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खड़गे और नड्डा को लगी आयोग की फटकार
खड़गे और नड्डा को लगी आयोग की फटकार
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Thursday, May 23, 2024
Updated On: Saturday, June 29, 2024
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निर्देश दिया है कि वे अपने प्रचारकों को भाषण और वक्तव्य देने के लिए सावधानी बरतने के लिए नोटिस जारी करें। साथ ही आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन करने को कहें।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Saturday, June 29, 2024
आम चुनावों का पांचवां चरण सम्पन्न हो गया है। तीन दिन बाद छठे चरण का मतदान होना है। इससे पहले चुनाव आयोग ने भाजपा और कांग्रेस दोनों राजनीतिक दलों को फटकार लगाई है। दोनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को पत्र लिखकर आयोग ने सख्त निर्देश दिया है। आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निर्देश दिया है कि वे अपने प्रचारकों को भाषण और वक्तव्य देने के लिए सावधानी बरतने के लिए नोटिस जारी करें। साथ ही आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन करने को कहें। अन्यथा इसका उल्लंघन करने वाले नेताओं पर कार्यवाही की जा सकती है।चुनाव आयोग के एक विश्वस्त सूत्र ने बताया कि दोनों दलों के राष्ट्रीय को भेजे गए पत्रों में उदाहरण स्वरुप कुछ नेताओं के भाषणों का विवादित पंक्ति भी बताया गया है। आयोग ने उन भाषणों का जिक्र करते हुए सख्त लहजे में कहा है कि अपने प्रचारकों को आदर्श आचार संहिता के नियमों का पालन करने को कहें।
दरअसल, पिछले कई चुनावों में दलों के स्टार प्रचार रैलियों एवं सभाओं में जाति, धर्म, भाषा आदि को लेकर कोई विवादित भाषण न दें और न ही इससे जुड़े किसी ऐसे तथ्यों को रखें,जो विवादित और अपूर्ण हो। आयोग ने दोनों नेताओं से कहा है, ‘भारत का सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश एक स्थायित्व वाला है। इसे चुनावों के कारण प्रभावित नहीं किया जा सकता। भाजपा और कांग्रेस के किसी भी राजनीतिक दलों को भारतीय मतदाताओं के गुणवत्तापूर्ण चुनावी अनुभव की विरासत को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
खड़गे को आयोग की फटकार
आयोग ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पात्र लिखकर कहा है कि वे अपनी पार्टी में सुनिश्चित करें कि उनके स्टार प्रचार या नेता कोई ऐसा विवादित बयान न दें जिसमें में किसी प्रकार की सच्चाई न हो। साथ ही यह भी कहा है कि अपने नेताओं को सेना और सुरक्षाबलों के राजनीतिकरण करने से रोकें। वे कोई ऐसा बयान न दें, जिससे सुरक्षाबलों में विभाजन पैदा करता हो या फिर जाति, समुदाय आदि में बांटता हो। आयोग ने कुछ ऐसे उदाहरण भी दिए हैं, जिस पर उन्हें आपत्ति है। मसलन, भारत के संविधान को खत्म किया जा सकता है या फिर सेना के अग्निवीर योजना पर राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिए। यह भी कहा गया है कि समाज को बांटने वाले किसी भी भाषण को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
नड्डा को भी सख्त पत्र
भाजपा अध्यक्ष को लिखे पत्र में आयोग ने कहा है कि प्रचारकों के भाषणों की गुणवत्ता बनाये रखना बेहद जरूर कार्य है। मतदाताओं को जाति, धर्म, भाषा और समुदाय के आधार पर बांटने या वोट करने के लिए प्रेरित न किया जाएं। आयोग ने भाजपा को समाज में विभाजन पैदा करने वाले भाषण से बचने का निर्देश दिया है। साथ में यही भी कहा है की आचार संहिता का कड़ाई से पालन करवाया जाए अन्यथा किसी पर भी कार्यवाही हो सकती है। चुनावों की घोषणा से पहले एक मार्च को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सभी राजनीतिक दलों को प्रचार और भाषणों के लिए दिशा निर्देश जारी किये थे। तब उन्होंने कहा था, ‘राजनीतिक दलों को ऐसे नैतिक और सम्मानपूर्ण विमर्श को बढ़ावा देना चाहिए जो विभाजन के बजाय प्रेरणा देता हो। व्यक्तिगत हमले के बजाय विचारों को बढ़ावा देता हो।