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अंबेडकर का अपमान: बिहार की सियासत में भूचाल, PM मोदी ने लालू परिवार को घेरा
अंबेडकर का अपमान: बिहार की सियासत में भूचाल, PM मोदी ने लालू परिवार को घेरा
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, June 19, 2025
Last Updated On: Saturday, June 21, 2025
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Election 2025) से पहले राजनीति गरमा गई है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सिवान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) पर आंबेडकर (B R Ambedkar) के कथित अपमान को लेकर तीखा हमला बोला. उन्होंने सीधे तौर पर लालू प्रसाद का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके जन्मदिन समारोह के दौरान बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीर पैरों के पास रखे जाने की घटना पर राजद को घेरा.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Saturday, June 21, 2025
Ambedkar of Insult: प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कहा, “बाबासाहेब आंबेडकर वंशवाद के खिलाफ थे. लेकिन इन्हें यह बात पसंद नहीं है. इसलिए उनकी तस्वीर को अपने पैरों के पास रख दिया। मैंने रास्ते में पोस्टर देखे जिनमें इस अपमान के लिए माफी की मांग की गई है, लेकिन अभी तक किसी ने माफी नहीं मांगी. ये इसलिए है क्योंकि ये लोग दलितों का अपमान करते हैं, जबकि मोदी बाबासाहेब को अपने दिल में रखते हैं.”
विवाद की जड़: तस्वीर और कैमरा एंगल
यह विवाद लालू प्रसाद यादव के 78वें जन्मदिन समारोह से जुड़ा है, जहां एक तस्वीर में आंबेडकर की फोटो उनके पैरों के पास नजर आई. RJD ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि यह ‘कैमरा एंगल’ की वजह से हुआ भ्रम है. पार्टी के अनुसार, लालू यादव डॉक्टर की सलाह पर सोफे पर बैठे थे और एक समर्थक उनके पास आंबेडकर की तस्वीर लेकर खड़ा था. लेकिन यह सफाई भाजपा को संतोषजनक नहीं लगी.
तेजस्वी यादव का जवाब
- जब राजद नेता तेजस्वी यादव से माफी की मांग को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, “हमारे यहां आंबेडकर का कोई अपमान नहीं हुआ. क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अब तक माफी मांगी है?”
- वे संसद में अमित शाह द्वारा दिए गए एक पुराने भाषण का संदर्भ दे रहे थे.
भाजपा ने तेज किया अभियान
- इस मामले को चुनावी मुद्दा बनाते हुए भाजपा ने राज्यभर में लालू प्रसाद के पुतले जलाए और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को ज्ञापन सौंपे. भाजपा के अनुसार, यह मामला केवल एक तस्वीर का नहीं, बल्कि दलित समाज के अपमान का है.
अनुसूचित जाति आयोग ने भेजा नोटिस
- बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और लालू प्रसाद को नोटिस जारी करते हुए निर्धारित समय सीमा के भीतर जवाब देने को कहा है. आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सहयोगी दलों की भी आलोचना
भाजपा के सहयोगी और दलित नेता चिराग पासवान ने भी इस घटना की कड़ी आलोचना की है. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे “दलितों के स्वाभिमान पर चोट” बताया. बिहार चुनाव से पहले बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीर को लेकर शुरू हुआ विवाद अब एक बड़ा राजनीतिक हथियार बनता दिख रहा है. भाजपा इसे दलित सम्मान और वंशवाद बनाम सामाजिक न्याय के मुद्दे के रूप में पेश कर रही है. आने वाले दिनों में यह विवाद बिहार की सियासत को और गर्माएगा.