सरपंच से मुख्यमंत्री तक: मोहन माझी की उठान की आदिवासी कहानी
सरपंच से मुख्यमंत्री तक: मोहन माझी की उठान की आदिवासी कहानी
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Wednesday, June 12, 2024
Updated On: Thursday, June 27, 2024
ओडिशा के अगले मुख्यमंत्री कौन होंगे इस पर विराम लग गया है। भुवनेश्वर में भाजपा विधायकों की बैठक हुई। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद थे। विधायकों की बैठक में संथाल जनजाति से आने वाले 52 वर्षीय आदिवासी नेता मोहन चरण माझी को नेता चुना गया। इस प्रकार मोहन माझी ओडिशा के अगले नए मुख्यमंत्री होंगे। कल शाम पांच बजे वे शपथ लेंगे। भाजपा ने इनके साथ दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए हैं।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Thursday, June 27, 2024
मोहन माझी की आक्रामक राजनीति का उदय
मोहन माझी चौथी बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। इनके तेवर हमेशा से आक्रामक रहे हैं। शायद इसीलिए राज्य में इनकी पहचान एक तेज तर्रार आदिवासी नेता की है। माझी पहली साल एक घटना से सुर्खियों में आए थे। उस घटना को इन्होंने खुद अंजाम दिया था। दरअसल, राज्य में करोड़ों रुपए के मिड डे मील का घोटाला हुआ था। घोटाले की जांच की भाजपा लंबे समय से मांग कर रही थी। जब पार्टी की मांग अनदेखी की गई तो इन्होंने विरोध का एक अनोखा ढंग अपनाया।
मिड-डे मील घोटाला: विरोध में दाल फेंककर सुर्खियों में आए तेज तर्रार माझी
मिड डे मील घोटाले की जांच जब नहीं की गई तो पिछले साल माझी ने भरे सदन में स्पीकर पर दाल फेंक कर विरोध जताया। बाद में इनके विरोध का यह अनोखा अंदाज ही इनकी पहचान बन गई। हालांकि इस घटना के बाद इन्हें निलंबित कर दिया गया था। बताया जाता है कि विरोध प्रदर्शन की यह रणनीति इन्होंने अपने कुछ साथी विधायकों के साथ बनाया था। लेकिन जब सदन में दाल फेंकने का समय आया तो दूसरे विधायकों ने ऐसा करने से मना कर दिया था। तब इन्होंने अकेले ही इसे अंजाम दिया था। उस वक्त इस विरोध प्रदर्शन ने राज्य की राजनीति में काफी तूल पकड़ा था। अब देखिए, इनकी उस विरोध प्रदर्शन ने इन्हें एक साल के अंदर राज्य का कमान सौंप दिया। वे राज्य में भाजपा की ओर से पहले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। कल शाम 5 बजे माझी शपथ लेंगे।
सरपंच से राजनीति की शुरुआत
मोहन चरण माझी ने अपनी राजनीति की शुरुआत सरपंच से की थी। वे 1997 में सरपंच बने थे और 2000 तक इस पद पर रहे थे। उसके बाद भाजपा ने इन्हें विधानसभा का टिकट दिया और वे विधायक चुने गए। वे राज्य में भाजपा के आदिवासी मोर्चा में भी थे। माझी संथाल जनजाति से आते हैं। इनका गांव क्योंझर जिले के अंतर्गत रायकला है। पार्टी ने एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया है अब भाजपा की ओर से एक आदिवासी ओडिशा का मुख्यमंत्री बनने जा रहा है।
भाजपा के मजबूत आदिवासी नेता
इस बार का विधानसभा चुनाव इन्होंने क्योंझर विधानसभा सीट से जीते हैं। इस सीट पर वे लगातार दूसरी बार जीते हैं। इसके पहले 2009 और 2014 में इन्हें इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। इस बार इन्होंने बीजू जनता दल की मीना माझी को 11 हजार से ज्यादा वाेटों के अंतर से हराया है। पिछली इनके जीत का अंतर बहुत काम था। 2019 में इनके जीत का अंतर सिर्फ 1,124 वोटों का था। इन पर अब तक भ्रष्टाचार के कोई आरोप नहीं लगे हैं। माझी भाजपा के समर्पित नेता हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी इनके अच्छे रिश्ते हैं। शायद संघ से अच्छे संबंध का इन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया।
15वें मुख्यमंत्री होंगे माझी
मोहन चरण माझी राज्य के 15वें मुख्यमंत्री होंगे। इनके साथ विधायक केवी सिंह देव और पार्वती परीदा उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। माझी ओडिशा विधानसभा में भाजपा विधायक दल के चीफ व्हिप की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। इन्हें जमीनी नेता माना जाता है। ये हमेशा आम लोगों के बीच सक्रिय रहते हैं। यही कारण है कि ओडिशा में बीजू जनता दल की लंबे शासनकाल में भी माझी चुनाव जीतते रहे हैं।
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