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Bihar Election: प्रशांत किशोर लड़ेंगे चुनाव या छोड़ देंगे मैदान? राघोपुर की हॉट सीट पर बड़ा ट्विस्ट
Authored By: Nishant Singh
Published On: Wednesday, October 15, 2025
Last Updated On: Wednesday, October 15, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की राजनीति में अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रशांत किशोर चुनाव लड़ेंगे या नहीं. लंबे समय से चल रही अटकलों के बीच प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. उनका ध्यान केवल जन सुराज पार्टी को मजबूत करना और संगठनात्मक काम जारी रखने पर रहेगा. राघोपुर सीट से चंचल सिंह मैदान में उतरेंगे और तेजस्वी यादव के सामने सीधे मुकाबले की तैयारियां शुरू हो गई हैं.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Wednesday, October 15, 2025
Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के समीकरण धीरे-धीरे स्पष्ट हो रहे हैं. इस बीच राजनीतिक गलियारों में एक बड़ा सवाल यह था कि जन सुराज प्रमुख और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर चुनाव लड़ेंगे या नहीं. इस पर कई अटकलें लगाई जा रही थीं. राघोपुर विधानसभा सीट को लेकर विशेष चर्चा थी, क्योंकि यह सीट हमेशा से हॉट सीट रही है और यहां से पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी चुनाव लड़ रहे हैं.
प्रशांत किशोर ने किया साफ बयान
हाल ही में प्रशांत किशोर ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए साफ कह दिया कि वह इस बार बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका ध्यान केवल जन सुराज पार्टी को मजबूत करने और पार्टी के लिए काम करने पर रहेगा. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि संगठनात्मक काम को पूर्ण रूप से करना उनकी जिम्मेदारी है और यह ही इस समय उनकी प्राथमिकता है.
राघोपुर सीट पर बदलाव
राघोपुर विधानसभा सीट इस चुनाव में विशेष महत्व रखती है. पहले कयास लगाए जा रहे थे कि प्रशांत किशोर खुद भी इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन अब उन्होंने पार्टी के निर्देशानुसार चंचल सिंह को उम्मीदवार बनाया है. इसका मतलब साफ है कि इस बार तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर के बीच सीधे मुकाबले की संभावना नहीं है. यह सीट राजनीतिक दृष्टि से हमेशा से चुनौतीपूर्ण मानी जाती रही है, और अब इसे लेकर नए समीकरण बन रहे हैं.
‘चुनाव लड़ूंगा तो समय बर्बाद होगा’
प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “पार्टी ने फैसला लिया है कि मेरे पास पहले से जो काम है, उसी को पूरी तरह से करना अधिक जरूरी है. अगर मैं चुनाव लड़ने जाऊंगा तो 4-5 दिन का नुकसान होगा. इस नुकसान से कई अन्य जन सुराज प्रत्याशियों को भी हानि हो सकती है. इसलिए पार्टी के हित में मुझे यही जिम्मेदारी दी गई है कि मैं अपना संगठनात्मक काम जारी रखूं.”
तेजस्वी यादव और उनकी रणनीति
राघोपुर से तेजस्वी यादव तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा, कुछ समय तक यह भी चर्चा थी कि वे इस बार मधुबनी जिले की फुलपरास सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन बाद में पार्टी ने अपनी रणनीति बदल दी. अब साफ हो गया है कि तेजस्वी यादव सीधे तौर पर राघोपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे और उनका मुकाबला चंचल सिंह से होगा.
प्रशांत किशोर का राजनीतिक महत्व
भले ही प्रशांत किशोर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन उनका राजनीतिक महत्व कम नहीं हुआ है. वे बिहार में चुनावी रणनीतियों के जनक माने जाते हैं और कई पार्टियों की जीत में उनकी भूमिका निर्णायक रही है. इस बार भी वह जन सुराज पार्टी की जीत के लिए पूरी ताकत झोंकेंगे. उनका ध्यान उम्मीदवारों की तैयारी, चुनावी रणनीति और पार्टी की जन भागीदारी बढ़ाने पर रहेगा.
पार्टी संगठन को मजबूत करना प्राथमिकता
प्रशांत किशोर ने बार-बार यह स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य संगठन को मजबूत करना है. उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने से उनका समय बर्बाद होगा और इससे पार्टी के अन्य प्रत्याशियों को नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए उन्होंने पार्टी के हित में अपनी भूमिका को संगठनात्मक तौर पर निभाने का निर्णय लिया है. यह कदम उनके अनुशासन और पार्टी के प्रति वफादारी को दर्शाता है.
निष्कर्ष
बिहार चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर का चुनाव न लड़ना राजनीतिक रूप से एक बड़ी खबर है. इससे न केवल राघोपुर सीट पर मुकाबला साफ हो गया है, बल्कि पार्टी के अन्य रणनीतिक फैसलों पर भी असर पड़ा है. तेजस्वी यादव अब सीधे चंचल सिंह से टक्कर लेंगे, जबकि प्रशांत किशोर अपने संगठनात्मक काम और पार्टी की रणनीतियों पर पूरा ध्यान देंगे. बिहार की राजनीति में उनकी भूमिका चुनावी परिणामों को प्रभावित करने वाली साबित हो सकती है.
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