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Syria Civil War: तख्तापलट के बाद सीरिया से निकाले गए 75 भारतीय
Syria Civil War: तख्तापलट के बाद सीरिया से निकाले गए 75 भारतीय
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Wednesday, December 11, 2024
Updated On: Wednesday, December 11, 2024
तीन दिन पहले सीरिया में तख्तापलट होने से भारतीय कई सुरक्षा पर सवाल उठ रहे थे। हालांकि अभी तक एक भी भारतीय को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। आज भारत सरकार ने वहां से 75 भारतीय को बाहर निकाला है।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Wednesday, December 11, 2024
सीरिया पर विद्रोहियों के कब्जे के बाद भारत ने अपने 75 नागरिकों को वहां से निकाला है। इसकी जानकारी आज विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दी। उन्होंने बताया, सीरिया से 75 भारतीय नागरिक सुरक्षित रूप से लेबनान पहुंच गए हैं। लेबनान से उन्हें उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों से भारत लाया जाएगा। बाहर निकाले गए भारतीय नागरिकों में जम्मू-कश्मीर के तीर्थयात्री भी शामिल हैं।
भारत सरकार ने यह कदम सीरिया में रह रहे या वहां गए भारतीयों की सुरक्षा के दृष्टिगत उठाया है। क्योंकि वहां इस्लामी विद्रोहियों तख्तापलट कर राजधानी दमिश्क में सत्ता पर कब्जा कर लिया है। राष्ट्रपति बशर-अल-असद देश छोड़कर भाग गए हैं।
सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति का आकलन
सीरिया में तख्तापलट के बाद सबकी नजर यही थी कि भारत सरकार अब क्या कदम उठाएगी। तख्तापलट के कुछ दिनों बाद भारत सरकार ने जिस प्रकार अपने लोगों को वहां से निकाला है, वह सीरिया में सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति के बारे में भारत सरकार के आकलन का संकेत देता है। इसका अर्थ निकाला जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में भारत सरकार वहां से अपने और नागरिकों को निकालेगी।
निकाले गए जम्मू-कश्मीर के जायरीन
निकाले गए 75 भारतीय नागरिकों में जम्मू-कश्मीर के 44 जायरीन भी शामिल हैं। ये जायरीन सैदा ज़ैनब मत्था टेकने गए थे। तख्तापलट के बाद ये लोग यहां फंसे हुए थे। अन्य भारतीय के अलावा इन जायरीनों ने भी भारत सरकार से अनुरोध किया था कि इन्हें सीरिया से निकाला जाए। इनके अनुरोध पर सरकार ने निर्णय लिया और सभी को लेबनान पहुंचाया।
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भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार विदेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। सीरिया में बचे हुए भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपडेट के लिए दमिश्क और बेरूत में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें। सरकार ने दमिश्क में भारतीय दूतावास के आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +963 993385973 (व्हाट्सएप पर भी) और ईमेल आईडी (hoc.damascus@mea.gov.in) जारी किया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार सीरिया स्थिति पर बारीकी से नज़र रखना जारी रखेगी।
सीरिया में गृहयुद्ध और तख्तापलट
राष्ट्रपति असद की सरकार को गिराने में एक गृहयुद्ध को 14 दिन ही लगे। नवंबर के अंत में वहां के घटनाक्रम ने तब चिंता पैदा कर दी थी, जब सीरियाई विपक्ष से मिलकर बनी सशस्त्र सेनाओं ने अगले कुछ दिनों में एक-एक करके प्रमुख शहरों में अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी थी।
आखिरकार 8 दिसंबर को असद सरकार गिर गई। उनकी अरब समाजवादी बाथ पार्टी 1960 के दशक से सत्ता में थी। 2000 से देश पर शासन कर रहे असद को 1971 से अपने पिता हाफिज अल-असद से विरासत मिली थी, लेकिन हयात तहरीर अल-शाम के नेतृत्व में इस्लामी विद्रोहियों के सीरिया की राजधानी में घुसने के कारण उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा।