विरासत टैक्स पर बवाल : बैकफुट पर कांग्रेस

विरासत टैक्स पर बवाल : बैकफुट पर कांग्रेस

Authored By: रमेश यादव

Published On: Sunday, April 28, 2024

virasat tax par bawal baikphut par congress
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा अपने भाषण में सत्ता में आने पर लोगों की संपत्ति का एक्सरे करने की बात पर कांग्रेस के ओवरसीज अध्यक्ष सैम पित्रोदा के बयान पर बवाल मच गया। पित्रोदा ने कहा था कि अमेरिका जैसे देश में उत्तराधिकार कर लगता है। इसके तहत किसी के मर जाने पर उसकी संपत्ति का 55 प्रतिशत सरकार ले लेती है और उसके बच्चों को उस संपत्ति का 45 प्रतिशत ही मिलता है। यह व्यवस्था भारत में भी हो सकती है। हालांकि बाद में पित्रोदा ने इसे अपनी निजी राय बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की। कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने भी इसे उनकी निजी राय बताया। लेकिन लोकसभा चुनाव के बीच में कांग्रेस के लिए इस तरह का बयान उलटा पड़ता नजर आ रहा है...

Authored By: रमेश यादव

Updated On: Sunday, April 28, 2024

सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां पूरे उफान पर हैं। हर दल और गठबंधन मतदाताओं को लुभाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाये हुए हैं। वार पलटवार का दौर जारी है। ढूंढ़-ढूंढ़ कर गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं। इस बीच पहले चरण में कम मतदान से परेशान भाजपा को दूसरे चरण के मतदान से पहले कांग्रेस ने बैठे बिठाये मुद्दा दे दिया है। यह ऐसा मुद्दा है जो चल गया तो कांग्रेस की रही सही संभावनाओं पर भी पानी फिर जायेगा। यह मुद्दा दिया है कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने। भाजपा संपत्ति के बंटवारे वाली राहुल की बात पर पहले से ही हमलावर थी अब पित्रोदा का बयान सोना पर सुहागा बन गया है। इससे कांग्रेस पूरी तरह से बचाव की मुद्रा में है।

मृत्यु के बाद विरासत टैक्स के नाम पर लोगों की आधी संपत्ति जब्त करने के कानून की वकालत कर पित्रोदा ने कांग्रेस को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है। विरोधियों की बोलती बंद कर देने का कौशल रखने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भला कैसे चूकने वाले थे। वे इसे लेकर लगातार कांग्रेस पर हमलावर हैं। दरअसल, ओवरसीज कांग्रेस के मुखिया सैम पित्रोदा ने मृत्यु के बाद विरासत टैक्स की बात अमेरिकी कानून का हवाला देते हुए एक इंटरव्यू में कही है। पित्रोदा का बयान राहुल गांधी के संपत्ति के सर्वे और उसे दोबारा बांटने के वादों के बीच आया है। हालांकि अब राहुल गांधी अपने इस बयान से पलटने लगे हैं।

बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के सरगुजा में कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। इस दौरान उन्होंने संपत्ति के दोबारा बंटवारे और मरने के बाद संपत्ति जब्त करने जैसे मुद्दों लेकर कांग्रेस को घेरा। प्रधानमंत्री मोदी ने ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान को लेकर हमला बोलते हुए लोगों को चेताया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो जीवन भर की कमाई छीन लेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लूट जिन्दगी के साथ भी और जिन्दगी के बाद भी चलती है।

प्रधानमंत्री यहीं नहीं रुके बल्कि इसे विस्तार देते हुए कहा कि, “आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वह आपके बच्चों को नहीं मिलेगा। कांग्रेस का पंजा उसे छीन लेगा। कांग्रेस का मंत्र है कि उनकी लूट जिन्दगी के साथ भी और जिन्दगी के बाद भी। जब आप जीवित रहेंगे तो आपको ज्यादा टैक्स से मारेगी, जीवित ना होने पर इन्हेरिटेंस टैक्स लाद देगी।”

गौरतलब है कि ओवरसीज कांग्रेस के मुखिया सैम पित्रोदा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अमेरिका में एक विरासत कर (इनहेरिटेंस टैक्स) है। अगर किसी व्यक्ति के पास 100 मिलियन डॉलर है और जब वह मरता है तो वह केवल इसका 45 प्रतिशत ही अपने बच्चों को दे सकता है। 55 प्रतिशत सरकार के खजाने में जाता है। इस कानून के अनुसार, आपने अपने समय में संपत्ति बनाई और अब इसे जनता के लिए छोड़ दीजिए। पूरी नहीं तो कम से कम आधी तो जनता के लिए छोड़ ही दें। मुझे ये एकदम सही लगता है।

