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कौन हैं वर्जीनिया की नई उपराज्यपाल गजाला हाशमी, जानें क्या है भारत के साथ कनेक्शन?
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Wednesday, November 5, 2025
Last Updated On: Wednesday, November 5, 2025
हैदराबाद में जन्मीं डेमोक्रेट भारतीय मूल की गजाला हाशमी ने अमेरिकी राजनीति में इतिहास रच दिया है. उन्होंने वर्जीनिया के लेफ्टिनेंट गवर्नर का चुनाव जीतकर राज्य की पहली मुस्लिम और दक्षिण एशियाई अमेरिकी महिला उपराज्यपाल बनने का गौरव हासिल किया. गजाला की जड़ें भारत से जुड़ी हैं और उनका विजन समावेशिता, शिक्षा, समानता और लोकतंत्र की रक्षा पर आधारित है.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Wednesday, November 5, 2025
अमेरिकी राजनीति में इस समय भारतीय मूल की महिलाओं का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है. इन्हीं में एक नाम है गजाला हाशमी (Ghazala Hashmi) का, जिन्होंने वर्जीनिया राज्य के लेफ्टिनेंट गवर्नर का चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है. गजाला हाशमी ने रिपब्लिकन जॉन रीड को हराया. हाशमी वर्तमान में 15वें सेनेटोरियल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करते हुए वर्जीनिया सीनेट में काम कर रही हैं. हैदराबाद में जन्मीं और अमेरिका में पली-बढ़ी गजाला न केवल पहली मुस्लिम बल्कि पहली दक्षिण एशियाई अमेरिकी हैं जिन्होंने वर्जीनिया के इस शीर्ष संवैधानिक पद पर जीत दर्ज की है. उनकी यह सफलता न केवल विविधता और समावेशिता की मिसाल है बल्कि भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए गर्व का क्षण भी है. गजाला का राजनीतिक सफर प्रेरणादायक है. एक शिक्षिका से लेकर एक संवेदनशील नेता तक की उनकी यात्रा यह दिखाती है कि मूल्य, शिक्षा और समाजसेवा की भावना किस तरह राजनीति को नया अर्थ दे सकती है.
कौन हैं गजाला हाशमी?
5 जुलाई 1964 को हैदराबाद (भारत) में जन्मी गजाला हाशमी सिर्फ चार साल की थीं जब वे अपनी मां और भाई के साथ अमेरिका चली गईं. उनके पिता उस समय जॉर्जिया में अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी कर रहे थे. गजाला ने जॉर्जिया साउदर्न यूनिवर्सिटी से ऑनर्स के साथ स्नातक किया और फिर अटलांटा की एमोरी यूनिवर्सिटी से अमेरिकन लिटरेचर में पीएचडी हासिल की. करीब 30 साल का लंबा करियर उन्होंने अंग्रेजी साहित्य की प्रोफेसर के रूप में बिताया. पहले यूनिवर्सिटी ऑफ रिचमंड में पढ़ाया, फिर रेनॉल्ड्स कम्युनिटी कॉलेज में “सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन टीचिंग एंड लर्निंग” की शुरुआत की.
भारत से उनका रिश्ता
गजाला की भारतीय जड़ें आज भी उतनी ही मजबूत हैं. उनके नाना आंध्र प्रदेश सरकार में काम करते थे. वे अब भी हैदराबाद में अपने परिवार से संपर्क बनाए रखती हैं और भारत के प्रति गहरी भावनाएं रखती हैं. 1980 के दशक में उनकी शादी अजहर रफीक से हुई. 1991 में दोनों रिचमंड इलाके में बस गए. उनकी दो बेटियां हैं यास्मिन और नूर. गजाला का कहना है कि परिवार से मिले संस्कार ही उनकी सोच और राजनीति की असली ताकत हैं.
उनकी विचारधारा और सोच
गजाला हाशमी का मानना है कि समाज में सबको बराबरी का हक मिलना चाहिए. उनकी वेबसाइट के अनुसार, उनका मकसद है समावेशिता को बढ़ावा देना, लोकतंत्र की रक्षा करना और शासन में समानता कायम रखना. वह अमेरिका में बढ़ते गन कल्चर की मुखर विरोधी हैं. गजाला ने असॉल्ट हथियारों पर प्रतिबंध, सख्त बैकग्राउंड चेक और हथियारों की सुरक्षित स्टोरेज जैसी नीतियों की मांग की है. उनका विधायी एजेंडा सार्वजनिक शिक्षा, मतदान के अधिकार, महिलाओं की प्रजनन स्वतंत्रता, सस्ती स्वास्थ्य सेवा, पर्यावरण सुरक्षा और सभी के लिए घर जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने पर केंद्रित है. उनका मानना है कि नीतियां समुदाय की जरूरतों से जुड़ी होनी चाहिए, ताकि सामाजिक न्याय और समान अवसर को बढ़ावा मिल सके.
गजाला हाशमी की प्रमुख नीतियां
वर्जीनिया की नई लेफ्टिनेंट गवर्नर बनने के बाद गजाला की पहली प्राथमिकता महिलाओं के प्रजनन अधिकारों की सुरक्षा और गर्भनिरोधक साधनों की उपलब्धता रही है. उन्होंने कहा था कि 2017 में जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुस्लिम-बहुल देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया था, वही पल उनकी राजनीति में आने का निर्णायक क्षण बना. उस घटना ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर किया कि लोकतंत्र, समानता और न्याय के मूल्यों की रक्षा के लिए आगे बढ़ना जरूरी है. गजाला हाशमी अब वर्जीनिया ही नहीं, बल्कि पूरी अमेरिकी राजनीति में समावेश और उम्मीद की नई पहचान बन चुकी हैं.
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