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Chhath Puja 2025: जानिए नहाय-खाय से लेकर प्रात: अर्घ्य तक का पूरा रहस्य और शुभ मुहूर्त
Authored By: Nishant Singh
Published On: Wednesday, October 22, 2025
Last Updated On: Wednesday, October 22, 2025
Chhath 2025 Date: कार्तिक मास हिंदू धर्म में त्योहारों और पवित्र अवसरों से भरा होता है, और छठ पूजा 2025 इसका प्रमुख महापर्व है. यह सूर्योपासना और छठी मइया की उपासना का पर्व है, जो लोक आस्था, सुख-समृद्धि और परिवारिक सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. इस साल छठ 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें नहाय-खाय, खरना, संध्या और प्रात: अर्घ्य की परंपराएं शामिल हैं. घर-घर में पवित्रता और भक्ति का उत्सव नजर आएगा.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Wednesday, October 22, 2025
Chhath Puja 2025 Date: कार्तिक मास हिंदू धर्म के लिए पवित्र और त्योहारों से भरा समय है. इस मास में दीपावली, धनतेरस और अब महापर्व छठ पूजा जैसी महत्वपूर्ण परंपराएं होती हैं. छठ व्रत 2025 भी इसी श्रृंखला का हिस्सा है, जो न केवल लोक आस्था का प्रतीक है बल्कि परिवार और समाज में खुशियों, सौभाग्य और स्वास्थ्य की कामना का अवसर भी बनता है. इस बार छठ पूजा पर विशेष संयोग बन रहा है, इसलिए घर-घर में इसकी तैयारियां पहले से ही जोर-शोर से शुरू हो गई हैं.
छठ पूजा 2025 की तिथियां और दिन
छठ पूजा चार दिवसीय महापर्व है, जिसे नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और प्रात: अर्घ्य के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष 2025 में छठ पूजा इस प्रकार है:
- 25 अक्टूबर 2025 (शनिवार): नहाय-खाय
छठ व्रती इस दिन शुद्ध जल में स्नान करके और सरल आहार ग्रहण करके व्रत की शुरुआत करते हैं. इसे “नहाय-खाय” कहा जाता है और यह व्रत की तैयारी का पहला चरण है. - 26 अक्टूबर 2025 (रविवार): खरना
व्रती इस दिन खरना करते हैं, जिसमें हल्का भोजन करके दो दिनों का कठिन निर्जला उपवास आरंभ होता है. इस दिन विशेष प्रसाद तैयार किया जाता है और छठी मइया की स्तुति में गीत गाए जाते हैं. - 27 अक्टूबर 2025 (सोमवार): संध्या अर्घ्य
डूबते सूर्य को अर्घ्य देना इस दिन का मुख्य विधान है. संध्याकालीन अर्घ्य का शुभ समय शाम 5:10 बजे से 5:58 बजे तक है. इस समय व्रती गंगा, सरयू या किसी जलाशय के किनारे सूर्य की उपासना करते हैं. - 28 अक्टूबर 2025 (मंगलवार): प्रात: अर्घ्य और पारण
अंतिम दिन उगते सूर्य को प्रात: 5:33 बजे से 6:30 बजे तक अर्घ्य दिया जाएगा. इस दिन व्रत पारण करके छठ पूजा का समापन होता है.
छठ पूजा 2025 का महत्व
छठ व्रत सूर्य और छठी मइया की उपासना का पर्व है. ऐसा मान्यता है कि इस व्रत से घर में सुख-समृद्धि आती है, सभी कष्ट दूर होते हैं और परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ और खुशहाल रहते हैं. बूढ़ानाथ मंदिर के पुजारी पंडित भुपेश मिश्रा के अनुसार, इस व्रत के दौरान किए गए अनुष्ठान जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाते हैं.
पूजा की परंपराएं और तैयारी
छठ पूजा में स्वच्छता और पवित्रता पर विशेष ध्यान दिया जाता है. घर और आंगन को सजाया जाता है, दीपक जलाए जाते हैं और छठी मइया के गीत गाए जाते हैं. व्रती निर्जला उपवास रखते हैं और घाट पर जाकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. प्रसाद में खासकर ठेकुआ, फल और जलपान का आयोजन होता है.
2025 का विशेष संयोग
इस वर्ष छठ पूजा पर ग्रह-नक्षत्र भी शुभ हैं. ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में सूर्य को अर्घ्य देने और छठी मइया की उपासना करने से हर कार्य फलदाई होता है. जीवन में सफलता, संपन्नता और सुख-शांति आती है. इस बार का संयोग व्रतियों के लिए और भी अधिक फलदायी माना जा रहा है.
अक्टूबर-नवंबर 2025 के अन्य प्रमुख त्योहार
| तिथि | त्योहार / पर्व |
|---|---|
| 30 अक्टूबर | अक्षय नवमी, आंवला पूजन |
| 1 नवंबर | देवोत्थान एकादशी |
| 2 नवंबर | तुलसी विवाह |
| 5 नवंबर | कार्तिक पूर्णिमा, गंगा स्नान |
छठ पूजा के साथ ही अक्टूबर-नवंबर में कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ते हैं:
इस प्रकार छठ पूजा का पर्व केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.
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