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‘अगर ऐसा ही चलता रहा तो तीसरा विश्व युद्ध…’ रूस-यूक्रेन युद्ध पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप, पुतिन को दी कड़ी चेतावनी
Authored By: Nishant Singh
Published On: Friday, December 12, 2025
Last Updated On: Friday, December 12, 2025
रूस-यूक्रेन युद्ध की आग अब दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा कर रही है. इसी बढ़ते खतरे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भड़क उठे और खुलकर चेतावनी दी कि अगर हालात ऐसे ही बिगड़ते रहे तो ग्लोबल तबाही तय है. पिछले महीने 25,000 मौतों के बाद ट्रंप ने कहा कि अब सिर्फ बातें नहीं, तुरंत युद्धविराम और सीधी कार्रवाई ही दुनिया को बचा सकती है.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Friday, December 12, 2025
Trump Warns Putin War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा खून-खराबा सिर्फ यूरोप का संकट नहीं रहा, बल्कि अब इसका असर पूरी दुनिया महसूस कर रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस जंग को लेकर जिस तरह की चेतावनी दी है, उसने ग्लोबल मंच पर हलचल मचा दी है. ट्रंप ने कहा कि अगर हालात ऐसे ही बिगड़ते रहे तो दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर फिसल सकती है. उनकी यह टिप्पणी न सिर्फ अमेरिका में बल्कि दुनिया के हर बड़े देश में चर्चा का विषय बन गई है.
‘अगर ऐसा चलता रहा तो तीसरा विश्व युद्ध…’ ट्रंप का सख्त संदेश
व्हाइट हाउस में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ट्रंप ने साफ कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध अब काबू से बाहर जा रहा है. उन्होंने बताया कि केवल पिछले महीने ही इस युद्ध में करीब 25,000 लोग मारे गए और इनमे भारी संख्या में सैनिक शामिल थे. ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस बात का गहरा दुख है कि इंसानी जिंदगियां इतनी तेजी से खत्म हो रही हैं, और कोई देश पीछे हटने को तैयार ही नहीं. ट्रंप ने चेतावनी दी, “अगर दुनिया के बड़े देश ऐसे ही खेल खेलते रहे, तो हमें तीसरे विश्व युद्ध को रोकना मुश्किल हो जाएगा. यह युद्ध अब सिर्फ दो देशों के बीच की लड़ाई नहीं रहा, बल्कि यह एक वैश्विक खतरा बन चुका है.”
तुरंत युद्धविराम की ट्रंप की अपील
ट्रंप ने जोर देकर कहा कि वह चाहते हैं कि यह युद्ध किसी भी तरह, किसी भी कीमत पर तुरंत रोका जाए. उन्होंने कहा कि अब समय सिर्फ बैठकों और औपचारिक भाषणों का नहीं, बल्कि सीधी और ठोस कार्रवाई का है. ट्रंप का कहना है कि लगातार बढ़ते हमले, बमबारी और सैनिकों की मौतें दुनिया को खतरे के उस मोड़ पर ला रही हैं जहां से वापसी नामुमकिन हो सकती है. उन्होंने साफ कहा कि वह “यहां हो रहीं हत्याओं को रुकते हुए देखना चाहते हैं.”
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव की प्रतिक्रिया: ट्रंप बेहद निराश
इस प्रेस ब्रीफिंग के बाद व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने भी हालात पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप रूस और यूक्रेन दोनों से बेहद निराश हैं, क्योंकि दोनों ही देश सीजफायर पर सहमत होने का कोई इरादा नहीं दिखा रहे. कैरोलिन ने कहा, “राष्ट्रपति अब सिर्फ बातों से तंग आ चुके हैं. वे कार्रवाई चाहते हैं. सिर्फ औपचारिक मुलाकातें अब काम की नहीं रहीं. ट्रंप प्रशासन शांति प्रयासों में पूरी तरह से जुटा है.”
यूरोपीय नेताओं और ट्रंप टीम की गुप्त कूटनीति
जैसे ही युद्ध को लेकर तनाव बढ़ा, ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं के साथ सीधी बातचीत शुरू कर दी. उन्होंने 10 दिसंबर 2025 को कई यूरोपीय प्रतिनिधियों से बात की और शांति के रास्ते खोजने की कोशिश की. वहीं अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और उनकी टीम अभी भी रूस और यूक्रेन, दोनों पक्षों के साथ सीधे संपर्क में हैं. माना जा रहा है कि अमेरिका पर्दे के पीछे एक बड़े ‘सेफ्टी पैक्ट’ पर काम कर रहा है, जिसके तहत दोनों देशों की सुरक्षा चिंताओं को संतुलित करने की कोशिश हो रही है.
यूक्रेन को सुरक्षा समझौते की पेशकश, लेकिन जेलेंस्की से निराशा
ट्रंप ने संकेत दिए कि अमेरिका रूस के साथ समझौता कराने के लिए यूक्रेन को अतिरिक्त सुरक्षा सहायता देने के लिए भी तैयार है. हालांकि, उन्होंने यह भी खुलकर कहा कि उन्हें यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के रवैये से निराशा हुई है. ट्रंप के अनुसार, जेलेंस्की अमेरिकी शांति योजना पर सरलता से सहमत नहीं हुए, जिससे कीव पर दबाव और बढ़ गया है. अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन कुछ रियायत देकर युद्ध को रोकने की दिशा में कदम बढ़ाए, जबकि यूक्रेन अपनी सुरक्षा और सीमाओं को लेकर अब भी बेहद सख्त है.
क्या 2025 दुनिया के लिए निर्णायक साल साबित होगा?
रूस-यूक्रेन युद्ध चौथे साल में प्रवेश कर चुका है और इसका अंत अभी भी दूर दिखता है. डोनाल्ड ट्रंप की विश्व युद्ध जैसी चेतावनी यह बताती है कि हालात कितने गंभीर हो चुके हैं. दुनिया की नजर अब ट्रंप की मध्यस्थता, यूरोपीय देशों की भूमिका और रूस-यूक्रेन की अगली चाल पर टिक गई है. अगर युद्ध नहीं रुका, तो 2025 वास्तव में उस दौर की शुरुआत बन सकता है जिसकी कल्पना भी डर पैदा करती है, एक वैश्विक टकराव, जिसकी कीमत पूरी दुनिया को चुकानी पड़ेगी.
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