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कोसी का यह विकराल रूप डरा रहा है लोगों को, नेपाल से आया है यह बारिश का पानी
कोसी का यह विकराल रूप डरा रहा है लोगों को, नेपाल से आया है यह बारिश का पानी
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, September 30, 2024
Updated On: Monday, September 30, 2024
कोसी (Kosi) एक बार फिर अपने विकराल रूप में गर्जना कर रही है। इसके किनारे पड़ने वाले कई गांव के लोग भयानक त्रासदी के शिकार होते रहे हैं। एक बार फिर वे आतंकित हैं। न जाने आगे क्या होगा ? सोशल मीडिया और मीडिया में बाढ़ की बात खूब होती रही है, लेकिन बिहार के मिथिलांचल और सीमांचल के इस शोक का स्थायी समाधान कोई नहीं करता। यही इस क्षेत्र के लोगों का स्थायी दुख है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Monday, September 30, 2024
यह बाढ़ न सिर्फ जान-माल का नुकसान करती है, बल्कि कृषि और ग्रामीण जीवन पर भी गंभीर असर डालती है। इस बार भी नेपाल में भारी बारिश के कारण नदी में जलस्तर बढ़ने से लोग डर और अनिश्चितता में हैं। प्रशासन को जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है ताकि प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और उन्हें समय पर मदद मिले।
सरकार पल पल की घटनाओं पर बनाए हुए है नजर
बिहार के कई ज़िलों में बाढ़ की स्थिति पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय (Union Minister Nityanand Rai) ने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी निगरानी में एक-एक चीज को देख रहे हैं। राज्य और केंद्र सरकार तत्परता के साथ बिहार में बाढ़ को लेकर सजग हैं और सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे…”
कोसी क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार पुष्यमित्र का है ये कहना
आखिरकार वही हुआ जिसकी आशंका नदियों के जानकार बरसों से जता रहे थे। कल रात दो बजे जो दरभंगा के कीरतपुर में भुभोल गांव के पास पश्चिमी तटबंध टूट गया यह बड़ी घटना तो है, इससे दरभंगा के दो प्रखंड घनश्यामपुर और कीरतपुर के 25 पंचायतों के सभी गांवों में पानी जा रहा है। आगे यह पानी जिले के गौड़ा बौराम और बिरौल तक भी जा सकता है। यह तबाही 2008 जैसी नहीं है, मगर 2004 में इस इलाके में जैसी बाढ़ आई थी, कुछ कुछ वैसी तबाही लग रही है। इसकी वजह यह है कि यहां से पश्चिमी कुछ ही दूर पर कमला नदी बह रही है और दक्षिण में कुशेश्वर स्थान झील है। पानी दोनों में से किसी तरफ जा सकता है।
असल बड़ी खबर है कोसी के पानी का तटबंध को पार कर जाना। ओवर फ्लो होकर बहना। जो इस वीडियो में दिख रहा है। ऐसा कोसी में शायद ही पहले हुआ होगा। इसका मतलब यह कि कोसी के दोनों तटबंधों के बीच इतना गाद भर गया है कि नदी अब तटबंध को फलांग जा रही है। नदी को बांधने के लिए हमने जो पिंजड़ा तैयार किया था वह छोटा पड़ गया। अब सरकार तटबंध की ऊंचाई बढ़ाने की बात कहेगी।
सरकार की तैयारी नहीं है पूरी
बिहार के कई ज़िलों में बाढ़ की स्थिति पर राजद नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि बेहद चिंताजनक, भौगोलिक रूप से देखें तो नेपाल से पानी छोड़ा जाना यह कोई नई बात नहीं है लेकिन हमारी तैयारियां हर साल रि-एक्टिव होती हैं, प्रो-एक्टिव कभी नहीं होती। सहरसा-सूपौल से लेकर मधेपूरा की स्थिति खतरा झेल रहे हैं, विस्थापन की भी प्रक्रिया का आभाव है।
सांसद संजय झा ने ग्रामीणों से की है ये अपील
राज्यसभा सांसद और बिहार सरकार के पूर्व जल संसाधन मंत्री रहे संजय कुमार झा (Sanjay Kumar Jha) ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि नेपाल में भारी वर्षा के कारण आज सुबह कोसी बराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक जलस्राव हुआ है, जो 1968 के बाद सबसे अधिक जलस्राव है।
#बिहार– राज्य में #कोसी, #गंडक और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने से #सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, #दरभंगा, #पूर्वी_चंपारण, पश्चिमी_चंपारण, #गोपालगंज एवं अररिया जिलों में दर्जनों ब्लॉक बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे इन इलाकों की स्थिति अभी भी… pic.twitter.com/j6f5wujUaw
— Galgotias Times (@galgotiastimes) September 30, 2024
इससे उत्पन्न आपदा की घड़ी में बाढ़ से सुरक्षा तथा राहत के लिए जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। यदि आप नेपाल से आने वाली नदियों के किनारे या तटबंध के भीतर बसे हैं, तो कृपया आप भी सतर्क रहें और जरूरी सावधानी बरतें।