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Shree Ram Janki Vivah: बुंदेली रीति से मध्यप्रदेश की ‘अयोध्या’ ओरछा में श्रीराम राजा सरकार और जानकी जी का विवाह
Shree Ram Janki Vivah: बुंदेली रीति से मध्यप्रदेश की ‘अयोध्या’ ओरछा में श्रीराम राजा सरकार और जानकी जी का विवाह
Authored By: स्मिता
Published On: Thursday, December 5, 2024
Updated On: Thursday, December 5, 2024
भगवान राम और सीता माता का विवाह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को हुआ था, जिसे विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ओरछा नगरी में घर-घर जाकर मंगलगायन के साथ तिलक की रस्म अदा की जाती है।
Authored By: स्मिता
Updated On: Thursday, December 5, 2024
मध्यप्रदेश की ‘अयोध्या’ और भगवान श्रीराम राजा सरकार की नगरी ओरछा में हर साल की तरह इस बार भी श्रीराम जानकी विवाह उत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। श्री रामराजा मंदिर के साथ ही पूरे नगर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। श्रीराम राजा सरकार के विवाह उत्सव की मुख्य रस्में शुरू हो चुकी हैं। ओरछा में भगवान श्रीराम-जानकी विवाह(Shree Ram Janki Vivah) की परम्परा 450 वर्षों से चली आ रही है।
बुंदेली रीति-रिवाज से विवाह
पहले दिन हल्दी और मंडप की रस्म के साथ विशाल भंडारे का भी आयोजन हो रहा है। इसके बाद भगवान राम की बारात निकलती है तथा रात में विवाह संपन्न होता है। इसके दूसरे दिन सुबह कुंवर कलेवा के साथ महोत्सव का समापन हो जाता है। विवाह बुंदेली रीति-रिवाज से होता है।
निकाली जाएगी बारात
ओरछा तहसीलदार और व्यवस्थापक सुमित गुर्जर के अनुसार, इस बार श्रीराम राजा सरकार के विवाह उत्सव कार्यक्रम में भंडारा भी होगा, जिसमें करीब 70 हजार लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। अगले दिन बारात निकाली जाएगी। यह बारात नगर का भ्रमण करते हुए राम जानकी मंदिर पहुंचेगी। राम जानकी मंदिर में दूल्हा बने श्री रामचंद्र जी का तिलक किया जाएगा। यहीं पर वैवाहिक रस्मों में पांव पखराई और कुमार कलेवा भी किया जाता है। श्रीराम राजा सरकार के विवाह उत्सव में देश और दुनिया से आने वाले भक्त भी बाराती बनकर बारात में शामिल होते हैं। पूरे ओरछा नगर की सजावट कराई गई है। विशेष रूप से बारात मार्ग को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
विवाह उत्साह का डिजिटल कार्ड
रामराजा मंदिर के बाहर फूल-मालाओं और इलेक्ट्रिक झालरों को लटकाकर सुंदरता से सजाया जाता है। प्रभु श्रीराम और माता जानकी के विवाह के उत्साह का आकर्षक और मनमोहक डिजिटल कार्ड तैयार किया गया है। आम शादियों की तरह राम जानकी विवाह का निमंत्रण भेजा गया है। मंदिर समिति के विशिष्ट अधिकारियों द्वारा इन कार्ड को चारों तीर्थ स्थलों, 12 ज्योतिर्लिंगों और अयोध्या धाम सहित देश के प्रमुख मठों और मंदिरों तक पहुंचाया गया है।
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में विवाह पंचमी
गौरतलब है कि भगवान राम और सीता माता का विवाह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को हुआ था, जिसे विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ओरछा नगरी में घर-घर जाकर मंगलगायन के साथ तिलक की रस्म अदा की जाती है। मंडप में भोज भी आयोजित किया है और हजारों श्रद्धालु एक-दूसरे को हल्दी लगाकर नाचते-गाते हुए विवाह की रस्मों का आनंद लेते हैं।
रामधुन गाते हैं भक्तगण
रात्रि में भगवान श्रीरामराजा सरकार की बारात मंदिर से निकलती है, जो पूरे नगर में एक धार्मिक उल्लास का माहौल बना देती है। ओरछा में श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव में रात्रि आठ बजे भगवान श्रीरामराजा सरकार की बारात मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष और विद्युत सजावट के साथ निकलती है। बारात में धार्मिक कीर्तन मंडली और रामधुन के साथ भक्तगण शामिल होते हैं। नगर के हर द्वार पर दूल्हा बने राजाराम का पारंपरिक बुंदेली वैवाहिक मंगल गीत गायन करते हुए तिलक किया जाता है।
(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)
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