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GST Council Meeting: हेल्थ और लाइफ इन्शुरन्स पर कम नहीं हुआ टैक्स
GST Council Meeting: हेल्थ और लाइफ इन्शुरन्स पर कम नहीं हुआ टैक्स
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Saturday, December 21, 2024
Updated On: Saturday, December 21, 2024
जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में तकनीकी कारणों से आज स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पर लगने वाले टैक्स कम करने के निर्णय को टाल दिया गया है। मंत्रियों के समूह (जीओएम) को इस पर अभी और विचार-विमर्श करने का काम सौंपा गया।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Saturday, December 21, 2024
हाइलाइट्स
- अधिकारियों के मुताबिक जीएसटी परिषद ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लगने वाले टैक्स नहीं किया कम।
- इस पर अंतिम फैसला लेने के लिए परिषद की जनवरी में फिर होगी बैठक।
- तकनीकी कारणों से टैक्स कम करने के फैसले को टाला गया।
- 5 लाख रुपये से अधिक के प्रीमियम पर जीएसटी 18% पर बना रहेगा।
जीएसटी परिषद ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर लगने वाले टैक्स को कम करने के फैसले को अगली बैठक तक के लिए टाल दिया है। जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 55 वीं बैठक आज राजस्थान के जैसलमेर में हुई। इस बैठक के पहले आम लोगों को उम्मीद थी कि जीएसटी परिषद् इस पर कोई निर्णय लेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अभी और होगी चर्चा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में चर्चाओं के बाद निष्कर्ष निकाला गया कि स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा में टैक्स घटने या किसी भी अन्य बदलाव को अंतिम रूप देने से पहले अभी और बातचीत की आवश्यकता है।
क्या कहते हैं सम्राट चौधरी?
बीमा पर गठित मंत्री समूह की अध्यक्षता बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी कर रहे हैं। उन्होंने इस बैठक के बाद बताया कि अभी कुछ लंबित मुद्दे हैं। मसलन, समूह पॉलिसियों, व्यक्तिगत पॉलिसियों और वरिष्ठ नागरिकों की योजनाओं के टैक्स से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए और समय की आवश्यकता है। इन चर्चाओं को अंतिम रूप देने के लिए जनवरी में मंत्री समूह की अगली बैठक निर्धारित की गई है।
मंत्री समूह ने की थी सिफारिश
नवंबर में मंत्री समूह ने इसमें कुछ सुधारों की सिफारिश की थी। इसमें टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को जीएसटी से छूट देना शामिल है। इसी तरह, वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भुगतान किए जाने वाले स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को छूट देने का प्रस्ताव किया गया था। साथ ही गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5 लाख रुपये तक के प्रीमियम को भी छूट दी गई थी। आज निर्णय लिया गया है कि 5 लाख रुपये से अधिक के प्रीमियम पर 18% कर लगता रहेगा।
राज्यों के बीच आम सहमति की जरूरत
स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम में प्रस्तावित परिवर्तनों के बारे में राज्यों के बीच अलग-अलग राय है। अधिकांश राज्य इस टैक्स के बोझ को कम करने के पक्ष में हैं। कुछ राज्य अभी इसको लेकर तैयार नहीं हैं। इस बदलाव को लेकर सरकार आम सहमति चाहती है। इसलिए आम सहमति और उनकी आशंकाओं को खत्म करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।