Special Coverage
पुतिन की मीटिंग में ‘जबरन एंट्री’ का दावा, रूसी राष्ट्रपति ने नजरअंदाज किया, पाकिस्तानी PM की वायरल वीडियो की पूरी सच्चाई
Authored By: Nishant Singh
Published On: Saturday, December 13, 2025
Last Updated On: Saturday, December 13, 2025
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगान की बंद बैठक में जबरन घुस गए. वीडियो ने कूटनीतिक विवाद खड़ा कर दिया, लेकिन फैक्ट चेक में सामने आया कि यह दावा भ्रामक था और घटना को गलत तरीके से पेश किया गया.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Saturday, December 13, 2025
Putin’s Meeting: सोशल मीडिया पर इन दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक वीडियो जमकर वायरल हुआ, जिसने कूटनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी. वीडियो में दावा किया गया कि शहबाज शरीफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान की बंद कमरे की मीटिंग में जबरन घुस गए. इतना ही नहीं, यह भी कहा गया कि पुतिन ने उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया. वीडियो के साथ किए गए इस दावे ने लोगों को चौंका दिया और देखते ही देखते यह क्लिप मीम्स और राजनीतिक टिप्पणियों का हिस्सा बन गई.
कहां और किस मौके का है यह वीडियो?
यह वीडियो तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात का बताया गया, जहां ‘इंटरनेशनल पीस एंड ट्रस्ट फोरम’ का आयोजन किया गया था. यह फोरम शांति और देशों के बीच भरोसे को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था. खास बात यह रही कि यह कार्यक्रम तुर्कमेनिस्तान की स्थायी तटस्थता की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुआ. इस मंच पर दुनिया के कई बड़े नेताओं, राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों ने शिरकत की थी, जिनमें रूस, तुर्किये और पाकिस्तान जैसे देश भी शामिल थे.
वीडियो में क्या दिख रहा है?
वायरल क्लिप में देखा गया कि शहबाज शरीफ अपनी डेलिगेशन के साथ एक कमरे के बाहर कुछ समय तक इंतजार करते हैं. दावा किया गया कि करीब 40 मिनट तक इंतजार करने के बाद वह उस कमरे में चले गए, जहां पुतिन और एर्दोगान बातचीत कर रहे थे. वीडियो में यह भी नजर आता है कि शरीफ कुछ देर अंदर रुकते हैं और फिर बाहर निकल आते हैं. इसी दृश्य को आधार बनाकर यह कहा गया कि उन्होंने ‘गेटक्रैश’ किया और रूसी राष्ट्रपति ने उन्हें तवज्जो नहीं दी.
आरटी इंडिया का वीडियो और फिर यू-टर्न
इस वीडियो को सबसे पहले रूसी मीडिया चैनल आरटी इंडिया ने शेयर किया था. पोस्ट के साथ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया, उससे ऐसा लगा मानो शहबाज शरीफ ने प्रोटोकॉल तोड़ दिया हो. हालांकि कुछ ही समय बाद आरटी इंडिया ने यह वीडियो और पोस्ट दोनों डिलीट कर दिए. साथ ही एक बयान जारी कर कहा गया कि उनका पोस्ट घटनाओं का गलत चित्रण कर सकता था. यह कदम अपने आप में इस बात का संकेत था कि वायरल दावे पर सवाल खड़े होने लगे थे.
फैक्ट चेक में क्या निकला सच?
कई फैक्ट चेक रिपोर्ट्स में साफ कहा गया कि इस वीडियो को गलत संदर्भ में पेश किया गया. कहीं से भी यह आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई कि शहबाज शरीफ ने किसी निजी या बंद बैठक में जबरन प्रवेश किया हो. कूटनीतिक कार्यक्रमों में अक्सर नेताओं की मीटिंग्स का शेड्यूल बदलता रहता है और कई बार अनौपचारिक बातचीत भी होती है. वीडियो में दिखा दृश्य भी इसी तरह की एक सामान्य स्थिति हो सकता है, जिसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया.
रूस और पाकिस्तान की चुप्पी का मतलब
इस पूरे मामले पर न तो रूसी सरकार की ओर से और न ही पाकिस्तान की सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान आया. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शहबाज शरीफ की व्लादिमीर पुतिन और रेसेप तैयप एर्दोगान दोनों से बातचीत हुई थी. इन बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. इसके अलावा शहबाज शरीफ की ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से भी मुलाकात हुई थी. अगर कोई गंभीर प्रोटोकॉल उल्लंघन होता, तो इस पर जरूर आधिकारिक प्रतिक्रिया देखने को मिलती.
सोशल मीडिया का शोर और हकीकत
वायरल वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर मीम्स और मजाक का दौर चल पड़ा. कुछ लोगों ने इसे पाकिस्तान की कूटनीतिक किरकिरी बताया, तो कुछ ने इसे महज अफवाह करार दिया. लेकिन सच्चाई यह है कि यह मामला गलतफहमी और अधूरी जानकारी का नतीजा था. एक छोटे से वीडियो क्लिप को बिना पूरे संदर्भ के पेश किया गया, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई.
इंटरनेशनल पीस एंड ट्रस्ट फोरम का असली मकसद
इंटरनेशनल पीस एंड ट्रस्ट फोरम एक ऐसा वैश्विक मंच है, जहां दुनिया भर के नेता, मंत्री, विशेषज्ञ और संयुक्त राष्ट्र से जुड़े प्रतिनिधि एक साथ बैठकर शांति, संवाद और आपसी भरोसे पर चर्चा करते हैं. संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ पीस एंड ट्रस्ट’ घोषित किया था और इसी क्रम में अश्गाबात में यह आयोजन हुआ. ऐसे मंचों पर औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरह की मुलाकातें आम बात होती हैं.
यह भी पढ़ें :- H-1B वीजा पर 1 लाख डॉलर की फीस गैरकानूनी है? अदालत पहुंचे US के 20 राज्य















