ऑस्ट्रेलिया भी देगा फिलिस्तीन को मान्यता, पीएम एंथनी अल्बनीज़ ने की घोषणा
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Monday, August 11, 2025
Last Updated On: Monday, August 11, 2025
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने घोषणा की है कि उनका देश सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन राज्य को औपचारिक मान्यता देगा. उन्होंने कहा कि यह कदम मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने के वैश्विक प्रयासों का हिस्सा है, और इसमें हमास को किसी भी भूमिका की अनुमति नहीं होगी.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Monday, August 11, 2025
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने सोमवार को ऐतिहासिक घोषणा (Australia Palestine recognition news) करते हुए बताया कि उनका देश आगामी सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान फिलिस्तीन राज्य को औपचारिक मान्यता देगा. यह फैसला दो हफ्ते पहले दिए गए उनके बयान के विपरीत है, जिसमें उन्होंने निकट भविष्य में इस तरह का कदम उठाने की संभावना को नकारा था.
अल्बनीज ने इसे मध्य पूर्व में लंबे समय से जारी हिंसा और अशांति को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने हमास को सरकार से बाहर रखने, गाजा का विसैन्यीकरण, चुनाव कराने और इजरायल के सुरक्षा अधिकार को मान्यता देने जैसे वादे किए हैं, जिनके आधार पर यह निर्णय लिया गया है.
कैबिनेट बैठक के बाद बोले अल्बनीज
अल्बनीज ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा, “फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) की प्रतिबद्धताओं के आधार पर हम फिलिस्तीनी लोगों के अधिकार को स्वीकार करेंगे. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर इसे साकार करने के लिए काम करेंगे.”
उन्होंने इस कदम को एक वैश्विक प्रयास का हिस्सा बताया, जो मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने में मददगार होगा. अल्बनीज ने स्पष्ट किया कि हमास को किसी भी फिलिस्तीनी राज्य में कोई जगह नहीं होगी. साथ ही, उन्होंने इजरायल पर गाजा में मानवाधिकारों के उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय कानून की अनदेखी का आरोप लगाया. गाजा की स्थिति को उन्होंने “दुनिया की सबसे भयानक स्थिति से भी ज्यादा बदतर” करार दिया.
हमास को सरकार से बाहर रखने का दिया आश्वासन
प्रधानमंत्री ने कहा कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने कुछ अहम वादे किए हैं, जिनके आधार पर यह फैसला लिया गया है. इनमें हमास को सरकार से बाहर रखना, गाजा को हथियार मुक्त करना और 2006 से लंबित चुनाव कराना शामिल है. इसके अलावा, फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने इजरायल के शांति और सुरक्षा के अधिकार को मान्यता देने, भड़काऊ गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय निगरानी की अनुमति देने और आतंकियों के परिवारों को दी जाने वाली वित्तीय मदद (जिसे ‘हत्या के लिए भुगतान’ कहा जाता है) बंद करने का भरोसा दिया है.
इजरायली पीएम के तर्क पुराने हैं – अल्बनीज
अल्बनीज का कहना है कि मध्य पूर्व में हिंसा का सिलसिला तोड़ने और गाजा में चल रहे संघर्ष, पीड़ा और भूख को खत्म करने का सबसे बेहतर तरीका यही है. उन्होंने बीते दो हफ्तों में ब्रिटेन, फ्रांस, न्यूजीलैंड, जापान, इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास से इस मुद्दे पर बात की. नेतन्याहू के साथ उनकी चर्चा लंबी और सभ्य रही, लेकिन उन्होंने कहा कि इजरायली पीएम के तर्क अब पुराने पड़ चुके हैं.
इससे पहले, नेतन्याहू ने रविवार को कुछ यूरोपीय देशों की इस पहल पर सवाल उठाए थे. उन्होंने इसे “बेतुका” और “शर्मनाक” करार दिया. वहीं, अल्बनीज सरकार ने हाल ही में गाजा पर नए सैन्य हमले की इजरायल की योजना की निंदा भी की है. ऑस्ट्रेलिया से पहले ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा जैसे देश भी फिलिस्तीन के समर्थन में अपना रुख साफ कर चुके हैं.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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