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जब संसद में कांग्रेसी सांसद प्रियंका गांधी की हरकत से मचा ऐसा बवाल !
जब संसद में कांग्रेसी सांसद प्रियंका गांधी की हरकत से मचा ऐसा बवाल !
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, December 16, 2024
Updated On: Monday, December 16, 2024
प्रियंका गांधी द्वारा संसद में फिलिस्तीन लिखा बैग लेकर आने पर राजनीतिक घमासान मच गया है। इस मुद्दे पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे "मुस्लिम तुष्टिकरण" करार दिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि संसद जैसे पवित्र स्थान पर इस तरह की वस्तु लेकर आना न केवल संवेदनशीलता की कमी दर्शाता है, बल्कि यह भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय गौरव के प्रति असंवेदनशीलता भी है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Monday, December 16, 2024
प्रियंका गांधी का यह कदम इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर उनकी स्पष्ट स्थिति को दर्शाता है। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने फिलिस्तीन के प्रति समर्थन जताया हो। नई दिल्ली स्थित फिलिस्तीन दूतावास के प्रभारी अबेद एलराज़ेग अबू जजेर ने हाल ही में प्रियंका गांधी को केरल के वायनाड से उनकी चुनावी जीत पर बधाई देने के लिए बुलाया था।
इस घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रियंका गांधी को लेकर तीखी बहस छिड़ गई। कई यूजर्स ने इस कदम को फिलिस्तीन के प्रति समर्थन और भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण के खिलाफ बताया। एक यूजर ने लिखा, “विजय दिवस जैसे खास दिन पर, जब भारत 1971 में पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत का जश्न मना रहा है, प्रियंका गांधी का इस तरह का प्रतीकात्मक कदम दुर्भाग्यपूर्ण है।”
प्रियंका का समर्थन और आलोचना
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे ने तीखी बहस छेड़ दी है। कई यूजर्स ने इसे प्रियंका गांधी का साहसिक कदम बताया और उनके द्वारा फिलिस्तीनी लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाने की सराहना की। वहीं, कुछ ने इसे एक “राजनीतिक स्टंट” करार दिया और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया।
प्रियंका गांधी की यह पहल और इसके पीछे की मंशा भले ही उनकी व्यक्तिगत सोच हो, लेकिन इसका राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव काफी व्यापक हो गया है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस और भाजपा इस मुद्दे को किस दिशा में लेकर जाती हैं।
एक अन्य यूजर ने सवाल उठाया कि इंदिरा गांधी की पोती होने के नाते, क्या प्रियंका को उनकी उपलब्धियों और भारत के गौरव को प्रदर्शित करने वाली किसी वस्तु का चयन नहीं करना चाहिए था?
राजनीतिक विवाद और प्रतिक्रियाएं
प्रियंका गांधी के इस कदम पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी आलोचना की है और इसे “मुस्लिम तुष्टिकरण” का उदाहरण बताया है। भाजपा नेताओं ने इसे ऐसे समय पर असंवेदनशील बताया जब पूरा देश 1971 के युद्ध की जीत को विजय दिवस के रूप में मना रहा था।
वहीं, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रियंका गांधी का हैंडबैग केवल एक व्यक्तिगत अभिव्यक्ति है और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना भाजपा की नीयत पर सवाल खड़ा करता है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि प्रियंका गांधी का फिलिस्तीन के साथ खड़ा होना उनकी अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि और मानवीय संवेदनाओं को दर्शाता है।
भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “यह सिर्फ एक बैग नहीं है, बल्कि कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण की मानसिकता को दर्शाता है। विजय दिवस जैसे मौके पर, जब पूरा देश भारत की सेना और इंदिरा गांधी के नेतृत्व को याद कर रहा है, प्रियंका गांधी का यह कदम निंदनीय है।”
कांग्रेस का जवाब
वहीं, कांग्रेस ने इसे भाजपा द्वारा बेवजह तूल दिया गया मुद्दा करार दिया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी ने जानबूझकर ऐसा कुछ नहीं किया, और भाजपा केवल ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मुद्दे उठा रही है।
यह मुद्दा अब संसद और सोशल मीडिया दोनों जगह चर्चा का विषय बन गया है। देखना यह है कि प्रियंका गांधी इस पर क्या सफाई देती हैं और यह विवाद आगे क्या मोड़ लेता है।