इसके बाद सैम पित्रोदा ने इस कानून की वकालत में कहा कि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है, भारत में अगर किसी के पास 10 बिलियन डॉलर हैं और वह मरता है तो उसके बच्चों को पूरे 10 बिलियन डॉलर मिलते हैं। जनता को उसमें से कुछ नहीं मिलता। यह कुछ मामले हैं जिन पर बहस और विचार होगा। जब हम संपत्ति दोबारा से बांटने के बारे में बात करेंगे तो इसका मतलब नए कानून और नीतियों पर बात करना होगा।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संपत्ति के सर्वे की बात कही है। कांग्रेस के मैनिफेस्टो में भी सर्वे की बात की गई है। राहुल गांधी ने यह भी कहा है कि सर्वे के बाद संपत्ति का दोबारा से बंटवारा किया जाएगा। यह अलग बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनके इस बयान पर जोरदार पलटवार करने के बाद अब वे अपने बयान से पलट रहे हैं। कांग्रेस के संपत्ति बंटवारे की योजना को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी विरोध हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी चुनावी सभाओं में राहुल गांधी और कांग्रेस के इस चुनावी एजेंडे को लेकर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस महिलाओं का मंगलसूत्र छीनना चाहती है। कांग्रेस की ओर से हर रोज इस पर सफाई आ रही है। प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से सफाई दी और संपत्ति के बंटवारे की बात को बेबुनियाद बताया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मां ने अपना मंगलसूत्र देश के लिए न्योछावर कर दिया। उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु 1991 में लिट्टे के आत्मघाती दस्ते के बम विस्फोट में हो गई थी।

बहरहाल, वेल्थ सर्वे के बाद विरासत टैक्स को लेकर बैकफुट पर आई कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान को उनका व्यक्तिगत विचार बताना शुरू कर दिया है। जयराम रमेश ने इस बयान के विषय में ट्विटर पर लिखा कि पित्रोदा जी उन मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखते हैं जिनके बारे में वह बोलना जरूरी समझते हैं। लोकतंत्र में एक व्यक्ति अपनी बात रखने, चर्चा करने और व्यक्तिगत विचारों को लेकर बहस करने के लिए स्वतंत्र होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा कांग्रेस की पोजीशन को दर्शाते हैं। कई बार उनके विचार अलग होते हैं। अब उनकी टिप्पणियों को सनसनीखेज बनाकर दूसरे संदर्भ में पेश किया जा रहा है।

पित्रोदा के बयान से किनारा कर कांग्रेस ने फिलहाल लीपापोती की कोशिश जरूर की है लेकिन यह उसके गले की ऐसी हड्डी बन गया है जिसे न तो निगलते बन रहा है और न ही उगलते। पित्रोदा पार्टी के लिए दूसरे मणिशंकर अय्यर बन गये हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर की एक टिप्पणी से नरेन्द्र मोदी ने चुनाव का पूरा नैरेटिव बदल दिया था। अय्यर ने उस समय मोदी को चायवाला कहकर उनका उपहास किया था।

अब अय्यर वाली गलती ही सैम पित्रोदा ने कर दी है। वैसे पित्रोदा 2019 के चुनावों में भी कांग्रेस का गुण गोबर कर चुके हैं। उन्होंने राहुल गांधी की न्याय योजना के तहत गरीबों को सालाना 72 हजार रुपये सालाना दिये जाने वाली योजना को पूरा करने के लिए मिडिल क्लास पर टैक्स बढ़ाने की बात कह दी थी। साथ ही बालाकोट स्ट्राइक पर संदेह करके भी उन्होंने कांग्रेस का काम खराब किया था।

About the Author: रमेश यादव
रमेश यादव ने राष्ट्रीय और राजनीतिक समाचारों के क्षेत्र में व्यापक लेखन और विश्लेषण किया है। उनके लेख राजनीति के जटिल पहलुओं को सरलता और गहराई से समझाते हैं, जो पाठकों को वर्तमान राजनीतिक घटनाओं और नीतियों की बेहतर समझ प्रदान करते हैं। उनकी विशेषज्ञता सिर्फ सूचनाओं तक सीमित नहीं है; वे अपने अनुभव के आधार पर मार्गदर्शन और प्रासंगिक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करते हैं। रमेश यादव की लेखनी तथ्यों पर आधारित और निष्पक्ष होती है, जिससे उन्होंने पत्रकारिता और विश्लेषण के क्षेत्र में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है।

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