Weightlifting Benefits: वजन उठाने के हैं कई फायदे

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, August 20, 2025

Updated On: Wednesday, August 20, 2025

Weightlifting Benefits – वजन उठाने से शरीर को मिलने वाले फायदे.

Weightlifting Benefits: मांसपेशियों की मजबूती के लिए वेटलिफ्टिंग बढ़िया उपाय है. इसे हर उम्र में किया जा सकता है. इसका फायदा उठाने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानना जरूरी है.



Authored By: स्मिता

Updated On: Wednesday, August 20, 2025

Weightlifting Benefits: उम्र बढ़ने के साथ-साथ जैसे-जैसे हार्मोन का उत्पादन धीमा होता है, मांसपेशियों को बनाए रखने की क्षमता भी कम होती जाती है. इससे निपटने के लिए मजबूत और लचीली मांसपेशियों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. वेटलिफ्टिंग या भारी वजन उठाने वाले व्यायाम इसके लिए सबसे बढ़िया है. सबसे पहले जानते हैं क्या है वेटलिफ्टिंग (Weightlifting Benefits) .

क्या है वेटलिफ्टिंग?

वेटलिफ्टिंग या भारी वजन उठाने वाले व्यायाम स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी कहलाते हैं. ये मांसपेशियों को बल या प्रतिरोध के विरुद्ध कार्य करने के लिए मजबूर करते हैं. इससे मांसपेशियों की शक्ति और सहनशक्ति बढ़ती है. यह रेसिस्टेंस पावर वेटलिफ्टिंग मशीनों, एक निश्चित वजन या व्यायाम में प्रयोग होने वाले रेसिस्टेंस बैंड या खुद शरीर के वजन से आ सकता है. वेटलिफ्टिंग एक्सरसाइज के लिए खुद शरीर का वजन उठाना जैसे कि पुश-अप्स और स्क्वैट्स आदि एक्सरसाइज भी किए जा सकते हैं.

सप्ताह में चार से पांच दिन किया जा सकता है वेटलिफ्टिंग

मांसपेशियों में वृद्धि के लिए सबसे जरूरी है नियमित रूप से वेटलिफ्टिंग वाले एक्सरसाइज करना. सप्ताह में चार से पांच दिन भारी वजन उठाने वाले व्यायाम करने का लक्ष्य जरूर होना चाहिए.

क्यों जरूरी है वेटलिफ्टिंग

वेटलिफ्टिंग मसल्स हेल्थ के लिए जरूरी है. यह हड्डियों के घनत्व, मांसपेशियों के भार और चयापचय में वृद्धि यानी मेटाबोलिज्म जैसे लाभ प्रदान करती है. इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में समग्र रूप से सुधार हो सकता है. यह वजन प्रबंधन, हृदय रोग और मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने और रोजमर्रा के कामकाज करने की क्षमता को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

ये मिल सकते हैं फायदे

• हृदय रोग और मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियों का जोखिम कम होता है.
• कैलोरी बर्निंग अच्छे तरीके से हो पाती है और वजन नियंत्रण के लिए बेहतर मेटाबोलिज्म हो सकता है.
• शरीर में ब्लड फ्लो सुचारू रूप से हो पाता है और सूजन कम हो पाता है.
• संतुलन बेहतर होता है और गिरने का जोखिम भी कम होता है.
• खेल और दैनिक गतिविधियों के लिए सहनशक्ति अधिक हो पाती है.
• मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो पाता है.

सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद

जर्नल ऑफ़ एक्सरसाइज साइंस एंड फिटनेस के अनुसार, वेटलिफ्टिंग हर उम्र और चरण में विशेष लाभ प्रदान करता है. यह हड्डी बनाने वाली कोशिकाओं को सक्रिय करता है. इससे हड्डियां मजबूत और सघन बनती हैं.

बड़ी उम्र में वेटलिफ्टिंग के हो सकते हैं फायदे

  •  हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अध्ययन बताते हैं कि अल्जाइमर रोग सहित उम्र से संबंधित संज्ञानात्मक गिरावट का जोखिम कम हो सकता है.
  • जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द प्रबंधन और शारीरिक कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है.
  • हड्डियों के क्षरण को धीमा करता है और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकता है.
  •  शारीरिक गतिशीलता में वृद्धि
  • बेहतर संतुलन और गिरने से चोट लगने का जोखिम कम होता है.
  • धीमी होनी चाहिए शुरुआत

हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार, चोट से बचने के लिए वेटलिफ्टिंग की शुरुआत धीरे-धीरे करना जरूरी है. शुरुआत में बिना वजन का उपयोग किए सिट-अप्स और स्क्वैट्स जैसे शरीर के वजन के प्रतिरोध वाले व्यायाम करना चाहिए. कुछ हफ्तों के बाद वे हल्के वजन या कम प्रतिरोध वाले बैंड का उपयोग करने लग सकती हैं. मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाने के लिए ऐसा वजन चुनें, जिससे सही फॉर्म बनाए रखते हुए 1-3 सेटों में 8-15 बार व्यायाम कर सकें. जैसे-जैसे ताकत बढ़ती है, धीरे-धीरे वजन, व्यायाम व सेटों की संख्या बढ़ा सकती हैं. उम्र चाहे जो भी हो, किसी भी नए व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

ध्यान रखना है जरूरी

journal of bones and joints के अनुसार, वेटलिफ्टिंग ताकत और मांसपेशियों के विकास के लिए फायदेमंद तो है, लेकिन इसके कई नुकसान भी हो सकते हैं. अगर सही फॉर्म और तकनीक न अपनाई जाए, तो इससे चोट लगने का जोखिम सबसे अधिक होता है. मांसपेशियों में दर्द और अकड़न की संभावना भी बनी रहती है. इसे ज्यादा करने से हर्नियेटेड डिस्क जैसी गंभीर चोटें या कुछ मामलों में हृदय संबंधी समस्या भी हो सकती है. इसके अलावा, वेटलिफ्टिंग कैलोरी बर्न करने में उतनी प्रभावी नहीं हो सकता है जितनी कि तीव्र कार्डियो ट्रेनिंग. इसके लिए विशिष्ट उपकरणों और मार्गदर्शन की भी जरूरत होती है.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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