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नीतीश सरकार का बड़ा कदम, मंत्रियों में नए विभागों का बंटवारा, CM ने खुद के पास रखा सिविल एविएशन
Authored By: Nishant Singh
Published On: Saturday, December 13, 2025
Last Updated On: Saturday, December 13, 2025
बिहार में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशासनिक व्यवस्था को और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है. मंत्रियों के बीच नए विभागों का बंटवारा करते हुए सरकार ने शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास और बुनियादी ढांचे पर साफ फोकस दिखाया है. उच्च शिक्षा, युवा रोजगार-कौशल विकास और सिविल एविएशन जैसे अहम विभागों का पुनर्गठन राज्य की विकास रणनीति का संकेत देता है.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Saturday, December 13, 2025
Big Step Of Nitish Government: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त बनाने की दिशा में फैसले ले रहे हैं. इसी कड़ी में सरकार ने हाल ही में मंत्रियों के बीच नए बनाए गए विभागों का बंटवारा कर दिया है. यह केवल विभागीय फेरबदल नहीं है, बल्कि इसे राज्य की भविष्य की प्राथमिकताओं से जोड़कर देखा जा रहा है. शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास और बुनियादी ढांचे जैसे अहम क्षेत्रों पर सरकार का फोकस अब और साफ नजर आने लगा है.
नए विभाग, नई दिशा
पिछले महीने गठित तीन नए विभागों को अब औपचारिक रूप से मंत्रियों को सौंप दिया गया है. सरकार का मानना है कि विभागों के स्पष्ट बंटवारे से कामकाज में तेजी आएगी और योजनाओं का असर सीधे जमीन पर दिखेगा. खास बात यह है कि इन विभागों का चयन ऐसे क्षेत्रों से जुड़ा है, जिनका सीधा संबंध युवाओं, शिक्षा और आर्थिक विकास से है. यह फैसला राज्य की प्रशासनिक रणनीति को नए सिरे से परिभाषित करता दिख रहा है.
उच्च शिक्षा की कमान सुनील कुमार के हाथ
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को अब उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है. पहले वे स्कूल शिक्षा से जुड़े मामलों को देख रहे थे, लेकिन अब विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों से जुड़े फैसले भी उनके दायरे में आ गए हैं. माना जा रहा है कि इससे उच्च शिक्षा में फैसले लेने की प्रक्रिया तेज होगी और लंबे समय से लंबित सुधारों पर काम आगे बढ़ेगा. छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यह बदलाव अहम माना जा रहा है.
युवाओं पर फोकस: रोजगार और कौशल एक साथ
श्रम संसाधन मंत्री संजय सिंह टाइगर को नवगठित युवा रोजगार-कौशल विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. सरकार ने यह विभाग खास तौर पर युवाओं को ध्यान में रखते हुए बनाया है. इसका उद्देश्य युवाओं को रोजगार के अवसरों से जोड़ना और उन्हें व्यावसायिक कौशल प्रदान करना है. अब श्रम संसाधन और कौशल विकास को एक साथ जोड़कर योजनाओं को लागू किया जाएगा, जिससे प्रशिक्षण और नौकरी के बीच की दूरी कम हो सके.
युवा विभाग का पुनर्गठन
मंत्री अरुण शंकर प्रसाद के विभागीय दायित्वों में भी अहम बदलाव किया गया है. पहले उनके पास पर्यटन विभाग के साथ-साथ कला, संस्कृति और युवा विभाग की जिम्मेदारी थी. अब सरकार ने युवा विभाग को कला-संस्कृति से अलग कर दिया है. इसे रोजगार-कौशल विकास विभाग के साथ जोड़ दिया गया है. सरकार का मानना है कि इससे युवाओं से जुड़ी योजनाएं सीधे रोजगार और प्रशिक्षण से जुड़ सकेंगी और नीतियों का असर ज्यादा प्रभावी होगा.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती का प्रयास
मंत्री सुरेंद्र मेहता को डेयरी विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है. उनके पास पहले से मत्स्य और पशु संसाधन विभाग है. अब डेयरी विभाग जुड़ने से पशुपालन, दूध उत्पादन और ग्रामीण आय से जुड़ी नीतियों में बेहतर तालमेल की उम्मीद की जा रही है. सरकार का फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों-पशुपालकों की आय बढ़ाने पर है, जिसमें यह फैसला अहम भूमिका निभा सकता है.
सिविल एविएशन खुद संभालेंगे नीतीश कुमार
सबसे अहम फैसला सिविल एविएशन विभाग को लेकर लिया गया है. सरकार ने हाल ही में नागरिक उड्डयन विभाग का गठन किया है और इसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद अपने पास रखी है. माना जा रहा है कि बिहार में हवाई संपर्क बढ़ाने, नए एयरपोर्ट विकसित करने और हवाई सेवाओं के विस्तार पर मुख्यमंत्री सीधे नजर रखना चाहते हैं. यह फैसला राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
रणनीति साफ, संदेश स्पष्ट
कुल मिलाकर मंत्रियों के बीच नए विभागों का बंटवारा यह संकेत देता है कि नीतीश सरकार अब लक्ष्य आधारित प्रशासन की ओर बढ़ रही है. शिक्षा, रोजगार, युवा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों पर सीधा फोकस सरकार की प्राथमिकताओं को साफ दिखाता है. आने वाले समय में इन फैसलों का असर जमीन पर कितना दिखता है, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन फिलहाल सरकार ने अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है.
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