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Cancer Vaccine: रूस ने कैंसर वैक्सीन का किया पशु पर सफल परीक्षण
Authored By: स्मिता
Published On: Wednesday, September 24, 2025
Last Updated On: Wednesday, September 24, 2025
रूस के राष्ट्रीय चिकित्सा अनुसंधान रेडियोलॉजी केंद्र ने हाल में कैंसर वैक्सीन एंट्रोमिक्स का विकास किया है. इस वैक्सीन का पशु पर परीक्षण कर लिया गया है. अब मानव पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया जाना बाकी है.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Wednesday, September 24, 2025
Cancer Vaccine: हाल में कैंसर वैक्सीन के सस्ते विकल्प की खोज करे के कारण रूस चर्चा में रहा है. रूस के राष्ट्रीय चिकित्सा अनुसंधान रेडियोलॉजी केंद्र ने अब अपने मानक कैंसर वैक्सीन एंट्रोमिक्स के उत्साहजनक परिणाम साझा किए हैं. यह वैक्सीन एमआरएनए और वायरल-वेक्टर तकनीक के संयोजन का उपयोग करता है. हाल में पशुओं पर इस वैक्सीन का प्रयोग कर सकारात्मक परिणाम सामने लाया गया है. जानते हैं आगे के आलेख में इस वैक्सीन की सच्चाई.
पशुओं में वैक्सीन कैंसर के विकास को धीमा करने में सक्षम
रूस के पशु चिकित्सकों ने इस नए वैक्सीन का पशुओं के कैंसर पर प्रयोग किया. निष्कर्ष में यह पाया गया कि यह वैक्सीन ट्यूमर को 60-80% तक सिकोड़ने, उनके विकास को धीमा करने और जीवित रहने की दर में जरूरी सुधार करने में सफल है. इस तरह से रूस के राष्ट्रीय चिकित्सा अनुसंधान रेडियोलॉजी केंद्र ने कैंसर वैक्सीन एंटरोमिक्स के प्रयोग के परिणाम को सकारात्मक पाया है. यह वैक्सीन mRNA और वायरल-वेक्टर तकनीक के संयोजन का उपयोग करता है.
मानव परीक्षण के लिए तैयारी
रूस के मेडिकल अधिकारियों ने घोषणा की है कि यह वैक्सीन उपयोग के लिए तैयार है. इसका मतलब यह हुआ कि इसने पशु परीक्षण पास कर लिया है. अब मानव परीक्षणों के लिए नियामक अनुमोदन की प्रतीक्षा है. हालांकि यह अभी तक रोगियों के लिए उपलब्ध नहीं है. वास्तव में इन शुरुआती निष्कर्षों ने चिकित्सा क्षेत्र में उम्मीद जगा दी है.
कैंसर उपचार के लिए नई उम्मीद (Cancer Treatment)
कैंसर अब तक लाइलाज बीमारी हुई है. किसी भी तरह का उपचार कैंसर को पूरी तरह से खत्म करने में सफल नहीं है.
एंट्रोमिक्स वैक्सीन अंततः कैंसर के उपचार में बदलाव ला सकता है. यदि आगे अनुमोदन और फिर वैक्सीन को मनुष्यों के उपयोग के लिए बाजार में उतारा जाता है, तो एंटरोमिक्स जल्द ही अगली पीढ़ी के कैंसर उपचार में बहुत बड़ा मददगार साबित होगा. इससे दुनिया भर के मरीज लाभान्वित होंगे.
कैंसर के टीके का विकास
इस टीके को एंजेलहार्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने रूस के नेशनल मेडिकल रिसर्च रेडियोलॉजिकल सेंटर के सहयोग से विकसित किया है. इसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने के लिए रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय से अंतिम अनुमोदन मिलना बाकी है. इस टीके की तकनीक का विकास अन्य कैंसरों के लिए भी किया जा रहा है, जिनमें अग्नाशय, गुर्दे और नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर शामिल हैं. भारत में अब भी सबसे ज्यादा लोग कैंसर के कारण मरते हैं. यदि एंट्रोमिक्स वैक्सीन विकसित और सफल हो जाएगा, तो यहां के कैंसर मरीजों में भी जीने की प्रत्याशा बढ़ जाएगी.
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