पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकवादियों की गतिविधियां बढ़ी हैं. 27 मार्च को भी जिले के जंगलों में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. साथ ही दो आतंकवादी भी इस मुठभेड़ में मारे गए हैं.
हाईलाइट
- जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में जाखोले गांव के करीब सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई.
- मुठभेड़ में अब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस के 3 जवान शहीद हो गए हैं.
- अब तक की जानकारी के मुताबिक आतंकी पाकिस्तान से सुरंग के जरिए भारत में घुसे हैं.
- अधिकारियों के मुताबिक ये वही आतंकवादी हो सकते हैं जो पिछले रविवार को हुई मुठभेड़ में शामिल थे.
Terrorist Attack In J&K: दो दिन पूर्व जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 4-5 आतंकवादियों को देखा गया था. तभी से सुरक्षा बल आतंकवादियों को वहां के जंगलों में तलाश कर रहे थे. 27 मार्च की सुबह जंगलों में आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ शुरू हुई. यह मुठभेड़ दिन भर चली है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों ने बताया मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. दो अन्य जवान घायल भी हुए हैं. इस मुठभेड़ में दो आतंकवादी भी मारे गए हैं.
पिछले रविवार (23 मार्च) को भी पुलिस और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. लेकिन उस मुठभेड़ में आतंकी भागने में सफल हो गए थे. उसी दिन से पुलिस तलाशी अभियान चलाकर आतंकियों को पकड़ने की कोशिश कर रही थी.
जुथाना के जंगलों में मुठभेड़
जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों ने सुबह बताया था कि जुथाना के घने जंगल वाले इलाके में चार से पांच आतंकवादी छिपे होने की खबर मिली थी. उस इलाके में तलाशी अभियान चला रहे सुरक्षाबलों को भेजा गया. आतंकियों के ठिकानों को चारों तरफ से घेर लिया गया. कुछ देर बाद ही आतंकियों ने गोलीबाड़ी शुरू कर दी. जवाब में पुलिस को भी गोली चलानी पड़ी.
23 मार्च को भी हुई थी मुठभेड़
कठुआ के हीरानगर सेक्टर से लगभग 30 किलोमीटर दूर जखोले गांव के पास घना जंगल है. इसी घने जंगलों में आतंकी छुपे हुए थे. इसके पहले रविवार (23 मार्च) को भी गोलीबारी हुई थी. जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि घटनास्थल पर अतिरिक्त बल भेज दिया गया. रात के अंधेरे में भी रुक-रुककर गोली चलने की आवाज आ रही है.
क्या कहा डीजीपी ने?
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी नलिन प्रभात ने बताया कि आतंकवाद विरोधी अभियान में शामिल सेना के विशेष बल जुथाना में कार्रवाई कर रहे थे. तलाशी अभियान के दौरान भी डीजीपी नलिन प्रभात वर्तमान मुठभेड़ स्थल पर निगरानी के लिए गए थे.
पाकिस्तानी सीमा से लगे गांव में छुपे थे
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि 27 मार्च की मुठभेड़ में शामिल आतंकवादी वही समूह हैं, जो हीरानगर में रविवार की गोलीबारी के बाद भागने में सफल रहे थे. पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सान्याल गांव में एक नर्सरी में ‘ढोक’ (एक छोटा सा घेरा) के अंदर उनकी मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद एसओजी ने वह ऑपरेशन शुरू किया था. आतंकवादियों के भागने से पहले मुठभेड़ 30 मिनट से अधिक समय तक चली थी.
22 मार्च से ही पुलिस, सेना, एनएसजी, बीएसएफ और सीआरपीएफ की मदद से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यूएवी, ड्रोन और बुलेटप्रूफ वाहनों सहित उन्नत निगरानी तकनीक से लैस सुरक्षा बल घुसपैठियों का पता लगाने के लिए क्षेत्र की तलाशी ले रहे हैं। जब आतंकियों के छुपने होने के स्थल की जानकारी मिली तो सुरक्षाबलों ने उस इलाके को घेर कर इन्काउनर शुरू कर दिया. यह मुठभेड़ कई घंटों तक चली. इसमें 3 जम्मू-कश्मीर पुलिस के तीन जवान शहीद हो गए थे. दो जवान घायल भी हैं. साथ ही दो आतंकी भी ढेर हुए हैं.