सुप्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा का निधन
Authored By: अंशु सिंह (वरिष्ठ लेखिका और पत्रकार)
Published On: Tuesday, November 5, 2024
Updated On: Wednesday, November 6, 2024
मशहूर लोक गायिका एवं पद्मभूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा की तबीयत नाजुक बनी हुई थी। दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा था, जहां उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। जीवन से संघर्ष करते हुए आखिर में उन्होंने प्राण त्याग दिया.
दिल्ली के एम्स में कैंसर का इलाज करा रहीं शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) के स्वास्थ्य में सुधार के लिए हर कोई प्रार्थना एवं दुआ कर रहा है। छठ महापर्व के मौके पर पूर्वांचल एवं बिहार में सबसे अधिक उनके ही गीत गूंजते हैं। हर वर्ष इस त्योहार पर उनका कोई नया गीत रिलीज होता है। इस बार भी उन्होंने अपने प्रशंसकों को मायूस नहीं किया। हाल ही में शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान ने उनका नया गीत जारी किया। इस गीत के ऑडियो प्रोड्यूसर स्वयं अंशुमान हैं, जबकि संगीत आदित्य देव ने दिया है। गीत हृदय नारायण झा ने लिखा है।
बेटे ने की मां के लिए दुआ मांगने की अपील
शारदा सिन्हा के नए गीत के बोल हैं-दुखवा मिटाईं छठी मैया, रउए असरा हमार….। और इन पंक्तियों की तरह उन्हें उम्मीद है कि वे शीघ्र स्वस्थ होकर घर लौट सकेंगी। दरअसल, कुछ समय पूर्व ही उनके पति का देहांत हुआ है। इससे कैंसर से जूझ रहीं शारदा सिन्हा अंदर से टूट-सी गईं। बीते दिनों तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एम्स में दाखिल किया गया। डॉक्टर उनकी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। इस बीच, बेटे अंशुमान ने सभी से मां के लिए दुआ मांगने की गुहार लगाई है।
संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए हुईं सम्मानित
शारदा सिन्हा मैथिली, मगही एवं भोजपुरी में सबसे प्रसिद्ध गायिका के रूप में प्रसिद्ध रही हैं। छठ के छह दर्जन से भी अधिक गीत गाने के अलावा इन्होंने हिन्दी फिल्मों में भी गाने गाए हैं। कला के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1991 में पद्मश्री प्रदान किया था। इसके बाद वर्ष 2000 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2018 में भारत सरकार ने शारदा सिन्हा को पद्मभूषण देकर सम्मानित किया।
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