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कोनेरू हंपी ने रचा इतिहास, भारतीय शतरंज के लिए शानदार वर्ष का अंत
कोनेरू हंपी ने रचा इतिहास, भारतीय शतरंज के लिए शानदार वर्ष का अंत
Authored By: सतीश झा
Published On: Sunday, December 29, 2024
Updated On: Sunday, December 29, 2024
भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने रविवार को न्यूयॉर्क में इतिहास रचते हुए विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया। उन्होंने फाइनल मुकाबले में इंडोनेशिया की इरीन सुकंदर को हराकर यह खिताब अपने नाम किया। कोनेरू हम्पी ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ी बन गई हैं।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Sunday, December 29, 2024
37 वर्षीय कोनेरू हंपी ने 11 में से 8.5 अंकों के साथ टूर्नामेंट का समापन किया। पुरुष वर्ग में रूस के 18 वर्षीय वोलोडर मुर्जिन ने खिताब अपने नाम किया। नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव के बाद मुर्जिन फिडे विश्व रैपिड चैंपियन बनने वाले दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी हैं। नोदिरबेक ने 17 वर्ष की उम्र में यह खिताब जीता था। हंपी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ भारतीय शतरंज के लिए एक शानदार वर्ष का समापन हुआ। इससे पहले डी गुकेश ने सिंगापुर में आयोजित क्लासिकल प्रारूप विश्व चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब जीता था।
2019 में मॉस्को में इसी प्रारूप में अपनी पहली खिताबी जीत दर्ज करने के बाद, यह उनका दूसरा विश्व रैपिड खिताब है। इस उपलब्धि के साथ, कोनेरू हम्पी चीन की जू वेनजुन के बाद महिला वर्ग में एक से अधिक बार यह खिताब जीतने वाली दूसरी शतरंज खिलाड़ी बन गई हैं।
हम्पी ने इस टूर्नामेंट में 11 में से 8.5 अंकों के साथ शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब जीता। यह उनके करियर की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। वहीं, पुरुष वर्ग में रूस के 18 वर्षीय वोलोदर मुर्जिन ने खिताब जीतकर युवा प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
हाल ही में, सिंगापुर में आयोजित क्लासिकल शतरंज विश्व चैंपियनशिप में भारत के डी गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर चैंपियन का खिताब जीता था। भारतीय शतरंज खिलाड़ियों की ये उपलब्धियां देश के शतरंज जगत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रही हैं।