Ayodhya Shri Ram Mandir : 11 जनवरी प्रतिष्ठा द्वादशी, दिसंबर 2025 तक पूर्ण निर्माण

Ayodhya Shri Ram Mandir : 11 जनवरी प्रतिष्ठा द्वादशी, दिसंबर 2025 तक पूर्ण निर्माण

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, December 23, 2024

Updated On: Monday, December 23, 2024

Ayodhya Shri Ram Janmabhoomi Mandir: 11 January ko Ram Mandir ki Pratishtha Dwadasi, December 2025 tak construction complete
Ayodhya Shri Ram Janmabhoomi Mandir: 11 January ko Ram Mandir ki Pratishtha Dwadasi, December 2025 tak construction complete

पौष शुक्ल द्वादशी के अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ मनाई जा रही है। पिछले वर्ष यह तिथि 22 जनवरी को थी। इस वर्ष यह तिथि 11 जनवरी को है। पौष शुक्ल द्वादशी के अवसर पर 11 से 13 जनवरी तक अयोध्या में कई अनुष्ठान (Ayodhya Shri Ram janmbhumi Mandir) किए जा रहे हैं । श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या धाम ट्रस्ट के महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय के अनुसार, दिसंबर 2025 में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के सभी अंगों का निर्माण पूरा हो जाएगा और उसमें प्राण प्रतिष्ठा (Ayodhya Shri Ram janmbhumi Mandir) होगी।

Authored By: स्मिता

Updated On: Monday, December 23, 2024

पौष शुक्ल द्वादशी के अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ मनाई जा रही है। पिछले वर्ष यह तिथि 22 जनवरी को थी। इस वर्ष यह तिथि 11 जनवरी को है। पौष शुक्ल द्वादशी के अवसर पर 11 से 13 जनवरी तक अयोध्या में कई अनुष्ठान (Ayodhya Shri Ram janmbhumi Mandir) किए जा रहे हैं । श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या धाम ट्रस्ट के महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय के अनुसार, दिसंबर 2025 में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के सभी अंगों का निर्माण पूरा हो जाएगा और उसमें प्राण प्रतिष्ठा होगी।

पौष शुक्ल द्वादशी को राम मंदिर की प्रतिष्ठा द्वादशी

वर्ष 2025 में जनवरी मास में पौष शुक्ल द्वादशी को 11 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ मनाई जा रही है। दोपहर समय 12: 20 बजे मंदिर गर्भगृह में आरती और विशेष पूजा होगी। प्राण प्रतिष्ठा पौष शुक्ल द्वादशी 22 जनवरी 2024 को की गई थी, वर्ष 2025 में जनवरी मास में पौष शुक्ल द्वादशी 11 जनवरी को है। इसे ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ नाम दिया गया है। इस अवसर पर तीन दिवसीय (11,12 व 13 जनवरी) कार्यक्रम का आयोजन होगा। व्यवस्था के दृष्टिगत पांच स्थानों को आयोजन स्थल (Ayodhya Shri Ram janmbhumi Mandir) बनाया गया है।

अग्नि देवता की आहुति

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि शुक्ल यजुर्वेद माध्यन्दिनी शाखा के 40 अध्यायों के 1975 मंत्रो से अग्नि देवता को आहुति प्रदान की जाएगी। 11 वैदिक मन्त्रोच्चार भी होंगे। होम का यह कार्य प्रातः काल 8 से 11 बजे तक और अपराह्न 2 से 5 बजे तक होगा। उन्होंने बताया कि श्रीराममंत्र का जप यज्ञ भी इसी कालखंड में दो सत्रों में होगा। इस अवसर पर छह लाख मंत्र जप किया जाएगा।

मंदिर प्रांगण में रामलला के सम्मुख बधाई गान

इसके साथ राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा, पुरुष सूक्त, श्री सूक्त, आदित्य हृदय स्तोत्र, अथर्वशीर्ष आदि के पारायण भी होंगे। दक्षिणी प्रार्थना मंडप में नित्य अपराह्न 3 से 5 बजे तक भगवान को राग सेवा प्रस्तुत की जाएगी। उन्होंने बताया कि मंदिर प्रांगण में तीनों दिन सायंकाल 6 से 9 बजे रात्रि तक रामलला के सम्मुख बधाई गान होगा। यात्री सुविधा केंद्र के प्रथम तल पर 3 दिवसीय संगीतमय मानस पाठ होगा।

दिसंबर 2025 तक निर्माण कार्य पूरे

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या धाम ट्रस्ट के महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय के अनुसार, श्रीराम जन्मभूमि का निर्माण बहुत तेजी से पूरा किया जा रहा है। दिसंबर 2025 में मंदिर के सभी अंगों का निर्माण पूरा हो जाएगा और उसमें प्राण प्रतिष्ठा होगी।

अंगद टीला पर अपराह्न 2 से 3:30 बजे तक राम कथा और अपराह्न 3:30 से 5 बजे तक प्रभु श्रीराम के जीवन पर प्रवचन होंगे। उन्होंने बताया कि तीनों दिन सायंकाल 5:30 से 7:30 बजे तक भिन्न-भिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। अंगद टीला के समस्त कार्यक्रमों में समाज सादर आमंत्रित है। उन्होंने बताया कि प्रतिष्ठा द्वादशी (11 जनवरी, 2025) को प्रातः काल से प्रसाद वितरण प्रारंभ होगा।

(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।

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