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फिर सवालों के घेरे में क्रिकेट की साख, भारत के 4 खिलाड़ी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड, लगा ‘मैच फिक्सिंग’ का दाग, जानें पूरा मामला
Authored By: Nishant Singh
Published On: Saturday, December 13, 2025
Last Updated On: Saturday, December 13, 2025
भारतीय क्रिकेट एक बार फिर शर्मसार हुआ है. घरेलू क्रिकेट में सामने आए मैच फिक्सिंग के आरोपों ने खेल की ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 से जुड़े इस मामले में क्रिकेट प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए चार खिलाड़ियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. जानें पूरा मामला…..
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Saturday, December 13, 2025
India Cricket Players Banned: क्रिकेट को भारत में सिर्फ खेल नहीं, बल्कि जुनून और आस्था माना जाता है. जब भी मैदान पर खिलाड़ी उतरते हैं, करोड़ों फैंस का भरोसा उनके साथ होता है. लेकिन समय-समय पर सामने आने वाले मैच फिक्सिंग और भ्रष्टाचार के मामले इस भरोसे को गहरी चोट पहुंचाते हैं. एक बार फिर भारतीय घरेलू क्रिकेट से जुड़ा ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने खेल की पवित्रता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. असम क्रिकेट एसोसिएशन ने मैच फिक्सिंग से जुड़े आरोपों में चार खिलाड़ियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है.
क्या है पूरा मामला? घरेलू क्रिकेट में बड़ा खुलासा
यह मामला सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. शुक्रवार को असम क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) के सचिव सनातन दास ने मीडिया के सामने इस गंभीर मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि क्रिकेट में भ्रष्टाचार से जुड़ी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर चार खिलाड़ियों पर सख्त कार्रवाई की गई है. इन खिलाड़ियों के नाम अमित सिन्हा, ईशान अहमद, अमन त्रिपाठी और अभिषेक ठाकुरी हैं. सभी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है.
किन आरोपों में फंसे ये चार खिलाड़ी?
ACA सचिव सनातन दास के अनुसार, ये चारों खिलाड़ी अलग-अलग स्तर पर असम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. आरोप है कि इन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 के दौरान असम टीम के कुछ खिलाड़ियों को प्रभावित करने और मैच फिक्सिंग के लिए उकसाने की कोशिश की. जैसे ही ये आरोप सामने आए, मामला गंभीर हो गया और इसे केवल आंतरिक जांच तक सीमित नहीं रखा गया. क्रिकेट में भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों को बेहद गंभीरता से लिया जाता है, क्योंकि इससे पूरे टूर्नामेंट और खेल की साख दांव पर लग जाती है.
BCCI की एंटी-करप्शन यूनिट भी हुई सक्रिय
जैसे ही आरोपों की जानकारी मिली, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की एंटी-करप्शन यूनिट ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी. ACA ने भी स्पष्ट किया कि वह इस मामले में कोई नरमी नहीं बरतेगा. केवल खेल संघ की कार्रवाई तक सीमित न रहते हुए, आपराधिक प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. इससे साफ संकेत मिलता है कि क्रिकेट प्रशासन अब ऐसे मामलों पर सख्त रुख अपनाने के मूड में है.
क्राइम ब्रांच में FIR, कानूनी शिकंजा भी कसा
असम क्रिकेट एसोसिएशन ने इन चारों खिलाड़ियों के खिलाफ गुवाहाटी की क्राइम ब्रांच में FIR दर्ज करवा दी है. यानी अब यह मामला सिर्फ क्रिकेट बोर्ड की जांच तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कानूनी दायरे में भी आ चुका है. यदि आरोप साबित होते हैं, तो खिलाड़ियों को खेल से लंबे समय के लिए बाहर होना पड़ सकता है, साथ ही कानूनी सजा का भी सामना करना पड़ सकता है.
BCCI सचिव की दो टूक चेतावनी
इस पूरे मामले के बीच BCCI सचिव देवजीत सैकिया का बयान भी सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि क्रिकेट में भ्रष्टाचार और मैच फिक्सिंग जैसी गतिविधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सैकिया की चेतावनी यह संकेत देती है कि भविष्य में ऐसे मामलों में और भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि अन्य खिलाड़ियों के लिए यह एक उदाहरण बने.
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में असम का प्रदर्शन
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 में असम की टीम को एलीट ग्रुप A में रखा गया था. इसी टीम से भारत के उभरते सितारे रियान पराग भी खेलते हैं. हालांकि टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. असम ने सात मैचों में सिर्फ तीन जीत दर्ज की और आठ टीमों वाले ग्रुप में सातवें स्थान पर रही. अहम बात यह है कि जिन चार खिलाड़ियों के नाम मैच फिक्सिंग मामले में सामने आए हैं, वे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान असम के आधिकारिक स्क्वाड का हिस्सा नहीं थे.
क्रिकेट के लिए सबक और आगे की राह
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि घरेलू स्तर पर भी क्रिकेट को भ्रष्टाचार से बचाने के लिए कड़ी निगरानी की जरूरत है. खिलाड़ियों को यह समझना होगा कि थोड़े से लालच के लिए वे न सिर्फ अपना करियर, बल्कि खेल की साख भी दांव पर लगा देते हैं. असम क्रिकेट एसोसिएशन और BCCI की त्वरित कार्रवाई यह संदेश देती है कि क्रिकेट में ईमानदारी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. अब देखना होगा कि जांच में क्या सामने आता है और दोषियों पर आगे कैसी कार्रवाई होती है.
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