कन्या पूजन से सौभाग्य, धन और खुशियां आती हैं : श्री श्री रविशंकर
Authored By: स्मिता
Published On: Wednesday, September 10, 2025
Last Updated On: Wednesday, September 10, 2025
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के अनुसार, भक्तगण कन्याओं को अपने घर आमंत्रित कर उनकी पूजा करते हैं. उन्हें भोजन कराते हैं और उपहार देते हैं. माना जाता है कि इन कन्याओं में देवी मां का वास होता है. उनकी पूजा करने से लोगों के जीवन में सौभाग्य, धन और खुशियां आती हैं.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Wednesday, September 10, 2025
Kanya Pujan Benefits Shri Shri Ravi Shankar: आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के अनुसार, नवरात्र के नौ दिनों में देवी पूजा के माध्यम से लोग विभिन्न रूपों और परंपराओं से स्त्रियों का सम्मान करते हैं. देश के कई हिस्सों में वर्ष में दो बार चैत्र नवरात्र और शरद नवरात्र के अवसर पर कन्या पूजन किया जाता है. लोग कन्याओं या छोटी लड़कियों (12 वर्ष से कम आयु) को अपने घर आमंत्रित करते हैं, उनकी पूजा करते हैं, उन्हें भोजन कराते हैं और उपहार देकर वापस भेजते हैं. माना जाता है कि इन कन्याओं में देवी मां का वास होता है और उनकी पूजा करने से लोगों के जीवन में सौभाग्य, धन और खुशियां आती हैं.
नौ कन्याओं का पूजन (Nau Kanya Pujan)
नवरात्र के आठवें दिन अष्टमी या नौवें दिन भक्त नौ कन्याओं को अपने घर आमंत्रित करते हैं. वे उनके पैर जल से धोते हैं, उन्हें पोंछते हैं और उन्हें एक विशेष आसन पर बैठने के लिए कहते हैं. उनकी कलाई पर एक पवित्र धागा (मोली) बांधा जाता है. उनके माथे पर सिंदूर लगाया जाता है. उनकी पूजा की जाती है. शक्ति स्वरूपा देवी मानकर लोग उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं. उन्हें कई विशेष व्यंजन (कंजक) जैसे पूरी, चना, घी का हलवा, मिठाई और खीर भेंट की जाती है. साथ ही नए कपड़े, चूड़ियां और पैसे जैसे उपहार भी दिए जाते हैं.
कन्या पूजन की कथा और महत्व (Kanya Pujan Katha Importance)
माना जाता है कि देवी दुर्गा ने कालासुर का वध करने और संसार पर उसके अत्याचारों का अंत करने के लिए कन्या का रूप धारण किया था. भक्तों का मानना है कि देवी छोटी कन्याओं में निवास करती हैं. नवरात्र के दौरान वे उनमें देवी के नौ रूपों की पूजा करते हैं.
यह अनुष्ठान इस तथ्य से भी जुड़ा है कि स्त्री शक्ति दयालु होती है. सभी को बुरी भावनाओं, अहंकार, घृणा, ईर्ष्या, मोह आदि से बचाती है. छोटी कन्याओं का पूजन करके हमारा समाज इस बात की पुष्टि करता है कि रक्षक और पालनहार के रूप में स्त्रियों को सम्मान मिलना चाहिए. यह समाज को स्त्रियों के बारे में रूढ़िवादी विचारों को त्यागने और उन्हें स्वतंत्र और आत्मविश्वासी बनने में मदद करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है.
कन्या पूजन के लाभ (Kanya Pujan Benefits)
- यह अनुष्ठान भारत की प्राचीन संस्कृति की रक्षा करता है और दान-दक्षिणा को प्रोत्साहित करता है.
- यह सकारात्मकता, अच्छे विचार और समानता की भावना लाता है.
- यह हमें याद दिलाता है कि हम सभी दिव्य शक्ति का हिस्सा हैं. इसलिए हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए.
- हमें ज्ञान, सौभाग्य, सुख और मोक्ष प्राप्त करने में मदद करता है.
- भक्तों की आर्थिक स्थिति में सुधार करता है और उनके कष्टों का अंत करता है.
- यह हमें याद दिलाता है कि महिलाओं का सम्मान और सशक्तिकरण होना चाहिए.
- देवी भागवत पुराण के अनुसार, हमें भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करने वाली देवी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए नौ दिनों तक उपवास और कन्या पूजन करना चाहिए.
आज भी प्रासंगिक है कन्या पूजन (Kanya Pujan Importance)
यह अनुष्ठान सदियों पुराना है, फिर भी आज इसकी प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है. महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और पुरुषों के बराबर हैं. अधिक से अधिक महिलाएं अपने लिए खड़ी हो रही हैं. अपने जीवन को अपनी शर्तों पर परिभाषित कर रही हैं. नवरात्र और उससे जुड़ा हर अनुष्ठान महिलाओं के अद्वितीय गुणों, उनके अद्वितीय समर्पण का सम्मान करता है. विश्व में शांति का संचार करता है. यह हमें प्रकृति में संतुलन बनाए रखने, अपने भीतर झांकने और आध्यात्मिक पथ पर आगे बढ़ने की शिक्षा भी देता है.
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