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कौन थे बोंडी के आतंकवादी पिता-पुत्र? जाने उसके फिलीपींस लिंक और इस्लामिक स्टेट कनेक्शन
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Tuesday, December 16, 2025
Last Updated On: Tuesday, December 16, 2025
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस का कहना है कि सिडनी के प्रसिद्ध बोंडी बीच पर हनुक्का कार्यक्रम के दौरान हुई, भीषण गोलीबारी के पीछे इस्लामिक स्टेट (ISIS) से प्रेरित आतंकवादी सोच के शुरुआती संकेत मिले हैं. इस हमले में अब तक 16 लोगों की मौत हुई है. इनमें एक कथित आतंकवादी भी शामिल है. करीब 25 लोग गंभीर रूप से घायल हैं.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Last Updated On: Tuesday, December 16, 2025
- बॉन्डी बीच हमले में शामिल आतंकवादियों के ISIS से थे संबंध.
- दोनों आतंकवादियों (पिता-पुत्र) ने हाल में फिलीपींस का भी किया था दौरा.
- आतंकवादियों के पास छह रजिस्टर्ड हथियार थे. साल 2015 से था, हथियारों का लाइसेंस.
- एक आतंकवादी से भिड़े घायल फल विक्रेता अहमद के लिए शुरू किए गए GoFundMe अभियान.
- इस अभियान से अब तक A$1.9 मिलियन ($1.26 मिलियन) यानी 11 करोड़ रुपए से अधिक जुटाए गए.
बॉन्डी बीच (Bondi Terrorist ISIS Link) पर आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों का संबंध इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) से बताया जा रहा है. ऑस्ट्रेलियाई पुलिस की अब तक की जांच से यह बात सामने आई है. बताया यह भी जा रहा है कि सामूहिक नरसंहार को अंजाम देने वाले आतंकी पिता-पुत्र फिलीपींस का भी दौरा किया था. फिलीपींस में इस्लामिक स्टेट से जुड़े नेटवर्क काफी मजबूत माने जाते हैं.
स्ट्रेलियाई पुलिस का कहना है कि सिडनी के प्रसिद्ध बोंडी बीच पर हनुक्का कार्यक्रम के दौरान हुई, भीषण गोलीबारी के पीछे इस्लामिक स्टेट (ISIS) से प्रेरित आतंकवादी सोच के शुरुआती संकेत मिले हैं. इस हमले में अब तक 16 लोगों की मौत हुई है. इनमें एक कथित आतंकवादी भी शामिल है. करीब 25 लोग गंभीर रूप से घायल हैं.
इसे पिछले लगभग 30 वर्षों में ऑस्ट्रेलिया की सबसे घातक सामूहिक नरसंहार माना जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियां इसे सुनियोजित आतंकवादी हमला मान रही हैं, जो यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर किया गया था.
आतंकवादी पिता-पुत्र पर हमले का आरोप
स्थानीय पुलिस के मुताबिक हमले के आरोपी एक पिता और पुत्र है. पुलिस मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी की पहचान 50 वर्षीय साजिद अकरम के रूप में हुई है. साथ ही उसका 24 वर्षीय बेटा (नवीद अकरम) गोली लगने के बाद घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोनों ने लगभग 10 मिनट तक अंधाधुंध गोलीबारी की. इसने सैकड़ों लोगों पर गोलियां चलाईं.
फिलीपींस यात्रा की जांच
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस द्वारा अब तक की गई जांच से खुलासा हुआ है कि आरोपी पिता-पुत्र करीब एक महीने पहले फिलीपींस की यात्रा पर गए थे. पुलिस उसके इस यात्रा के उद्देश्य और संभावित आतंकी संपर्कों की जांच कर रही है. ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने इस मामले में फिलीपींस पुलिस से संपर्क किया है. फिलीपींस पुलिस ने भी इस मामले में सहयोग और जांच की पुष्टि की है.
विशेषज्ञों का मानना है कि फिलीपींस में इस्लामिक स्टेट से जुड़े नेटवर्क सक्रिय हैं, खासकर देश के दक्षिणी हिस्से में. हालांकि बताया यह भी जा रहा है कि हाल के वर्षों में उनका प्रभाव सीमित हुआ है. फिर भी दक्षिणी मिंडानाओ जैसे इलाकों में कुछ गुट सक्रिय हैं.
ISIS के सबूत मिलने का दावा
ऑस्ट्रेलियाई फेडरल पुलिस के कमिश्नर क्रिसी बैरेट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शुरुआती जांच में यह हमला इस्लामिक स्टेट से प्रेरित प्रतीत होता है. उन्होंने कहा, ‘ये उन लोगों का काम है, जिसने खुद को एक आतंकवादी संगठन से जोड़ा था, न कि किसी धर्म से.’
मीडिया से बात करते हुए पुलिस ने यह भी बताया कि बेटे के नाम पर रजिस्टर्ड वाहन से विस्फोटक उपकरण और ISIS से जुड़े दो घर में बने झंडे बरामद किए गए हैं. ISIS को ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है.
यहूदी समुदाय में आक्रोश
इस हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया भर के यहूदी समुदाय में आक्रोश है. उनमें असुरक्षा का भी माहौल है. ऑस्ट्रेलिया में इज़राइली राजदूत अमीर मैमोन ने बोंडी बीच का दौरा किया. वहां उन्होंने अस्थायी स्मारक पर फूल चढ़ाकर पीड़ितों को श्रद्धांजलि भी दी.
मैमोन ने कहा, ‘यह दुखद है. ऑस्ट्रेलिया में यहूदी लोगों को CCTV, गार्ड और बंद दरवाज़ों के पीछे अपने भगवान की पूजा करनी पड़ती है. यह सिर्फ पागलपन है।‘
यहूदी विरोधी घटनाओं में तेजी
एक रिपोर्ट को मानें, तो पिछले 16 महीनों में ऑस्ट्रेलिया में यहूदी विरोधी घटनाओं में तेज़ी आई है. इसे देखते हुए देश की शीर्ष खुफिया एजेंसी ने यहूदी विरोध को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है.
बोंडी बीच पर सन्नाटा और शोक
आज 16 दिसंबर को बॉन्डी बीच आम लोगों के लिए खुला गया. आज आम दिनों की तुलना में यह लगभग खाली था. गोलीबारी स्थल के पास स्थित बॉन्डी पवेलियन में एक अस्थायी स्मारक बनाया गया है, जहां आने वाले लोग फूल चढ़ा रहे थे और मोमबत्तियां जला रहे थे.
मुस्लिम फल विक्रेता बने हीरो
हमले के दौरान बीच के करीब फल बेचने वाले दो बच्चों के मुस्लिम पिता अहमद अल अहमद ने साहस दिखाया था. वह एक आतंकवादी पर झपट गए थे और उसकी राइफल छीन ली थी. इस दौरान वे खुद भी गोली लगने से घायल हो गए. सिडनी के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
अहमद को दुनिया भर से सराहना मिल रही है. आम लोगों के अलावा कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष ने उन्हें ‘हीरो’ बताया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी उनमें शामिल हैं. उनके लिए GoFundMe अभियान शुरू किए गए हैं. उस अभियान के तहत अब तक A$1.9 मिलियन से अधिक यानी 11 करोड़ रुपए से अधिक राशि जुटाई जा चुकी है.
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