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मां सरस्वती कब बैठती हैं आपकी जीभ पर? जानिए कब बोलना बन जाता है वरदान
Authored By: Nishant Singh
Published On: Thursday, November 6, 2025
Last Updated On: Thursday, November 6, 2025
हम सबने कभी न कभी सुना है - “तेरी जुबान पर मां सरस्वती बैठी थी.” लेकिन क्या सच में कोई ऐसा समय होता है जब ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती हमारी जीभ पर विराजती हैं? शास्त्रों में बताया गया है कि दिन का एक विशेष क्षण ऐसा होता है जब बोले गए शब्द सच्चे और प्रभावशाली बन जाते हैं. आखिर वो कौन-सा शुभ समय है जब मां सरस्वती हमारी जुबान पर बैठती हैं? जानिए विस्तार से...
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Thursday, November 6, 2025
Maa Saraswati: हम सबने बचपन में एक न एक बार जरूर सुना होगा – “अरे, अभी तेरी जुबान पर मां सरस्वती बैठी थी.” लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका मतलब क्या है? क्या सच में कोई ऐसा समय होता है जब मां सरस्वती हमारी जीभ पर विराजमान होती हैं? अगर हां, तो आखिर वह कौन-सा शुभ समय होता है और उस पल क्या करना चाहिए? चलिए जानते हैं इस रहस्य को विस्तार से…
मां सरस्वती और जुबान का दिव्य संबंध
हिंदू धर्म में मां सरस्वती को ज्ञान, वाणी और विद्या की देवी माना गया है. यह विश्वास है कि मनुष्य के जीवन में बोले गए शब्दों का सीधा संबंध मां सरस्वती से होता है. जब व्यक्ति कुछ बहुत सटीक या शुभ बोल देता है और वह सच साबित हो जाता है, तो कहा जाता है कि उस वक्त उसकी जुबान पर मां सरस्वती बैठी थीं. यह सिर्फ एक कहावत नहीं, बल्कि गहरी आध्यात्मिक भावना से जुड़ी आस्था है.
ब्रह्म मुहूर्त: जब जीभ पर विराजती हैं मां सरस्वती
शास्त्रों के अनुसार, दिन में एक बार मां सरस्वती हमारी जीभ पर विराजमान होती हैं और वो समय होता है ब्रह्म मुहूर्त का.
यह मुहूर्त सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पहले का होता है, जो सामान्यतः सुबह 3:20 से 3:40 बजे के बीच माना जाता है.
यह वक्त अत्यंत पवित्र और ऊर्जावान होता है. कहा जाता है कि इस समय इंसान का मन सबसे शुद्ध और शांत अवस्था में होता है. इसी कारण मां सरस्वती उस समय व्यक्ति की वाणी पर आती हैं ताकि जो भी वह बोले, वह सत्य और मंगलकारी हो.
इस समय क्या करें और क्या न करें
अगर आप जान गए हैं कि ब्रह्म मुहूर्त में मां सरस्वती आपकी जीभ पर होती हैं, तो अब ज़रूरी है कि उस वक्त का सही उपयोग किया जाए.
क्या करें:
- इस समय जागकर मां सरस्वती का स्मरण करें.
- अपने जीवन से जुड़ी सकारात्मक बातें बोलें – जैसे “मैं सफल होऊंगा”, “मेरा दिन शुभ होगा”, “सब अच्छा होगा”.
- विद्या या कला से जुड़ा कोई संकल्प लें.
- इस समय प्रार्थना, ध्यान या मंत्र जाप करना अत्यंत फलदायी होता है.
क्या न करें:
- किसी के प्रति बुरा बोलने या सोचने से बचें.
- नकारात्मक या निराशाजनक बातें न कहें.
- इस समय झूठ, चुगली या गुस्से से जुड़ी बातें करना अशुभ माना जाता है.
मां सरस्वती की कृपा पाने के आसान उपाय
मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए केवल पूजा ही नहीं, बल्कि जीवनशैली में भी पवित्रता जरूरी है.
- अपने आस-पास की सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखें.
- रोज़ाना कुछ नया सीखने या रचनात्मक कार्य करने की कोशिश करें – जैसे संगीत, लेखन, कला या अध्ययन.
- सफेद वस्त्र पहनकर सुबह के समय मां सरस्वती का ध्यान करें.
- हर दिन “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” मंत्र का जाप करने से वाणी और बुद्धि में निखार आता है.
जब सरस्वती बैठें आपकी जीभ पर, तब बोलिए शुभ
मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में जो भी शब्द बोले जाते हैं, वे ब्रह्म के समान प्रभावशाली होते हैं. इसलिए उस समय बोली गई बातें सच होने की संभावना सबसे अधिक होती है. यही कारण है कि बुजुर्ग हमेशा कहते हैं – “सुबह-सुबह शुभ बोलो, शुभ ही होगा.”
वास्तव में यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य भी है कि जब हम दिन की शुरुआत सकारात्मक सोच और शुभ वचनों से करते हैं, तो पूरा दिन ऊर्जा और सफलता से भर जाता है.
वाणी में छिपी है वरदान की शक्ति
- मां सरस्वती सिर्फ मंदिरों की मूर्ति नहीं, बल्कि हर उस शब्द में वास करती हैं जो शुभ, सच्चा और ज्ञान से भरा हो.
- हर दिन कुछ क्षण निकालकर जब हम अपने भीतर की वाणी को पवित्र करते हैं, तो मां सरस्वती स्वयं हमारी जुबान पर आकर बैठ जाती हैं.
- इसलिए अगली बार जब सुबह का ब्रह्म मुहूर्त हो, तो एक बार रुककर मुस्कुराइए, मां सरस्वती को प्रणाम कीजिए, और अपने जीवन के लिए कुछ अच्छा बोलिए… क्योंकि कौन जानता है, शायद उसी पल आपकी जुबान पर मां सरस्वती बैठी हों.
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