कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में आखिर क्यों बन रहा है वोटिंग का रिकॉर्ड

कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में आखिर क्यों बन रहा है वोटिंग का रिकॉर्ड

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Sunday, May 26, 2024

Updated On: Saturday, June 29, 2024

kashmir ghati me ban raha hai voting ka record
kashmir ghati me ban raha hai voting ka record

अठारहवीं लोकसभा चुनावों के छठे चरण का मतदान संपन्न हो गया है। छठे चरण में दो केंद्र शासित प्रदेश और छह राज्यों के कुल 58 सीटों पर मतदान हुआ। इस तरह अब तक कुल 543 सीटों में से 486 लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रक्रिया पूरी हो गई है।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Saturday, June 29, 2024

अठारहवीं लोकसभा चुनावों के छठे चरण का मतदान संपन्न हो गया है। छठे चरण में दो केंद्र शासित प्रदेश और छह राज्यों के कुल 58 सीटों पर मतदान हुआ। इस तरह अब तक कुल 543 सीटों में से 486 लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रक्रिया पूरी हो गई है। चुनाव आयोग के मुताबिक शाम छह बजे तक करीब 59 प्रतिशत वोटिंग हुई है। वोटिंग प्रतिशत अभी और ऊपर जाने की पूरी संभावना है। आज जिन राज्यों में और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव हुआ, उसमें उत्तर प्रदेश की 14, हरियाणा की सभी 10, बिहार और पश्चिम बंगाल में 8-8, ओडिशा की 6 और झारखंड की 4 सीटों पर वोटिंग हुई। दो केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली की सभी 7 और जम्मू-कश्मीर की एक (अनंतनाग) सीट पर वोट डाला गया।

इस चरण में एक बार फिर कश्मीर घाटी के मतदाताओं ने सबको चौंकाया। वह इसलिए कि कश्मीर घाटी के राजनीतिक एवं चुनावी इतिहास (वोटिंग प्रतिशत के मामले) में इसे ऐतिहासिक चुनाव माना जाएगा। पांचवें चरण में घाटी के बारामूला लोकसभा सीट पर वोटिंग हुई थी। इस सीट पर चुनाव आयोग के अंतिम आंकड़े के मुताबिक 59.1 प्रतिशत वोट पड़े हैं। वहीं आज अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर करीब 52 प्रतिशत से अधिक वोटिंग होने की सूचना है। इसके और ऊपर जाने की संभावना है। अभी तक इतना वोटिंग घाटी में कभी नहीं हुई है।

चुनाव आयोग के मुताबिक सबसे अधिक वोटिंग पश्चिम बंगाल में 78.19 प्रतिशत और सबसे कम जम्मू-कश्मीर में 52 प्रतिशत के करीब वोट पड़ा है। इसके अलावा झारखण्ड में 62.87, ओडिशा में 60.07, हरियाणा में 58.37, दिल्ली में 54.48, उत्तर प्रदेश में 54.03 और बिहार में 53.3 प्रतिशत वोट डाला गया है। हालांकि आयोग का यह अंतिम आंकड़ा नहीं है। इसके अभी बढ़ने की संभावना आयोग ने जताया है।

आज ओडिशा में लोकसभा के साथ विधानसभा के तीसरे चरण की भी वोटिंग हुई। ज्ञात हो कि ओडिशा विधानसभा का चुनाव चार चरणों में होना है। आज तीसरे चरण में कुल 42 विधानसभा सीटों पर करीब 60 प्रतिशत मतदान हुआ है। इसके पहले यहां 13 मई और 20 मई को दो चरण के विधानसभा सीट के लिए वोट डाले गए थे। एक जून को लोकसभा के साथ-साथ यहां के विधानसभा के भी अंतिम चरण का मतदान होगा।

इस चुनावी पर्व में ओडिशा के अलावा तीन अन्य राज्यों के विधानसभा का भी चुनाव हुआ है। इनमें अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और आंध्र प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं। अरुणाचल प्रदेश की सभी 60 और सिक्किम की सभी 32 विधानसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान हुआ है। लोकसभा के चौथे चरण के साथ आंध्र प्रदेश की सभी 175 सीटों पर 13 मई को मतदान हुआ। इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इस बार तीन ऐसे राज्य हैं, जहां सभी सात चरणों में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। ये उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल राज्य हैं।

इस चुनाव में कुल 96.8 करोड़ पंजीकृत वोटर हैं। इनमें 47.1 करोड़ महिलाएं और 49.7 करोड़ पुरुष वोटर हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक 1.89 करोड़ वोटर पहली बार वोट डालेंगे। आयोग ने यह भी बताया है कि 19.74 करोड़ युवा वोटर्स हैं। इनकी उम्र 20 से 29 वर्ष है।

छठे चरण में जिन बड़े नेताओं के राजनीतिक भाग्य का फैसला हुआ, उनमें में ओडिशा के संबलपुर सीट से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर सीट से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी हैं। पुरी सीट से भाजपा के चर्चित प्रवक्ता संबित पात्रा हैं। दिल्ली के उत्तर पूर्वी सीट से भाजपा के मनोज तिवारी और चर्चित छात्र नेता कन्हैया कुमार चुनावी में दंगल कर रहे हैं। हरियाणा के करनाल सीट से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हैं तो जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी सीट से पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती भाग्य आजमा रही थीं।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।

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