बिहार : क्या जदयू (JDU) के नए आरसीपी सिंह साबित होंगे मनीष वर्मा?

बिहार : क्या जदयू (JDU) के नए आरसीपी सिंह साबित होंगे मनीष वर्मा?

Authored By: सतीश झा

Published On: Thursday, July 11, 2024

Manish Kumar Verma with CM Nitish Kumar
Manish Kumar Verma with CM Nitish Kumar

जनता दल युनाइटेड के अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नौकरशाहों से प्रेम पुराना है। इन पर समय-समय पर आरोप लगता रहा है कि ये अपने मनचाहे अधिकारियों से मैनेज करवाते रहे हैं। एक खास समय में एनके सिंह थे तो कभी पवन वर्मा तो कभी आरसीपी सिंह और अब मनीष वर्मा को राजनीति में ले आए हैं। मनीष वर्मा का नाम आते ही इन पर सवालों की बौछार भी होने लगी है। 

Authored By: सतीश झा

Updated On: Friday, July 26, 2024

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्णय को लेकर हाल के दिनों में खूब चर्चाएं हो रही हैं। विपक्षी दलों के नेताओं के साथ ही आम जनता भी उनके निर्णयों को लेकर संशय में दिखते हैं। अधिकतर लोगों के जुबान पर सवाल तैरता है कि क्या यह जरूरी था ? कहीं नीतीश की कोई मजबूरी तो नहीं है ? ऐसे ही सवालों की जद में पूर्व नौकरशाह मनीष वर्मा का जदयू में आना है।

कौन हैं मनीष वर्मा (Manish Verma)

मूलतः नालंदा के रहने वाले मनीष कुमार वर्मा का जन्म 1974 में हुआ। राजनीतिक गतिलयारों में चर्चा है कि ये नीतीश कुमार के दूर के रिश्तेदार भी हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने तो इन्हें ओडिशा कैडर मिला। लेकिन ये डेपुटेशन पर बिहार आ गए। पूर्णिया और पटना के डीएम रहते हुए इन्हें पद से हटाना पड़ा।  वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया। गौर करने वाली बात यह भी है कि नीतीश कुमार ने 2022 के फरवरी महीने में मनीष कुमार वर्मा मुख्यमंत्री के लिए अतिरिक्त परामर्शी पद पर नियुक्ति की।

आरोपों में रहा है कई बार नाम

2011 में उड़ीसा के बालासोर जिला के डीएम रहते 700 करोड़ के दाल घोटाले में संलिप्तता के आरोप में मनीष वर्मा को पद से हटाया गया था।  2012 के बाद ओडिशा को छोड़कर इंटर स्टेट डेपुटेशन में पांच साल के लिए बिहार आ गए। बाद में मनीष कुमार वर्मा ने नौकरी छोड़ दी। 2014 में पूर्णिया के जिलाधिकारी रहते लोकसभा चुनाव में जदयू एजेन्ट के रूप में कार्य करने के आरोप में चुनाव आयोग द्वारा इन्हें पद से हटाया गया। इतना ही नहीं, 2014 में ही पटना के गाँधी मैदान में रावण बध के दौरान मचे भगदड़ में 33 से अधिक लोगों के मौत के लिए जिम्मेवार ठहराते हुए तात्कालीन मुख्यमंत्री श्री जीतनराम मांझी द्वारा कर्तव्यहीनता के आरोप में पटना डीएम के पद से भी मनीष वर्मा को हटाया गया था।

क्या मनीष वर्मा बनेंगे आरसीपी सिंह की तरह

9 जुलाई 2024 को एक कार्यक्रम में मनीष कुमार वर्मा ने जदयू की सदस्यता ली। पटना से लेकर दिल्ली में चर्चा सरेआम है कि मनीष वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खूब सेवा की है। इसका ही प्रतिफल है जदयू में औपचारिक रूप से शामिल करना। इनसे पहले नौकरशाह रहे पवन वर्मा और आरसीपी सिंह भी कुछ इसी अंदाज में जदयू में शामिल हुए थे और नीतीश के खास लोगों में शुमार हो गए थे। चर्चाओं के आधार पर कहें, तो इस बात की संभावना है कि आरसीपी सिंह की तरह मनीष वर्मा को राज्य सभा भेजा जा सकता है। संभव है कि इनके सिर पर संसदीय दल के अध्यक्ष का ताज भी पहनाया जाए।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

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