Lifestyle News
Brain Aneurysm linked to Stress ?: हद से अधिक तनाव और चिंता बढ़ा सकता है ब्रेन एन्यूरिज्म का खतरा, हो जाएं सावधान
Authored By: अंशु सिंह
Published On: Friday, October 24, 2025
Last Updated On: Friday, October 24, 2025
आज की तेज रफ्तार जिन्दगी में तनाव और चिंता आम बात हो गई है. चाहे काम का दबाव हो, निजी संघर्ष हों या स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं, कई लोग मानसिक रूप से काफी अधिक परेशान हो जाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि तनाव और चिंता आपके मूड को प्रभावित करने से ज्यादा कुछ कर सकते हैं? क्या ये ब्रेन एन्यूरिज्म जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं?
Authored By: अंशु सिंह
Last Updated On: Friday, October 24, 2025
Salman Khan struggling from Brain Aneurysm : बॉलीवुड स्टार सलमान खान ने हाल ही में ‘द ग्रेट इंडियन कपिल शो’ में खुलासा किया था कि वह एक नहीं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. उन्होंने पहले ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया से जूझने की बात बताई थी, जिसके लिए साल 2011 में एक सर्जरी भी हुई थी. अब सलमान ने बताया है कि वे दो और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से जूझ रहे हैं- ब्रेन एन्यूरिज्म और आर्टेरियोवेनस मालफॉर्मेशन (एवीएम). बड़ी बात ये है कि ऐसी दर्दनाक और गंभीर बीमारियों से जूझने के बावजूद सलमान खान ने काम करना जारी रखा है. यहां तक कि एक्शन सीन भी बखूबी करते हैं. उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि स्वास्थ्य समस्याएं किसी को भी प्रभावित कर सकती हैं, चाहे वे बाहर से कितने भी मजबूत या फिट दिखें. रियलिटी स्टार किम कार्दशियन ने भी हाल ही में अपने शो में खुलासा किया कि डॉक्टरों ने एमआरआई स्कैन के दौरान उनके मस्तिष्क में एक ‘छोटा एन्यूरिज्म’ पाया, जिसका कारण उन्होंने कान्ये वेस्ट से तलाक के बाद का तनाव बताया. इस बीच, ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ में अपनी भूमिका के लिए मशहूर हुईं अभिनेत्री एमिलिया क्लार्क ने खुलासा किया था कि कैसे 24 साल की उम्र में वे दो जानलेवा ब्रेन एन्यूरिज्म से उबर पाईं.
क्या है ब्रेन एन्यूरिज्म? (What is Brain Aneurysm ? )
चिकित्सकों के अनुसार, लंबे समय तक काम करना, आराम न करना और नियमित स्वास्थ्य जांच की उपेक्षा करना कई बार हमारे शरीर को चुपचाप नुकसान पहुंचाता रहता है. जहां तक ब्रेन एन्यूरिज्म का सवाल है, तो यह मस्तिष्क में रक्त वाहिका की दीवार में एक कमजोर जगह होती है, जो उभर जाती है या फूल जाती है. समय के साथ, वाहिका में प्रवाहित रक्त का दबाव इस उभार को बढ़ा सकता है और संभावित रूप से फट सकता है. इससे मस्तिष्क में ब्लीडिंग यानी रक्तस्राव हो सकता है, जिसे रक्तस्रावी स्ट्रोक कहा जाता है. कई छोटे एन्यूरिज्म वर्षों तक बिना फटे और बिना लक्षण वाले रहते हैं. एक और ध्यान देने वाली बात ये है कि सभी ब्रेन एन्यूरिज्म फटने से पहले लक्षण नहीं दिखाते. फिर भी कुछ लक्षण हैं, जिन पर ध्यान देना चाहिए-
1. फटने से पहले
- सिरदर्द (खासकर एकतरफा)
- आंख के ऊपर या पीछे दर्द
- पुतली का फैलना या दृष्टि में बदलाव
- चेहरे के एक तरफ सुन्नपन या कमजोरी
2. फटने के बाद
- अचानक तेज सिरदर्द होना
- मतली या उल्टी होना
- गर्दन में अकड़न
- धुंधला या दोहरी दृष्टि
- दौरे या बेहोशी
तनाव, चिंता से ब्रेन एन्यूरिज्म का खतरा (Stress, Anxiety can lead to Brain Aneurysm)
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि भावनात्मक तनाव सीधे तौर पर एन्यूरिज्म का कारण नहीं बन सकता है. लेकिन यह उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों को और बिगाड़ सकता है, जो एन्यूरिज्म का कारण बनती हैं. कुछ मेडिकल रिपोर्ट्स में भय, क्रोध या दर्द जैसी अचानक भावनात्मक घटनाओं को एन्यूरिज्म के फटने से जोड़ा गया है. न्यूरोसर्जन डॉ. निनाद पाटिल के अनुसार, अगर आपको पहले से ही एक ऐसा ब्रेन एन्यूरिज्म है, जो फटा नहीं है और रक्तचाप में अचानक वृद्धि हो जाती है, तो उससे जोखिम बढ़ जाती है. जैसा कि तीव्र चिंता या पैनिक अटैक के दौरान देखा जाता है. हालांकि, इस पर अभी भी शोध जारी है. कई डॉक्टर्स इस बात पर सहमत हैं कि तनाव और चिंता ट्रिगर के रूप में काम कर सकते हैं, खासकर उन लोगों में जिनमें पहले से ही एन्यूरिज्म या अन्य जोखिम कारक हैं. कुछ और कारणों पर भी गौर करना अच्छा रहेगा..
– हाई ब्लड प्रेशर से रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर दबाव पड़ता है.
– धूम्रपान की आदत एन्यूरिज्म के बनने और फटने के जोखिम को काफी बढ़ा देती है.
– 30 से 60 वर्ष की आयु के वयस्कों और महिलाओं में एन्यूरिज्म का खतरा ज़्यादा आम होता है.
– पॉलीसिस्टिक किडनी रोग, एहलर्स-डैनलोस और फाइब्रोमस्क्युलर डिस्प्लेसिया जैसी वंशानुगत स्थितियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं.
-अत्यधिक शराब या अवैध नशीली दवाओं का सेवन रक्तचाप को बढ़ा देता है, जो अंतत: रक्त वाहिकाओं की दीवारों को नुकसान पहुंचाती हैं.
– आघात या संक्रमण एन्यूरिज्म के गठन को ट्रिगर कर सकते हैं.
कैसे कम करें तनाव? (How can Stress be released?)
तनाव केवल एक मानसिक भावना से कहीं अधिक है. जब आप तनाव में होते हैं, तो शरीर कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन रिलीज करके प्रतिक्रिया करता है. ये हार्मोन इंसान के दिल की धड़कन तेज कर देते हैं और रक्तचाप को बढ़ा देते हैं. अगर तनाव पुराना हो जाता है, तो यह लगातार तनाव मस्तिष्क सहित रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में स्ट्रेस को कंट्रोल में रखने से आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को फायदा हो सकता है…
- रोजाना गहरी सांस लेने या ध्यान करने का अभ्यास करें.
- नियमित रूप से व्यायाम करें. 30 मिनट की सैर भी मदद करती है.
- पर्याप्त नींद लें (प्रति रात 7 से 8 घंटे)
- ज्यादा कैफीन या शराब के सेवन से बचें
- अकेलापन महसूस होने पर किसी दोस्त, परिवार के सदस्य या चिकित्सक से बात करें.
यह भी पढ़ें :- AIIMS गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने बताए 4 सुपरफ्रूट्स, जो Colon Cancer के खतरे को कर सकते हैं कम!

















