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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से कैसे करें खुद की सुरक्षा? डाइटीशियन ने बताए 3 आसान टिप्स
Authored By: Galgotias Times Bureau
Published On: Tuesday, November 11, 2025
Last Updated On: Tuesday, November 11, 2025
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के बीच लोग मास्क और एयर प्यूरीफायर पर निर्भर हैं, लेकिन डाइटीशियन सोनल सुरेका का कहना है कि असली सुरक्षा शरीर के अंदर से आती है. एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार शरीर को प्रदूषण के नुकसान से बचाकर भीतर से मजबूत बनाता है.
Authored By: Galgotias Times Bureau
Last Updated On: Tuesday, November 11, 2025
Delhi NCR Pollution Tips: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच लोग अब मास्क, एयर प्यूरीफायर और घर में पौधे लगाकर खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन डाइटीशियन सोनल सुरेका कहती हैं कि सिर्फ बाहरी सुरक्षा काफी नहीं है, हमें शरीर की अंदरूनी रक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए. उनके मुताबिक, हमारा खाना ही हमारा “अदृश्य कवच” है. अगर हम अपने आहार में एंटीऑक्सीडेंट और सूजन कम करने वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें, तो शरीर प्रदूषण के असर से बेहतर तरीके से लड़ सकता है. सही खानपान से हम फेफड़ों को मज़बूत कर सकते हैं और प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ा सकते हैं.
जब हवा धुंधली हो जाए, तो सेहत का रंग बढ़ाएं
आहार विशेषज्ञों का कहना है कि जब हवा का रंग धूसर पड़ जाए और सांसें भारी लगने लगें, तो यह सिर्फ दिल्ली का स्मॉग नहीं, बल्कि सेहत के लिए खतरे की चेतावनी है. ऐसे समय में जरूरी है कि हमारी थाली रंगीन और पोषक बन जाए.
डायटीशियन बताती हैं कि सर्दियों के मौसम में, जब प्रदूषण अपने चरम पर होता है, तो हमारा आहार ही हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा बन सकता है. अगर हम खाने में एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्वों से भरपूर चीजें शामिल करें, तो शरीर प्रदूषण के हानिकारक असर से खुद को बेहतर तरीके से बचा सकता है. उन्होंने बताया कि दिल्ली की सर्दियों में स्मॉग और धूल से जूझते वक्त कुछ सरल लेकिन असरदार खानपान की आदतें अपनाना जरूरी है. आगे उनके तीन अहम सुझाव दिए गए हैं.
स्मॉग से बचाव के लिए डाइट टिप्स: संपूर्ण और मौसमी भोजन अपनाएँ
अगर आप ऐसे इलाके में रहते हैं जहाँ हवा ज़्यादा प्रदूषित है, तो अपनी प्लेट में पोषक और संपूर्ण खाद्य पदार्थ ज़रूर शामिल करें. आहार विशेषज्ञों का कहना है कि मौसमी फल-सब्जियाँ, साबुत अनाज, दालें, बीज और मेवे शरीर को ज़रूरी विटामिन, मिनरल और फाइबर देते हैं, जो हमारी कोशिकाओं की मरम्मत और शरीर की सहनशक्ति बढ़ाने में मदद करते हैं.
लीन प्रोटीन जैसे दाल, अंडे या चिकन जैसी चीज़ें श्वसन-मांसपेशियों को मज़बूत बनाती हैं. पर्याप्त पानी पीना भी बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह शरीर को हाइड्रेट रखता है और म्यूकस (बलगम) को साफ़ करने में मदद करता है.
हर्बल चाय जैसे तुलसी, अदरक या हल्दी की चाय पीने से वायुमार्ग को आराम मिलता है, खासकर जब आप बाहर से घर लौटते हैं. घरेलू उपाय के तौर पर, तुलसी के पत्ते, काली मिर्च और एक चुटकी हल्दी डालकर पानी उबालें. इसे दिन में दो बार गुनगुना पीएँ. यह नाक और गले की सफाई में मदद करता है और स्मॉग से होने वाली जलन से राहत देता है.
स्मॉग में फेफड़ों की सुरक्षा: एंटीऑक्सीडेंट से करें शरीर की सफाई
आहार विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषित हवा हमारे शरीर में ‘फ्री रेडिकल्स’ यानी हानिकारक कण बढ़ा देती है. ये कण ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करते हैं, जिससे फेफड़ों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है.
इनसे बचने के लिए अपने खाने में एंटीऑक्सीडेंट जरूर शामिल करें. विटामिन C और E के लिए खट्टे फल, आंवला, मेवे और कद्दू के बीज खाएँ. गाजर, शिमला मिर्च और पालक जैसे रंगीन फल-सब्ज़ियाँ कैरोटीनॉयड का अच्छा स्रोत हैं. साथ ही, जिंक पाने के लिए बादाम, ओट्स, अंडे और सूरजमुखी के बीज लें, जबकि सेलेनियम के लिए ब्राज़ील नट्स, साबुत गेहूं और पालक फायदेमंद हैं. विशेषज्ञ सलाह देते हैं, ‘रोज अपनी थाली में इंद्रधनुष के सारे रंग शामिल करें,’ ताकि शरीर को जरूरी एंटीऑक्सीडेंट मिल सकें और प्रदूषण से सुरक्षा बनी रहे.
घरेलू उपाय:
सुबह अपने दिन की शुरुआत एक आंवला-अदरक शॉट से करें, 1 छोटा चम्मच ताज़ा आंवला जूस में 1 चुटकी अदरक और थोड़ा शहद मिलाएँ. यह फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत करने में मदद करता है.
फेफड़ों की सूजन कम करें, सांसों को दें राहत
आहार विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक धुंध या प्रदूषित हवा के संपर्क में रहने से फेफड़ों में सूजन हो सकती है. यह धीरे-धीरे फेफड़ों की कार्यक्षमता को कमज़ोर कर देती है और सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकती है.
सूजन को कम करने के लिए अपने आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीज़ें जैसे अखरोट और अलसी के बीज, साथ ही हल्दी, लहसुन, अदरक और हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ शामिल करें. इनमें प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन-रोधी) गुण होते हैं जो फेफड़ों के ऊतकों की रक्षा करते हैं, वायुमार्ग को खुला रखते हैं और साफ़ सांस लेने में मदद करते हैं.
आहार विशेषज्ञ बताती हैं कि हाल में IIT-दिल्ली और क्लाइमेट ट्रेंड्स की एक रिपोर्ट में पाया गया है कि अगर प्रदूषण को सिर्फ 30% तक भी घटाया जाए, तो दिल्ली जैसे इलाकों में हृदय रोग, मधुमेह और एनीमिया के मामलों में बड़ी कमी आ सकती है.
जब तक हवा पूरी तरह साफ़ नहीं होती, तब तक अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और फेफड़ों के स्वास्थ्य को मज़बूत करने के लिए ऐसे पोषक आहार और घरेलू उपायों को अपनाना बेहद जरूरी है.
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