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अमेरिका और रूस के बीच फिर तनातानी, पीएम मोदी पर रहेगी दुनिया की नजर
अमेरिका और रूस के बीच फिर तनातानी, पीएम मोदी पर रहेगी दुनिया की नजर
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, March 13, 2025
Updated On: Thursday, March 13, 2025
अमेरिका और रूस के बीच तनाव एक बार फिर गहराता जा रहा है. यूक्रेन युद्ध, सैन्य गठबंधन और वैश्विक शक्ति संतुलन को लेकर दोनों महाशक्तियों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को दो टूक चेतावनी दे डाली है. व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उन्हें उम्मीद है कि रूस सीजफायर पर अपनी सहमति देगा. इसके लिए अमेरिका ने अपने प्रतिनिधियों को रूस भेजने की तैयारी कर ली है. ऐसे में दुनिया की नजर भारत के रुख पर है, खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की कूटनीतिक रणनीति पर.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Thursday, March 13, 2025
रूस को सख्त परिणाम भुगतने की चेतावनी
भारत की कूटनीतिक चुनौती
भारत दशकों से रूस के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी बनाए हुए है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के साथ भी उसके संबंध काफी मजबूत हुए हैं. भारत रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम, फाइटर जेट और अन्य रक्षा उपकरण खरीदता रहा है. दोनों देशों के बीच ऊर्जा और व्यापार संबंध भी गहरे हैं.अमेरिका के साथ भारत की QUAD, इंडो-पैसिफिक रणनीति और तकनीकी सहयोग काफी मजबूत हो रहा है. अमेरिका चाहता है कि भारत चीन और रूस के प्रभाव को कम करने में उसकी मदद करे.
भारत अब तक रूस-यूक्रेन युद्ध पर तटस्थ रुख अपनाए हुए है और किसी भी पक्ष के खिलाफ खुलकर नहीं गया है. पीएम मोदी ने कई बार शांति और बातचीत पर जोर दिया है.
पीएम मोदी पर क्यों रहेगी दुनिया की नजर?
भारत अब वैश्विक मंच पर एक प्रमुख शक्ति बन चुका है. पीएम मोदी की वसुधैव कुटुंबकम् की नीति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली मानी जा रही है. अमेरिका और रूस दोनों ही भारत को अपने पक्ष में देखना चाहते हैं, लेकिन भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को बनाए रखेगा. अमेरिका भारत से उम्मीद कर रहा है कि वह रूस से तेल और हथियारों की खरीद कम करे, जबकि रूस चाहता है कि भारत पश्चिमी गुट में पूरी तरह शामिल न हो.
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अपनी मध्यमार्गी कूटनीति को जारी रखते हुए दोनों पक्षों के साथ संतुलन बनाए रखेगा. पीएम मोदी की रणनीति और वैश्विक कूटनीति में भारत की भूमिका आने वाले दिनों में और अहम हो सकती है. दुनिया की नजर नरेन्द्र मोदी की वैश्विक कूटनीति पर है, कारण हाल के वर्षों में भारतीय रणनीति का लोहा पूरी दुनिया ने माना है.
अमेरिका के प्रस्ताव पर रूस का पलटवार, विचार-विमर्श के बाद देगा जवाब
अमेरिका की ओर से भेजे गए सीजफायर प्रस्ताव पर रूस ने प्रतिक्रिया दी है. क्रेमलिन प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है और इसकी चर्चा सबसे पहले अमेरिका में ही होगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रस्ताव में जमीन, हवा और समुद्र—हर क्षेत्र में युद्ध रोकने की बात कही गई है. हालांकि, रूस ने अभी तक इस प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करने को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है. रूस के रुख को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि वह अपनी शर्तों के साथ इस प्रस्ताव पर कोई जवाब दे सकता है.
अमेरिका और यूक्रेन के बीच बनी थी सहमति
गौरतलब है कि हाल ही में सऊदी अरब के जेद्दा में अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच 30 दिनों के सीजफायर को लेकर सहमति बनी थी. इसके बाद अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि यह प्रस्ताव रूस को भेजा गया है. उन्होंने कहा कि जब रूस इस पर सहमति देगा, तभी इसे लागू किया जाएगा.