेंसी और फिर सात साल बाद फिर से विधवा… यह किसी फिल्म की स्क्रिप्ट होती तो लोग कहते – “इतना भी ड्रामा कोई जिंदगी में होता है क्या?” लेकिन यह लीना चंदावरकर की हकीकत थी.

उनकी कहानी आज भी उतनी ही चौंकाने वाली है जितनी भावुक करने वाली. यही वजह है कि लीना सिर्फ एक अदाकारा नहीं, बल्कि एक साहसी औरत की पहचान बन चुकी हैं.



About the Author: Nishant Singh
निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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