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17 साल बाद खालिदा जिया के बेटे की बांग्लादेश वापसी, अचानक स्वदेश लौटने के पीछे क्या है बड़ी वजह?
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Saturday, December 13, 2025
Last Updated On: Saturday, December 13, 2025
17 साल बाद बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आने वाला है. बीएनपी के कार्यवाहक चेयरमैन और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 25 दिसंबर को स्वदेश लौट रहे हैं. चुनावी माहौल, हिंसा की शुरुआत और मां की गंभीर हालत, इस वापसी के पीछे कई बड़े संकेत छिपे हैं.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Saturday, December 13, 2025
Khaleda Zia Return: बांग्लादेश की सियासत एक बार फिर उफान पर है. लंबे समय से लंदन में रह रहे बीएनपी के कार्यवाहक चेयरमैन तारिक रहमान 17 साल का स्वनिर्वासन खत्म कर 25 दिसंबर को ढाका लौटने जा रहे हैं. यह फैसला ऐसे समय में सामने आया है, जब देश में आम चुनावों की तारीख घोषित हो चुकी है और राजनीतिक हिंसा की घटनाएं भी शुरू हो गई हैं. बांग्लादेश में अगले साल 12 फरवरी को चुनाव होंगे. वहीं दूसरी ओर उनकी मां, पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया की तबीयत बेहद नाजुक बनी हुई है और वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. ऐसे में तारिक रहमान की वापसी को सिर्फ भावनात्मक नहीं, बल्कि आने वाले चुनावों से जुड़ा एक बड़ा राजनीतिक संकेत माना जा रहा है.
दरअसल, बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने रहमान की वापसी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह फैसला पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में लिया गया. आलमगीर ने कहा कि रहमान के आने पर पार्टी उनका औपचारिक रूप से स्वागत करेगी. उन्होंने कहा, ‘हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे एक्टिंग चेयरमैन तारिक रहमान 25 दिसम्बर को ढाका लौटेंगे.’ आलमगीर ने इस कदम को भावनात्मक और राजनीतिक रूप से जरूरी बताया.
खालिदा जिया की हालत नाजुक
तारिक रहमान की वापसी की घोषणा ऐसे वक्त में हुई है, जब बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की तबीयत बेहद गंभीर बनी हुई है. 80 वर्षीय खालिदा जिया लंबे समय से बीमार चल रही हैं. वे 23 नवंबर से ढाका के एवरकेयर अस्पताल में भर्ती हैं. गुरुवार को उनकी हालत और बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया. डॉक्टरों के मुताबिक, अचानक उनके ऑक्सीजन लेवल में गिरावट दर्ज की गई. साथ ही शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई. इसी वजह से डॉक्टरों को उनका रेस्पिरेटरी सपोर्ट बढ़ाना पड़ा. मेडिकल बोर्ड के प्रमुख ने बयान जारी कर कहा कि फिलहाल उनकी स्थिति बेहद नाजुक है और डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी कर रही है.
2007 में गिरफ्तारी, फिर लंदन में निर्वासन
तारिक रहमान को साल 2007 में बांग्लादेश की राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान गिरफ्तार किया गया था. 2008 में जेल से रिहा होने के बाद वे मेडिकल इलाज के लिए अपने परिवार के साथ लंदन चले गए. इसके बाद से वे वहीं रह रहे हैं. इस दौरान उन पर कई मामलों में सजा सुनाई गई. इनमें तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना पर हुए बम हमले से जुड़ा मामला भी शामिल है, जिसमें उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि इन मामलों को लेकर बांग्लादेश की राजनीति में लंबे समय तक विवाद चलता रहा.
चुनाव से पहले बदला सियासी माहौल
पिछले साल 5 अगस्त को अवामी लीग सरकार के सत्ता से हटने के बाद हालात तेजी से बदले. इसके बाद रहमान के खिलाफ दिए गए कई सजा के फैसले पलट दिए गए. कुछ मामलों में उन्हें पूरी तरह बरी भी कर दिया गया. हालांकि वे देश से बाहर रहे, लेकिन पार्टी पर उनकी पकड़ बनी रही. लंबे समय तक वे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के वास्तविक नेता माने जाते रहे. वे ऑनलाइन माध्यमों के जरिए समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते रहे.
चुनावी ऐलान के साथ बढ़ी हिंसा
बांग्लादेश में चुनाव की आहट के साथ ही हिंसा भी सामने आने लगी है. शेख हसीना के खिलाफ चले आंदोलन के प्रमुख चेहरों में शामिल उस्मान हादी को शुक्रवार को गोली मार दी गई. वे ढाका-8 संसदीय क्षेत्र से संभावित निर्दलीय उम्मीदवार बताए जा रहे हैं. घटना दोपहर करीब 2 बजे की है. उस समय उस्मान हादी अपने चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से मिलने निकले थे. तभी अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोली चला दी. गोली लगने के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. उस्मान हादी ‘इंकलाब मंच’ नामक संगठन के शीर्ष नेताओं में से एक हैं. इस घटना के बाद चुनाव से पहले बढ़ती हिंसा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं.
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