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अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ मामले में डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों दी भारत को चेतावनी
अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ मामले में डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों दी भारत को चेतावनी
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Wednesday, December 18, 2024
Updated On: Wednesday, December 18, 2024
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि अगर वह अमेरिकी वस्तुओं पर अधिक टैरिफ लगाना जारी रखेगा तो अमेरिका भी वही करेगा। वह भी भारतीय वस्तुओं पर अधिक टैक्स लगाएगा। पारस्परिक टैरिफ के साथ जवाब देगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि व्यापार निष्पक्ष होना चाहिए, और अमेरिका पर लगाए गए किसी भी कर का उसी तरह से जवाब दिया जाएगा।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Wednesday, December 18, 2024
हाइलाइट्स
- अमेरिकी वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स लगाने के मामले में सख्त डोनाल्ड ट्रंप।
- भारत, ब्राजील, चीन और कनाडा अमेरिकी वस्तुओं पर लगाते हैं ज्यादा टैक्स। इस पर जवाबी कार्यवाही होगी।
- अमेरिका में भारतीय वस्तुओं के निर्यात पर पड़ेगा असर।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर उच्च टैरिफ मामले में अपनी सख्ती से दुनिया को अवगत कराया है। आज उन्होंने मार-ए-लागो रिपोर्ट में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यदि कोई देश अपने यहां अमेरिकी वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स (टैरिफ) लगाता है तो अमेरिका भी अपने यहां उन देशों की वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स लगाएगी। डोनाल्ड ट्रंप का इशारा भारत सहित कुछ अन्य देशों के लिए था।
टैक्स पर एक जैसा होगा व्यवहार
डोनाल्ड ट्रंप ने टैक्स मामले में स्पष्ट किया है कि उनका प्रशासन एक जैसा ही व्यवहार करेगा। उन्होंने कहा, ‘कोई देश यदि हम पर कर लगाते हैं तो हम भी उन पर उतना ही कर लगाएंगे।’ ट्रंप की यह टिप्पणी भारत की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक संकेत नहीं है। यह दोनों देशों के व्यापारिक रुख को प्रभावित करेगा। यह अधिक टकराव पूर्ण व्यापार रुख का संकेत है।
हमारी वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स लगाता है भारत
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने भारत और ब्राजील का नाम लेते हुए स्पष्ट कहा है कि वे हमसे बहुत ज्यादा टैक्स लेते हैं। ट्रंप ने कहा, ‘भारत बहुत ज़्यादा शुल्क लेता है। ब्राज़ील भी बहुत ज़्यादा शुल्क लेता है। अगर वे हमसे शुल्क लेना चाहते हैं तो ठीक है। लेकिन अब हम भी उनसे वही शुल्क लेंगे।’ उन्होंने स्पष्ट किया है कि व्यापार में निष्पक्षता हमारे आर्थिक एजेंडे की कुंजी है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि अमेरिका-भारत व्यापार संबंध में लंबे समय से टैरिफ को लेकर असहमति है।
चीन, मैक्सिको और कनाडा भी निशाने पर
व्यापार पर ट्रंप का यह सख्त बयान सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं था। उन्होंने चीन, मैक्सिको और कनाडा को भी आगाह कर दिया है कि वह भी अमेरिकी वस्तुओं पर टैक्स कम करें। अन्यथा अमेरिका भी वही करेगा। मेक्सिको और कनाडा के साथ भी अमेरिका का व्यापार की स्थिति विवादास्पद बनी हुई है। खासकर सीमा सुरक्षा और मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में, यह ज्यादा ही है। ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से सभी आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की अपनी योजना दोहराई। जब तक कि दोनों देश फेंटेनाइल सहित अवैध दवाओं के प्रवाह और अमेरिकी सीमाओं के पार प्रवासियों की आवाजाही पर रोक लगाने की कार्रवाई नहीं करते।
ट्रंप की धमकियों का कनाडा पर दिखा असर
ट्रंप की इन धमकियों का कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार पर तत्काल असर दिखा। कनाडा की सरकार ने प्रवासियों और ड्रग्स के प्रवाह को कम करने के लिए सीमा सुरक्षा में 1.3 बिलियन कनाडाई डॉलर के निवेश का प्रस्ताव दिया है। ऐसे भी कनाडा सीमा से अवैध प्रवासियों का आवाजाही में वृद्धि हुई है। अक्टूबर तक पिछले 12 महीनों में कनाडाई सीमा पर 23,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था। जबकि इसी समय-काल में उसके पिछले साल यह संख्या केवल 10,000 थी।
टैरिफ, ट्रंप की आर्थिक नीतियों की आधारशिला
जो बाइडन के कार्यकाल में अमेरिकी अर्थव्यवस्था चरमरा हुई है। राष्ट्रपति चुनाव में यह चुनावी मुद्दा भी था। चुनाव के दौरान अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ की बात की थी। उस दौरान भी उन्होंने अमेरिकी वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों की आगाह किया था।
ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद ऐसी ही उम्मीद की जा रही थी। इस पर ट्रंप लगातार बयान भी दे रहे हैं। इससे यह स्पष्ट हो गया कि पारस्परिक टैरिफ़ उनके प्रशासन की आर्थिक नीतियों की आधारशिला होने वाला है।