रेखा गुप्ता की अगुवाई में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को साध रही है भाजपा

रेखा गुप्ता की अगुवाई में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को साध रही है भाजपा

Authored By: सतीश झा

Published On: Thursday, February 20, 2025

Updated On: Thursday, February 20, 2025

रेखा गुप्ता की अगुवाई में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को साध रही है भाजपा

दो बार विधानसभा चुनाव में हारीं. तीसरी बार भाजपा ने शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से ही टिकट दिया और पहली बार विधानसभा पहुंची. केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया दिया. वैश्य समुदाय से आने वाली रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) के पास दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ से लेकर दिल्ली नगर निगम का भी अनुभव है. कई प्रमुख नेताओं को दरकिनार करते हुए हाईकमान ने जिस प्रकार से दिल्ली में मुख्यमंत्री घोषणा की है, उसके बाद सहज ही सवाल उठने लगा है कि रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) की अगुवाई में भाजपा ने क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को साधने की जो सियासी चाल चली है, उसमें यह कितना सफल हो पाएगी ?

Authored By: सतीश झा

Updated On: Thursday, February 20, 2025

हाईलाइट्स

  • रेखा गुप्ता ने महिलाओं के अधिकारों और उनके उत्थान के लिए कई पहल की हैं, जिससे उन्हें एक सशक्त महिला नेता के रूप में पहचाना जाता है.
  • भाजपा ने क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन साधने की रणनीति अपनाई है.
  • वह दिल्ली के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार शामिल है.
  • भाजपा में विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने संगठन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को जोड़ने का काम किया है.

8 फरवरी,2025 को जैसे ही भाजपा (BJP) को बहुमत मिली, उसके बाद से ही दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर चर्चाओं का दौर चला. 27 साल बाद भाजपा को दिल्ली में सरकार बनाने का जनादेश मिला, लेकिन केंद्रीय नेताओं को मुख्यमंत्री का नाम तलाशने में 11 दिनों तक विचार-मंथन के दौर से गुजरना पड़ा. जैसे ही रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) के नाम की औपचारिक घोषणा हुई, कई नेताओं के चेहरे मलिन हो गए, जिस पर सोशल मीडिया पोस्टों के माध्यम से कई लोगों ने देखा. वैश्य समुदाय से आने, संघ की विशेष कृपा रखने वाली और संगठन का लंबा अनुभव रखने के कारण रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) अपने कई प्रतिद्वंद्वियों से बाजी मार गई.

महिलाओं को पक्ष में करने की सियासत

आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने दिल्ली में महिलाओं के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की. उससे महिलाओं का झुकाव रहा अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की ओर. जब केजरीवाल को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी तो आतिशी को सीएम पद देकर महिला सशक्तीकरण का संदेश दिया गया. इससे पहले करीब डेढ़ दशक तक कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित ने भी मुख्यमंत्री की बागडोर संभाली थी.
अब जब भाजपा को 27 साल बाद सरकार में रहने का अवसर मिला, तो वह भी महिला को मुख्यमंत्री बनाकर महिला सशक्तीकरण के अपनी सोच को जनता के बीच मुहर लगवाना चाहती है. गौर करने योग्य बात यह भी है कि अब तक भाजपा शासित राज्यों में किसी महिला को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया. इसलिए दिल्ली से संदेश देकर वह कई दूसरे राज्यों को संदेश देना चाहती है. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) भाजपा की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं. वह सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी के बाद दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में जनता के बीच रहेगी.

भाजपा ने क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन साधने की रणनीति अपनाई है

रेखा गुप्ता (Rekha Gupta)  के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने के साथ उनकी मंत्रिपरिषद में विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों के नेताओं को शामिल किया गया है, जिससे भाजपा का संतुलन बनाए रखने का प्रयास स्पष्ट रूप से झलकता है. रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने महिलाओं और वैश्य समुदाय को सशक्त संदेश दिया है. वहीं, उनकी कैबिनेट में प्रवेश साहिब सिंह, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंद्र इंद्राज सिंह, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह को शामिल कर पार्टी ने पंजाबी, जाट, राजपूत और पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को साधने का प्रयास किया है.

दिल्ली में क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना आवश्यक

भाजपा का यह कदम दिल्ली के सभी सामाजिक वर्गों को जोड़ने और आगामी चुनावों के लिए मजबूत जातीय समीकरण तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण रणनीति है. पार्टी नेतृत्व मानता है कि दिल्ली में क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, क्योंकि यहां पंजाबी, वैश्य, पूर्वांचली, जाट और अन्य समुदायों का व्यापक प्रभाव है. रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) के नेतृत्व में भाजपा ने यह संकेत दिया है कि पार्टी केवल विकास कार्यों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि सामाजिक और जातिगत संतुलन पर भी विशेष ध्यान देगी. अब देखने वाली बात होगी कि नई सरकार इन समीकरणों को कितनी प्रभावी रूप से भुना पाती है.

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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