क्रॉस वोटिंग से बना ये गणित, देवेन्द्र फडणवीस की सियासी चाल को नहीं समझ पाए विपक्षी नेता
क्रॉस वोटिंग से बना ये गणित, देवेन्द्र फडणवीस की सियासी चाल को नहीं समझ पाए विपक्षी नेता
Authored By: सतीश झा
Published On: Saturday, July 13, 2024
Updated On: Saturday, July 27, 2024
महाराष्ट्र की राजनीति में अभी भी देवेन्द्र फडणवीस की सियासी शह-मात का खेल विपक्षी दलों के लिए अबूझ बना हुआ है। विधान परिषद के चुनाव परिणाम तो इसी बात की ओर से इशारा करते हैं।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Saturday, July 27, 2024
महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव परिणामों ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को बड़ा झटका लगा है, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का प्रदर्शन काफी प्रभावशाली रहा है। एनडीए (NDA)के महायुति गठबंधन ने 11 में से 9 सीटें अपने नाम की हैं, जबकि इंडिया गठबंधन के तीन प्रत्याशियों में से केवल दो ही जीत सके हैं। कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है, और उनके कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है।
भाजपा (BJP) की रणनीति और देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) का रहा एक्शन
भाजपा के सभी पांच उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की, जो पार्टी की मजबूत स्थिति और संख्यात्मक खेल की माहिरता को दर्शाता है।
महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावों में भाजपा की सफलता ने पार्टी की राजनीतिक स्थिति को मजबूत किया है और देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में पार्टी ने संख्यात्मक खेल में अपनी कुशलता साबित की है। भाजपा ने विभिन्न समुदायों के नेताओं को एमएलसी के रूप में चुना है, जिससे पार्टी की समावेशी राजनीति को बल मिलता है और यह विभिन्न समुदायों में अपनी पैठ बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। सदाभाऊ खोत जैसे किसान नेता को एमएलसी के रूप में चुनकर भाजपा ने कृषि समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।
डार्क हॉर्स बनकर उभरे अजीत पवार (Ajit Pawar)
अजित पवार के नेतृत्व में राकांपा को इस जीत से आत्मविश्वास मिलेगा और वे आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर सकते हैं।अजित पवार ने अपने नेतृत्व में राकांपा विधायकों पर मजबूत पकड़ साबित की है। अजित की एनसीपी के पास 39 विधायक हैं और उसने तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा किया है। उसके दो उम्मीदवार जीते, जिससे संकेत मिलता है कि पार्टी को पांच और वोट मिले, जो अजित पवार की राजनीतिक कौशल और प्रभाव को दर्शाता है।
कांग्रेस (Congress) का बड़ा झटका
कांग्रेस को विधान परिषद चुनाव में सबसे बड़ा झटका लगा है। लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन के बाद, जहां कांग्रेस ने बीजेपी से ज्यादा सीटें (13) हासिल की थीं, शुक्रवार को उसे क्रॉस वोटिंग का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के छह विधायकों ने सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की, जिससे पार्टी की आंतरिक एकता पर सवाल खड़े हो गए हैं।कांग्रेस के लिए अधिक चिंता की बात यह है कि उसके 37 विधायकों में से चार के अजित के नेतृत्व वाली राकांपा के संपर्क में होने की खबरें थीं। सूत्रों के मुताबिक, जिन दो अतिरिक्त विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है, वे कांग्रेस के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण से करीबी तौर पर जुड़े हुए हैं, जो अब बीजेपी के राज्यसभा सांसद हैं।
महाराष्ट्र विधान परिषद (Maharashtra Legislative Council) चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को मिली जीत के पीछे छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस चुनाव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS), राष्ट्रीय समाज पार्टी (RSP), समाजवादी पार्टी (SP), और एआईएमआईएम (AIMIM) जैसे छोटे दलों ने सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए मतदान किया, जिससे उनकी जीत की संभावना बढ़ गई।यह स्वीकार करते हुए कि कांग्रेस विधायकों ने दूसरे पक्ष को वोट दिया था, पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि हमने उन छह विधायकों की पहचान की है जिन्होंने व्हिप के बावजूद क्रॉस वोटिंग की थी।
इन परिणामों से महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं और विभिन्न दलों को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। विधानसभा और लोकसभा चुनावों की दृष्टि से यह परिणाम अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें
news via inbox
समाचार जगत की हर खबर, सीधे आपके इनबॉक्स में - आज ही हमारे न्यूजलेटर को सब्सक्राइब करें।