Hip Fracture: हड्डियों के लिए ज़हर बन रहा है स्टेरॉयड! युवाओं में क्यों बढ़ रही है AVN बीमारी?

Hip Fracture: हड्डियों के लिए ज़हर बन रहा है स्टेरॉयड! युवाओं में क्यों बढ़ रही है AVN बीमारी?

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, May 27, 2025

Last Updated On: Tuesday, May 27, 2025

कमर और कूल्हे में दर्द दर्शाता हुआ ग्राफिक, जो Hip Fracture और AVN बीमारी के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करता है.
कमर और कूल्हे में दर्द दर्शाता हुआ ग्राफिक, जो Hip Fracture और AVN बीमारी के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करता है.

भारत में पिछले कुछ सालों से युवा शरीर की क्षमता बढ़ाने और मांसपेशियों को मजबूत करने वाली दवाओं और सप्लीमेंट्स का सेवन बहुत अधिक कर रहे हैं. हालिया शोध बताते हैं कि इस दौरान शहरी युवाओं में हिप डैमेज में खतरनाक वृद्धि देखी जा रही है. कहीं इसके पीछे स्टेरॉयड और प्रोटीन पाउडर का तो हाथ नहीं है!

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Tuesday, May 27, 2025

Hip Fracture: हाल में दिल्ली में जोड़ों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस आयोजन को ‘दिल्ली हिप 360’ नाम दिया गया. इस कार्यक्रम में ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने युवाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर चिंता जताई. युवाओं में एवस्कुलर नेक्रोसिस (एवीएन) और हिप डिजनरेशन के मामलों में खतरनाक वृद्धि हो रही है, जो पारंपरिक रूप से वृद्ध वयस्कों में देखी जाने वाली स्थिति है. इसमें कहा गया स्टेरॉयड और अनियमित प्रोटीन पाउडर के दुरुपयोग से 20 की उम्र के जिम जाने वाले युवा व्यक्तियों के हिप्स को गंभीर नुकसान (Hip Fracture) पहुंच रहा है.

एनाबॉलिक स्टेरॉयड के नुकसान (Steroids Side Effects)

हाल के वर्षों में युवा रोगियों में हिप से संबंधित शिकायतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. 30 वर्ष से कम आयु यहां तक कि 20 की उम्र के आसपास के युवा भी लगातार हिप दर्द की शिकायत करते हैं. जांच में अक्सर एवस्कुलर नेक्रोसिस (AVN) का पता चलता है. यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कूल्हे की हड्डी में रक्त की आपूर्ति बाधित होती है. इससे बोन डेड हो सकते हैं. इनमें से 70% से अधिक मामलों में एनाबॉलिक स्टेरॉयड के उपयोग या बिना डॉक्टर के प्रमाणित किए गए प्रोटीन पाउडर के अत्यधिक सेवन का इतिहास हो सकता है.

युवाओं में कूल्हों की समस्या (Hip Damage Problems in Youth)

जर्नल ऑफ़ ओर्थोपेडिक ट्रामा (Journal of Orthopaedic Trauma) के अनुसार, भारतीय युवाओं में कूल्हे की समस्याओं में वृद्धि का संकेत मिल रहा है. शराब और स्टेरॉयड का उपयोग युवा वयस्कों में एवीएन के लिए मुख्य योगदानकर्ता हैं. हाल ही में महाराष्ट्र एफडीए ने प्रोटीन पाउडर पर राज्यव्यापी जांच शुरू की. कई ब्रांडों में प्रदर्शन-बढ़ाने वाले स्टेरॉयड पाए गए, जिनमें से कई उचित लेबलिंग या अनुमोदन के बिना ऑनलाइन या जिम में स्वतंत्र रूप से उपलब्ध हैं. ऐसे युवा जो विशेष रूप से तेजी से शारीरिक परिवर्तन की चाहत रखते हैं, अनजाने में अपनी हड्डियों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं. विशेष रूप से कूल्हे के जोड़ के फीमरल हेड को, जो रक्त प्रवाह के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील है. उन्हें प्रदर्शन-बढ़ाने वाली दवाओं और मांसपेशियों के निर्माण के सप्लीमेंट्स को इग्नोर करना चाहिए.

कैसे करें बचाव (Prevention of Avascular Necrosis or Osteonecrosis)

एवस्कुलर नेक्रोसिस (एवीएन), जिसे ऑस्टियोनेक्रोसिस के रूप में भी जाना जाता है. इसके जोखिम को कम करने के लिए युवा प्रोटीन पाउडर और मसल्स सप्लीमेंट को सबसे पहले लेना बंद करें. स्वस्थ जीवनशैली विकल्पों पर ध्यान केंद्रित करें. अंतर्निहित जोखिम कारकों का प्रबंधन करें. इसमें शराब का सेवन सीमित करना, धूम्रपान छोड़ना, स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखना और स्टेरॉयड के उपयोग को नियंत्रित करना शामिल है, विशेष रूप से उच्च खुराक वाले कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (high-dose corticosteroids) लेना बंद करें.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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