दिल्ली वासियों को राहत : निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर लगेगी लगाम, कैबिनेट ने स्कूल फीस एक्ट को दी मंजूरी

दिल्ली वासियों को राहत : निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर लगेगी लगाम, कैबिनेट ने स्कूल फीस एक्ट को दी मंजूरी

Authored By: सतीश झा

Published On: Sunday, May 4, 2025

Last Updated On: Sunday, May 4, 2025

CM Rekha Gupta addressing media as Delhi Cabinet approves School Fees Act to regulate arbitrary fee hikes in private schools; students in classroom background.
CM Rekha Gupta addressing media as Delhi Cabinet approves School Fees Act to regulate arbitrary fee hikes in private schools; students in classroom background.

दिल्ली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लेते हुए राजधानी के सभी निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर नियंत्रण के लिए स्कूल फीस एक्ट को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि अब दिल्ली के 1677 निजी स्कूलों की फीस को पारदर्शी तरीके से नियंत्रित किया जाएगा.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Sunday, May 4, 2025

Delhi School Fees Regulation: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने कहा, “पिछली सरकारों के कार्यकाल में निजी स्कूल लगातार मनमाने तरीके से फीस बढ़ाते रहे, लेकिन कभी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. पहली बार दिल्ली सरकार ने यह साहसिक कदम उठाया है.”

सरकारी स्कूलों को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि आने वाले समय में दिल्ली के सरकारी स्कूल इतने व्यवस्थित और गुणवत्तापूर्ण हो जाएंगे कि लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों की बजाय सरकारी स्कूलों में भेजने के लिए मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार जल्दी ही सदन की बैठक बुलाकर इस एक्ट पर औपचारिक मुहर लगाएगी, जिससे यह कानून का रूप ले ले और लागू किया जा सके.

मंत्री आशीष सूद ने कहा – बच्चों को लूट का जरिया नहीं बनने देंगे

राजधानी के निजी स्कूलों में मनमानी फीस वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए स्कूल फीस अधिनियम को मंजूरी फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद (Ashish Sood) ने कहा कि यह कानून छात्रों और अभिभावकों को राहत देने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है. आशीष सूद ने कहा, “AAP सरकार के विपरीत, हमारी सरकार ने उन सभी रास्तों को बंद कर दिया है, जिनके जरिए स्कूलों ने छात्रों को लूट का माध्यम बना रखा था. पिछली सरकार इस पर रोक लगा सकती थी, लेकिन उन्होंने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को साधने के लिए अंडर टेबल सेटलमेंट किए और छात्रों पर दबाव बनाया गया.”
क्या है स्कूल फीस एक्ट?

सभी निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी.स्कूलों को विवरण सहित फीस संरचना सार्वजनिक करनी होगी.शिकायत मिलने पर फीस संरचना की जांच और कार्रवाई की जाएगी.एक्ट का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने जैसी सख्त कार्रवाइयां संभव होंगी.

हर साल बढ़ती फीस से परेशान थे अभिभावक

मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि बीते 27 वर्षों से निजी स्कूलों में हर वर्ष फीस में लगातार वृद्धि होती रही है, जिससे मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के अभिभावकों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ा. उन्होंने कहा, “हमारा एकमात्र उद्देश्य है कि छात्रों का मानसिक उत्पीड़न रोका जाए और शिक्षा को एक सेवा के रूप में स्थापित किया जाए, न कि मुनाफाखोरी का जरिया.”

अभिभावकों को बड़ी राहत

इस फैसले से राजधानी के लाखों अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है जो हर साल बढ़ती फीस से परेशान रहते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह फैसला न केवल शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है, बल्कि आम आदमी पार्टी की शिक्षा-नीति को और मजबूत आधार भी देगा.

जनता को सौंपा जाएगा एक्ट

सरकार जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाकर इस कानून पर औपचारिक मुहर लगाएगी, ताकि इसे लागू किया जा सके और दिल्ली के अभिभावकों को राहत मिल सके. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह अधिनियम आने वाले समय में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक संतुलित और न्यायसंगत बना सकता है.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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