महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है ‘भद्रासन’, जानें योग विधि, लाभ और सावधानी

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Friday, July 18, 2025

Last Updated On: Friday, July 25, 2025

Bhadrasana For Women बेहद लाभकारी योग आसन है, यह प्रजनन स्वास्थ्य, मानसिक शांति और लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है, जानें इसकी सही विधि, फायदे और जरूरी सावधानियां.
Bhadrasana For Women बेहद लाभकारी योग आसन है, यह प्रजनन स्वास्थ्य, मानसिक शांति और लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है, जानें इसकी सही विधि, फायदे और जरूरी सावधानियां.

भद्रासन न केवल शरीर को लचीला बनाता है, बल्कि यह महिलाओं की शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी योगासन है. जानिए इस लेख में कि भद्रासन क्या है, इसे कैसे किया जाता है, इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हैं और इसे करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Friday, July 25, 2025

Bhadrasana For Women: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाएं कई जिम्मेदारियों के बीच फंसी होती हैं घर, ऑफिस, परिवार और समाज. ऐसे में खुद के लिए समय निकाल पाना मुश्किल हो जाता है. लेकिन सेहत की अनदेखी लंबे समय में गंभीर परिणाम दे सकती है. योग एक ऐसा माध्यम है, जो महिलाओं को न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है. विशेषकर कुछ योगासन जैसे भद्रासन महिलाओं के लिए वरदान की तरह साबित हो सकते हैं. यह लेख भद्रासन के महत्व, लाभ, सही तरीका और सावधानियों पर आधारित है, जो हर महिला के लिए उपयोगी होगा.

योगा महिलाओं के लिए कितना जरूरी है?

महिलाओं के जीवन में हर पड़ाव पर शरीर और मन के बीच संतुलन की आवश्यकता होती है चाहे वह किशोरावस्था हो, मातृत्व, या फिर रजोनिवृत्ति (Menopause). योग इस संतुलन को बनाए रखने का बेहतरीन माध्यम है. यह महिलाओं को हार्मोनल असंतुलन, पीरियड्स की अनियमितता, तनाव, पीठ दर्द, मोटापा, थकान और अवसाद जैसे सामान्य लेकिन गंभीर समस्याओं से बचाने में मदद करता है.

योग न केवल फिटनेस बल्कि महिला के आत्मविश्वास और अंदरूनी ऊर्जा को भी बढ़ाता है. नियमित योगाभ्यास से महिलाएं अपने शारीरिक लक्षणों को समझना और नियंत्रित करना सीखती हैं. खासकर भद्रासन जैसे आसान लेकिन प्रभावी योगासन महिला स्वास्थ्य के लिए बहुत कारगर साबित हुए हैं.

भद्रासन क्या है?

भद्रासन संस्कृत शब्द “भद्र” से बना है, जिसका अर्थ है ‘शुभ’, ‘कल्याणकारी’ या ‘शांतिपूर्ण’. इसे ग्रेसफुल पोज़ या बटरफ्लाई पोज़ भी कहा जाता है. यह एक सीटेड योगासन है जिसमें दोनों पैर मोड़कर तलवे आपस में मिलाए जाते हैं और घुटनों को नीचे की ओर झुकाया जाता है.

यह आसन देखने में बहुत सरल लगता है, लेकिन इसके अंदर छिपे लाभ अत्यंत गहरे हैं, विशेषकर महिलाओं के लिए. भद्रासन ध्यान और प्राणायाम के लिए भी एक आदर्श स्थिति है.

भद्रासन के फायदे

भद्रासन को नियमित रूप से करने से महिलाओं को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:

  • गर्भाशय और प्रजनन तंत्र को मजबूत बनाता है: यह योगासन प्रजनन अंगों की ओर रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे मासिक धर्म नियमित होता है और गर्भधारण की संभावना बढ़ती है.
  • पेल्विक एरिया की ताकत बढ़ाता है: यह आसन पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत बनाता है, जिससे डिलीवरी के बाद रिकवरी तेज होती है और यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की समस्या दूर होती है.
  • पीठ और रीढ़ को लचीलापन देता है: भद्रासन करते समय पीठ सीधी रखने पर रीढ़ मजबूत होती है और पीठदर्द में राहत मिलती है.
  • तनाव और चिंता को कम करता है: भद्रासन के दौरान ध्यान केंद्रित करना मानसिक तनाव और अवसाद को दूर करता है, जिससे महिलाएं मानसिक रूप से अधिक स्थिर रहती हैं.
  • मासिक धर्म के दौरान आरामदायक: यह पोज़ मासिक धर्म के लक्षणों जैसे ऐंठन, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स को कम करने में सहायक है.
  • मेनोपॉज़ के लक्षणों से राहत: रजोनिवृत्ति के दौरान होने वाली बेचैनी, गर्माहट और मूड बदलाव को यह आसन संतुलित करता है.

भद्रासन कैसे करें? 

  • आरंभिक स्थिति: योग मैट पर बैठ जाएं और दोनों पैरों को सामने फैलाकर रखें.
  • पैर मोड़ें: अब दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और तलवों को आपस में जोड़ें.
  • एड़ियों को पास लाएं: धीरे-धीरे एड़ियों को शरीर की ओर खींचें ताकि वे जांघों के पास आ जाएं.
  • घुटनों को ज़मीन की ओर दबाएं: बिना ज़्यादा जोर लगाए, घुटनों को नीचे की ओर ले जाने का प्रयास करें.
  • पीठ सीधी रखें: कमर को सीधा रखें, कंधे ढीले और चेहरे पर मुस्कान.
  • हाथों की स्थिति: हथेलियों को पैरों के ऊपर रखें या घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें.
  • सांस पर ध्यान दें: आंखें बंद करके गहरी सांस लें और छोड़ें. इस अवस्था में 1-5 मिनट तक रहें.
  • वापसी: धीरे-धीरे पैर सीधा करके विश्राम की अवस्था में लौट आएं.

भद्रासन करते समय क्या सावधानी बरतें?

  • भारी भोजन के तुरंत बाद न करें: योगा अभ्यास हमेशा खाली पेट या हल्के भोजन के 2 घंटे बाद करना चाहिए.
  • घुटने या पेल्विक इंजरी हो तो टालें: यदि घुटने, कूल्हे या रीढ़ की हड्डी में चोट है तो यह आसन किसी योग प्रशिक्षक की निगरानी में ही करें.
  • स्ट्रेच को जबरदस्ती न करें: शरीर जितना सहज हो, उतना ही झुकें या घुटनों को नीचे ले जाएं. अधिक खिंचाव से नुकसान हो सकता है.
  • गर्भवती महिलाएं सावधानी बरतें: भद्रासन गर्भावस्था में लाभकारी हो सकता है, लेकिन इसे केवल डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की सलाह से ही करें.
  • पैरों के नीचे तकिया या कंबल रखें: यदि घुटनों को जमीन पर टिकाने में तकलीफ हो, तो सपोर्ट का इस्तेमाल करें.

निष्कर्ष

भद्रासन एक ऐसा योगासन है जो महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है. यह न केवल शारीरिक संतुलन और लचीलापन बढ़ाता है, बल्कि मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन भी देता है. दैनिक दिनचर्या में केवल 5–10 मिनट भी अगर इस योगासन को समर्पित किए जाएं, तो महिला शरीर में ऊर्जा, सुंदरता और संतुलन की एक नई धारा बह सकती है. इसलिए, भद्रासन को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें और अपने जीवन को ‘भद्र’ बनाएं अर्थात् शुभ, शांत और संतुलित.



About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.


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