फर्जी दस्तावेज के रेकैट का भंडाफोड़, इसका ही इस्तेमाल करते आ रहे हैं बंग्लादेश घुसपैठिए

फर्जी दस्तावेज के रेकैट का भंडाफोड़, इसका ही इस्तेमाल करते आ रहे हैं बंग्लादेश घुसपैठिए

Authored By: सतीश झा

Published On: Tuesday, December 17, 2024

Fake Document Racket
Fake Document Racket

भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा तनावपूर्ण हालात के बीच बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या और उनकी संभावित हिंसक गतिविधियों को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। इस संदर्भ में पश्चिम बंगाल पुलिस ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर अवैध दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोहों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है।

Authored By: सतीश झा

Updated On: Tuesday, December 17, 2024

पश्चिम बंगाल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन गिरोहों का एक समान कार्य पैटर्न उजागर हुआ है। ये गिरोह बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी भारतीय पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज तैयार करते हैं। उनकी गतिविधियां सीमावर्ती गांवों से शुरू होती हैं, जो अंतरराष्ट्रीय जमीन और समुद्री सीमाओं के पास स्थित हैं।

घुसपैठ का चरणबद्ध तरीका

जांच में सामने आया है कि जब बांग्लादेशी घुसपैठिए अवैध रूप से सीमा पार कर भारत में प्रवेश करते हैं, तो गिरोह के एजेंट उनके संपर्क में आते हैं। जो घुसपैठिए बड़ी रकम देने को तैयार होते हैं, उनके लिए सीमावर्ती गांवों में सुरक्षित ठिकानों का प्रबंध किया जाता है। इसके बाद सबसे पहले राशन कार्ड जैसे प्राथमिक पहचान पत्र तैयार कराए जाते हैं। इसके बाद आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र (EPIC), और पैन कार्ड बनवाए जाते हैं। फर्जी पासपोर्ट तैयार करना इस प्रक्रिया का अंतिम चरण होता है। सूत्रों के अनुसार, इन दस्तावेजों को बनवाने की पूरी प्रक्रिया में घुसपैठियों को ₹2 से ₹3 लाख तक खर्च करने पड़ते हैं।

गिरोह के सरगनाओं की गिरफ्तारी

रविवार को पश्चिम बंगाल पुलिस की तटीय पुलिस डिवीजन ने ऐसे ही एक गिरोह के सरगनाओं समरेश बिस्वास और दीपक मंडल को गिरफ्तार किया। दीपक मंडल भारतीय डाक विभाग में संविदा कर्मचारी के रूप में काम करता था। इससे पहले, पुलिस ने उसके बेटे रिपन मंडल को भी गिरफ्तार किया था। अदालत ने दोनों आरोपियों को 20 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

पिछले मामले और बढ़ता खतरा

सूत्रों ने बताया कि इन गिरोहों का तरीका नदिया जिले के एक अन्य गिरोह से मेल खाता है, जिसने हाल ही में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के पूर्व कार्यकर्ता सलीम मतबार को फर्जी पासपोर्ट उपलब्ध कराया था। सलीम को हाल ही में कोलकाता के पार्क स्ट्रीट स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया गया था।

बांग्लादेश से सटे जिलों में सक्रिय ये फर्जी दस्तावेज गिरोह सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चुनौती बन गए हैं। मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता के कारण बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ बढ़ने की आशंका ने इस खतरे को और बढ़ा दिया है।

(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य खबरें