किस बात से नाराज हो गए ट्रंप? साउथ अफ्रीका पर बरसे बाण, G20 समिट का किया बहिष्कार

Authored By: Nishant Singh

Published On: Saturday, November 8, 2025

Last Updated On: Saturday, November 8, 2025

ट्रंप ने साउथ अफ्रीका पर नाराजगी जताते हुए G20 समिट का बहिष्कार किया, वैश्विक राजनीति में हलचल.
ट्रंप ने साउथ अफ्रीका पर नाराजगी जताते हुए G20 समिट का बहिष्कार किया, वैश्विक राजनीति में हलचल.

डोनाल्ड ट्रंप फिर चर्चा में हैं - इस बार G20 समिट को लेकर. ट्रंप ने साउथ अफ्रीका में श्वेत किसानों के साथ कथित दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए G20 सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया और यहां तक कह दिया कि दक्षिण अफ्रीका को G20 से बाहर कर देना चाहिए. दूसरी ओर, साउथ अफ्रीका ने इसे झूठा प्रचार बताया है. आखिर इस नाराज़गी के पीछे क्या है सच्चाई? जानिए पूरी कहानी.

Authored By: Nishant Singh

Last Updated On: Saturday, November 8, 2025

Trump Boycotts G20 Summit: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सुर्खियों में हैं – इस बार वजह है उनका साउथ अफ्रीका पर गुस्सा और G20 समिट का बहिष्कार. ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका का कोई भी सरकारी अधिकारी इस साल जोहान्सबर्ग में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा. उन्होंने अपने फैसले का कारण बताते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार श्वेत किसानों यानी Afrikaners के साथ अन्याय और हिंसा कर रही है.

ट्रंप ने इसे “न्याय के लिए मजबूरी” बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा –

“यह शर्मनाक है कि G20 जैसा प्रतिष्ठित आयोजन उस देश में हो रहा है, जो अपने ही नागरिकों पर अत्याचार कर रहा है. भूमि कब्ज़ा और हिंसा मानवाधिकारों का उल्लंघन है.”

पहले योजना थी कि ट्रंप की जगह उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance) सम्मेलन में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करेंगे, लेकिन अब उन्होंने भी भाग लेने से इंकार कर दिया. व्हाइट हाउस सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला ट्रंप के सीधे निर्देश पर लिया गया है, जो इसे एक राजनीतिक संदेश बताता है.

साउथ अफ्रीका का पलटवार: “यह सब झूठा प्रचार”

ट्रंप के आरोपों के बाद दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कड़ा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि ट्रंप का बयान पूरी तरह से झूठ और राजनीतिक प्रचार पर आधारित है, जिसका उद्देश्य सिर्फ उनके देश की छवि खराब करना है.
रामफोसा ने कहा –

“दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद खत्म हुए तीन दशक हो चुके हैं. हमारे यहां सभी नागरिक समान अधिकार रखते हैं. श्वेत किसान आज भी सबसे संपन्न वर्ग में गिने जाते हैं.”

रामफोसा ने यह भी जोड़ा कि ट्रंप बार-बार पुराने आंकड़ों और झूठी रिपोर्ट्स के सहारे नस्लीय मुद्दों को हवा देने की कोशिश करते हैं. वहीं, कई अफ्रीकी डिप्लोमैट्स ने ट्रंप के बयान को “नस्लीय राजनीति को भड़काने वाला” बताया है.

ट्रंप की मांग: “G20 से बाहर करो साउथ अफ्रीका को”

मामला यहीं नहीं रुका. ट्रंप ने मियामी में एक भाषण के दौरान कहा कि “जब तक साउथ अफ्रीका में श्वेत किसानों पर अत्याचार बंद नहीं होते, तब तक अमेरिका किसी भी वैश्विक मंच पर इस देश के साथ नहीं बैठेगा.”

उन्होंने यहां तक कहा कि दक्षिण अफ्रीका को G20 से बाहर कर देना चाहिए, क्योंकि यह देश “मानवाधिकारों का सम्मान नहीं करता.” यह बयान ऐसे समय आया है जब G20 समिट 2025 नवंबर के अंत में जोहान्सबर्ग में होने वाला है, जिसमें दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाएं जलवायु संकट, आर्थिक विकास और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करेंगी.

विवाद की जड़: भूमि और नस्ल की राजनीति

दरअसल, ट्रंप और साउथ अफ्रीका के बीच यह टकराव नया नहीं है. ट्रंप प्रशासन लंबे समय से दक्षिण अफ्रीकी सरकार पर आरोप लगाता रहा है कि वह श्वेत किसानों के खिलाफ हो रहे हिंसक हमलों को नजरअंदाज कर रही है.

ट्रंप ने पहले भी कहा था कि साउथ अफ्रीका में “लैंड सीजर(भूमि अधिग्रहण) की नीति के तहत श्वेत किसानों की ज़मीनें जब्त की जा रही हैं और यह नीति “रंगभेद के बदले बदला” जैसी लगती है.

इस साल की शुरुआत में अमेरिकी प्रशासन ने शरणार्थी नीति में बदलाव करते हुए श्वेत दक्षिण अफ्रीकियों को प्राथमिकता देने का ऐलान भी किया था, जिसने विवाद को और गहरा दिया.

दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीकी सरकार का कहना है कि ये घटनाएं जातीय नहीं, बल्कि सामान्य आपराधिक घटनाएं हैं जिन्हें राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.

बढ़ता तनाव: अमेरिका-साउथ अफ्रीका रिश्तों में कड़वाहट

G20 से पहले यह विवाद दोनों देशों के रिश्तों में नई दरार पैदा कर सकता है. जहां ट्रंप इसे मानवाधिकार और न्याय का मुद्दा बताते हैं, वहीं साउथ अफ्रीका इसे अमेरिकी राजनीति का दिखावा और नस्लीय एजेंडा मानता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह विवाद आगे बढ़ा, तो अमेरिका न सिर्फ साउथ अफ्रीका से बल्कि पूरे अफ्रीकी ब्लॉक से दूरी बना सकता है, जिससे चीन और रूस जैसे देशों को अफ्रीका में और गहरी पैठ बनाने का मौका मिलेगा.

राजनीति, नाराज़गी या रणनीति?

ट्रंप का यह फैसला सिर्फ गुस्से का परिणाम है या आने वाले अमेरिकी चुनावों की रणनीति – इस पर सवाल उठने लगे हैं. कई विश्लेषक मानते हैं कि ट्रंप इस विवाद का इस्तेमाल घरेलू स्तर पर “श्वेत मतदाताओं” को लुभाने के लिए कर रहे हैं, जबकि साउथ अफ्रीका इसे “अमेरिका का राजनीतिक ड्रामा” कह रहा है.

एक बात तो तय है – ट्रंप की नाराज़गी ने G20 समिट शुरू होने से पहले ही भू-राजनीति में हलचल मचा दी है. अब दुनिया की नजरें इस पर हैं कि क्या यह विवाद केवल बयानबाज़ी तक सीमित रहेगा या आने वाले महीनों में अमेरिका और साउथ अफ्रीका के रिश्ते एक नए मोड़ पर पहुंच जाएंगे.

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निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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