पहला ही दिन विधानसभा सत्र रहा हंगामेदार, पीडीपी विधायकों ने कर दी अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग

पहला ही दिन विधानसभा सत्र रहा हंगामेदार, पीडीपी विधायकों ने कर दी अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, November 4, 2024

first day j & k assembly session

विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर कई प्रकार की बात हो रही थीं। सोमवार को जब विधानसभा का पहला दिन ही था, कुछ विधायकों ने इसको लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया। विधायक वहीद उर रहमान पारा सहित पीडीपी विधायकों ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने प्रस्ताव लाने के लिए पारा को बधाई दी।

वहीद उर रहमान पारा (Waheed UR Rehman Para) ने सत्र के दौरान कहा कि महोदय, मैं आपको सदन का अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई देता हूं। हम आपके अनुभव से बहुत कुछ सीखेंगे। आज मेरे पास अपनी पार्टी की ओर से एक प्रस्ताव है जिसे मैं आपके समक्ष प्रस्तुत करना चाहता हूं। प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग की गई है।

सीएम उमर अब्दुला ने ही भी दिख रही है सहमति

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने कहा, “हमें पता था कि इसके लिए एक सदस्य द्वारा तैयारी की जा रही है…वास्तविकता यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 को लिए गए फैसले को स्वीकार नहीं करते हैं। अगर उन्होंने इसे स्वीकार किया होता, तो आज के नतीजे अलग होते। सदन इस पर कैसे विचार करेगा और चर्चा करेगा, यह कोई एक सदस्य तय नहीं करेगा। आज लाए गए प्रस्ताव का कोई महत्व नहीं है, यह केवल कैमरों के लिए है। अगर इसके पीछे कोई उद्देश्य होता, तो वे पहले हमसे इस पर चर्चा करते…”

भाजपा विधायकों ने प्रस्ताव का किया विरोध

उनके इस कदम से सदन में भारी हंगामा हुआ और भाजपा विधायकों ने स्पीकर से प्रस्ताव को तुरंत रद्द करने का आग्रह किया। स्पीकर राथर ने भाजपा सदस्यों के गुस्से को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि यह मेरा अधिकार क्षेत्र है, मुझे इसकी जांच करने दें और उसके अनुसार मैं प्रस्ताव पर फैसला करूंगा।

हालांकि 28 भाजपा विधायकों ने पीडीपी विधायकों के कदम का विरोध करते हुए बैठने से इनकार कर दिया। भाजपा के नेता प्रतिपक्ष शर्मा ने कहा कि यह पहले दिन नहीं किया जाता है। स्पीकर राथर ने जवाब दिया कि मैंने अभी तक इसकी प्रति नहीं देखी है। मुझे इसे देखने दें और इसकी जांच करने दें। यदि आपने (BJP) इस सदन को नहीं चलने देने का फैसला किया है तो मैं कुछ नहीं कह सकता। सदन में हंगामा जारी रहा क्योंकि भाजपा विधायकों ने अपनी कुर्सियों पर बैठने से इनकार कर दिया और प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की।

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

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