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Trump-Venezuela Controversy: क्या दुनिया एक और युद्ध की ओर बढ़ रही है?
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Wednesday, December 17, 2025
Last Updated On: Wednesday, December 17, 2025
अमेरिका–वेनेजुएला तनाव सिर्फ आर्थिक प्रतिबंधों तक सीमित नहीं दिख रहा है. नाकाबंदी, सैन्य तैनाती और राजनीतिक बयानबाजी इस आशंका को मजबूत कर रहे हैं कि अगर हालात नहीं संभले, तो दुनिया एक और युद्ध की ओर बढ़ सकती है.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Last Updated On: Wednesday, December 17, 2025
Trump-Venezuela Controversy: दुनिया के दो और देश युद्ध के मुहाने पर खड़ा है. पिछले कुछ दिनों से अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. अब यह विवाद एक खतरनाक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला पर दबाव बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए, वहां तेल टैंकरों के मूवमेंट पर पूरी नाकाबंदी का आदेश दिया है.
इस फैसले को वेनेजुएलाई मादुरो सरकार की कमर तोड़ने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. कारण, वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा आधार तेल है.
वेनेजुएला पर अमेरिकी संपत्ति की चोरी का आरोप
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, ‘वेनेजुएला सरकार पर अमेरिका की संपत्ति की चोरी, आतंकवाद, ड्रग तस्करी और मानव तस्करी जैसे गंभीर आरोप हैं. इसलिए उन्होंने वेनेजुएला सरकार को एक बार फिर से ‘विदेशी आतंकवादी संगठन’ की घोषणा कर तेल टैंकरों की नाकाबंदी का आदेश दिया. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस नाकेबंदी को कैसे लागू किया जाएगा. क्या इसके लिए अमेरिकी कोस्ट गार्ड या नौसेना का इस्तेमाल किया जाएगा.
अमेरिकी सेना की मौजूदगी बढ़ी
अमेरिका ने संबंधित क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा दी है. हजारों सैनिकों और लगभग एक दर्जन युद्धपोत को कैरेबियन सी और आसपास के इलाकों में तैनात किया गया है. यही नहीं विश्व का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत भी इसमें शामिल है. पिछले हफ्ते अमेरिकी बलों ने वेनेजुएला के तट से एक तेल टैंकर को जब्त भी किया था. इसके बाद से कई जहाज जब्ती के डर से वेनेजुएला के पानी में ही रुके हुए हैं. इससे देश के तेल निर्यात में तेज गिरावट आई है.
वेनेजुएला ने ट्रंप की धमकी को खारिज किया
वेनेजुएला सरकार ने ट्रंप की घोषणा को भयानक धमकी बताते हुए, उसे खारिज कर दिया है. राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का आरोप है कि अमेरिका का असली मकसद उन्हें सत्ता से हटाना और देश के विशाल तेल संसाधनों पर नियंत्रण करना है. वेनेजुएला के पास दुनिया का सबसे बड़ा कच्चे तेल का भंडार माना जाता है. यह रणनीतिक रूप से बेहद अहम है.
मादुरो सरकार ने इसे ‘साम्राज्यवादी साजिश’ बताया. कहा कि देश की संप्रभुता और शांति की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है.
- ट्रंप ने वेनेजुएला की मादुरो सरकार को विदेशी आतंकवादी संगठन बताया.
- वेनेजुएला ने ट्रंप की ’धमकी’ को खारिज किया.
- मादुरो का दावा है कि अमेरिका का मकसद वेनेजुएला के विशाल तेल भंडार पर कंट्रोल करना है.
- नाकाबंदी की घोषणा से तेल की कीमतों में 1 प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़ोतरी.
तनाव से तेल बाजार पर असर
दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव का असर वैश्विक तेल बाजार पर भी दिखा. एशियाई कारोबार में तेल की कीमतों में एक प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार वेनेजुएला के निर्यात में संभावित कमी को लेकर पहले से आशंकित है. हालांकि निवेशक अभी यह देखने का प्रयास कर रहा है कि नाकाबंदी कितनी सख्त और किन-किन जहाजों पर लागू होती है.
अमेरिका में ही ट्रंप पर उठे सवाल
ट्रंप के इस कदम पर सवाल उठ रहे हैं. राजनीतिक और कानूनी विशेषज्ञ दोनों उन पर सवाल खड़े कर कर रहे हैं. यूसी बर्कले लॉ स्कूल की अंतरराष्ट्रीय कानून विशेषज्ञ एलेना चाचको को मानें, तो अमेरिकी राष्ट्रपति के पास विदेश में सेना को तैनात करने के व्यापक अधिकार हैं, लेकिन किसी देश की नाकाबंदी को पारंपरिक रूप से युद्ध के लिए उकसाना माना जाता है.
ऐसे में यह कदम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कानून, दोनों लिहाज से गंभीर बहस खड़ी करता है. अमेरिकी कांग्रेस के डेमोक्रेट सदस्य जोकिन कास्त्रो ने इसे ‘युद्ध का स्पष्ट संकेत’ बताया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा युद्ध न तो कांग्रेस ने मंजूर किया है और न ही अमेरिकी जनता चाहती है.
आर्थिक दबाव में वेनेजुएला
वेनेजुएला आर्थिक मोर्चे पर पहले से ही दबाव में है. सरकारी तेल कंपनी PDVSA पर कुछ दिनों पहले ही एक साइबर अटैक हुआ था, जिससे उसका प्रशासनिक सिस्टम ठप हो गया. इससे निर्यात और भुगतान व्यवस्था और बिगड़ गई है.
हालांकि, वेनेजुएला के सभी जहाजों पर प्रतिबंध नहीं हैं. ईरान और रूस से जुड़े कुछ टैंकर, साथ ही अमेरिका की शेवरॉन जैसी कंपनियों के अधिकृत जहाज अभी भी सीमित मात्रा में वेनेजुएला का तेल ढो रहे हैं.
वैश्विक आपूर्ति पर दबाव नहीं
तेल बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल वैश्विक आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में है. चीन जैसे देशों के तटों पर लाखों बैरल तेल टैंकरों से उतरने का इंतजार कर रहा है. यदि यह नाकाबंदी लंबे समय तक जारी रहती है, तो रोजाना करीब 10 लाख बैरल तेल की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. इससे कीमतों में 5 से 8 डॉलर प्रति बैरल तक की बढ़ोतरी संभव है.
पूर्व अमेरिकी ऊर्जा राजनयिक डेविड गोल्डविन का मानना है कि अगर हालात बिगड़े तो महंगाई बढ़ेगी और वेनेजुएला से पड़ोसी देशों की ओर बड़े पैमाने पर पलायन हो सकता है.
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