बिहार की सियासत में जंगलराज बनाम विकास का नैरेटिव, जेपी नड्डा ने तेजस्वी से पूछा – लालू के बयानों पर कब लेंगे माफ़ी?

Authored By: सतीश झा

Published On: Saturday, September 13, 2025

Last Updated On: Saturday, September 13, 2025

Bihar Politics Jungle Raj बनाम विकास पर संग्राम, JP नड्डा ने तेजस्वी यादव से पूछा कि वे लालू प्रसाद के विवादित बयानों पर माफ़ी कब मांगेंगे.
Bihar Politics Jungle Raj बनाम विकास पर संग्राम, JP नड्डा ने तेजस्वी यादव से पूछा कि वे लालू प्रसाद के विवादित बयानों पर माफ़ी कब मांगेंगे.

भाजपा (BJP) अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने अपने बिहार दौरे पर जिस तरह से विपक्ष, खासकर राजद (RJD) और कांग्रेस (Congress) पर हमला बोला है, उससे राज्य की सियासत में एक बार फिर जंगलराज बनाम विकास का नैरेटिव उभर आया है. नड्डा ने लालू-राबड़ी शासनकाल को अंधकारमय दौर बताते हुए एनडीए (NDA) के बीस साल के कार्यकाल को ‘प्रगति की ओर बढ़ते बिहार’ की संज्ञा दी.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Saturday, September 13, 2025

Bihar Politics Jungle Raj: एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की दो तस्वीरें सामने आती हैं – एक अंधकारमय बिहार, जब हत्या-अपहरण और भ्रष्टाचार आम बात थी. दूसरी आज का बिहार, जो एनडीए सरकार में प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है.

केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा, “जो बिहार देश को दिशा देने वाला बिहार था, राजनीति में अपनी बात प्रखरता के साथ रखने वाला बिहार था, वह आज कुछ लोगों के स्वार्थी प्रयासों और गलत नेतृत्व के कारण अंधकार में धकेल दिया गया है. जंगलराज के बारे में हम सभी जानते हैं, लेकिन जब भी हम इसकी चर्चा करते हैं, तो लोग हमें कहते हैं इसे भूल जाओ. शायद लोग भूल जाएं लेकिन हमारे लिए वह भूलने वाला नहीं है. जंगलराज, तुष्टिकरण और जातिवाद, इन सबने बिहार को ग्रसित कर रखा है.”

नड्डा (JP Nadda) ने आरोप लगाया कि पहले तुष्टिकरण की राजनीति होती थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में बिहार ने पिछले दो दशकों में बड़े बदलाव देखे हैं. उन्होंने कहा, “महिला सशक्तिकरण में बिहार ने अपनी पहचान स्थापित की है और आज बिहार बदले हुए स्वरूप में नजर आता है.”

उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राजनीति को विपक्ष ने बेहद निचले स्तर तक गिरा दिया है. नड्डा ने प्रधानमंत्री मोदी की मां पर की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, “कांग्रेस द्वारा जारी वीडियो उनके चरित्र को दिखाता है. आज तक किसी ने माफी नहीं मांगी. तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि क्या वे लालू यादव के बयानों पर माफी मांगेंगे?”

नड्डा की इस रणनीति के पीछे स्पष्ट संदेश है – आगामी चुनावी जंग में भाजपा और जदयू गठबंधन का एजेंडा विकास, महिला सशक्तिकरण और सुशासन रहेगा, जबकि विपक्ष को ‘जंगलराज’ और तुष्टिकरण की राजनीति से जोड़ने की कोशिश की जाएगी.

हालांकि, नड्डा का यह हमला केवल अतीत की राजनीति तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की मां पर तंज कसने वाले वीडियो का हवाला देकर विपक्ष को घेरा और तेजस्वी यादव से सवाल किया कि क्या वे लालू यादव के विवादित बयानों पर माफी मांगेंगे. यह बयान विपक्ष की नैतिक साख पर सीधा प्रहार है.

लेकिन सवाल यह भी है कि क्या बिहार की जनता 2025 के दशक में भी 1990 के दशक के जंगलराज की यादों को वोटिंग पैटर्न में उतारती रहेगी, या फिर बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी नई चुनौतियाँ चुनावी विमर्श को दिशा देंगी? साफ है कि भाजपा और जदयू अपनी उपलब्धियों और सुशासन की छवि पर चुनाव लड़ना चाहेंगे, वहीं राजद और विपक्ष बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को सामने रखेंगे. इस टकराव में जंगलराज बनाम विकास का नैरेटिव एक बार फिर चुनावी रणभूमि को गरमा देगा.

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है


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