डोनाल्ड ट्रंप का 155% टैरिफ धमाका: चीन पर नया दबाव

Authored By: Nishant Singh

Published On: Tuesday, October 21, 2025

Last Updated On: Tuesday, October 21, 2025

Donald Trump के 155% टैरिफ से चीन पर बढ़ा दबाव, व्यापार और निवेशकों के लिए नई चुनौतियां.
Donald Trump के 155% टैरिफ से चीन पर बढ़ा दबाव, व्यापार और निवेशकों के लिए नई चुनौतियां.

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध फिर तेज़ हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर चीन निष्पक्ष व्यापार समझौते पर सहमत नहीं हुआ तो चीनी वस्तुओं पर 155 फीसदी तक टैरिफ लगाया जाएगा. ट्रंप ने शी जिनपिंग के साथ अच्छे संबंधों का भी जिक्र किया और कहा कि जल्द ही दक्षिण कोरिया में बैठक होगी, जिससे दोनों देशों के बीच निष्पक्ष और लाभकारी व्यापार समझौता संभव हो सकता है.

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Last Updated On: Tuesday, October 21, 2025

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चीन को चेतावनी दी है कि अगर वह अमेरिका के साथ ‘निष्पक्ष व्यापार समझौते’ पर सहमत नहीं होता है, तो अमेरिकी प्रशासन चीनी वस्तुओं पर 155 फीसदी तक टैरिफ लगाने के लिए तैयार है. ट्रंप ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार तनाव पहले ही अपने चरम पर है. उनके इस कदम का मकसद चीन पर दबाव डालकर अमेरिका के लिए अधिक लाभकारी व्यापार समझौता करना है.

ऑस्ट्रेलिया समझौते के बीच नई चेतावनी

ट्रंप ने यह धमकी व्हाइट हाउस में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ के साथ महत्वपूर्ण खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले दी. यह समझौता चीन पर अमेरिका की निर्भरता कम करने और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है. ट्रंप ने कहा, “चीन हमें टैरिफ के रूप में भारी पैसा दे रहा है, जो कि 55 फीसदी तक है. अगर हम कोई समझौता नहीं करते, तो यह 1 नवंबर तक बढ़कर 155 फीसदी तक जा सकता है.”

ट्रंप का मानना: कई देशों ने अमेरिका का फायदा उठाया

रिपब्लिकन नेता ट्रंप लंबे समय से टैरिफ को कूटनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कई देशों ने अमेरिका के साथ अनुचित व्यापार प्रथाओं का फायदा उठाया, लेकिन अब यह संभव नहीं है. उन्होंने कहा, “हम निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करेंगे और अमेरिका को अब नुकसान नहीं होने देंगे.” ट्रंप के इस बयान के बाद व्यापार और निवेश जगत में हलचल मची हुई है.

चीन ने अमेरिकी आयात को रोककर बढ़ाया तनाव

साल 2018 के बाद चीन ने पहली बार अमेरिकी सोयाबीन की खेप आयात नहीं की. इसका कारण दोनों देशों के बीच बढ़ता व्यापार तनाव बताया जा रहा है. चीन की यह नीति दक्षिण अमेरिका की ओर रुख करने वाले खरीदारों को बढ़ावा दे रही है. वहीं, ट्रंप ने पहले ही 100 फीसदी टैरिफ लगाने और 1 नवंबर से महत्वपूर्ण सॉफ़्टवेयर पर नए निर्यात प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी.

शी जिनपिंग के साथ संबंध और रणनीति

हालांकि ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अच्छे संबंध हैं. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच मतभेद हैं, लेकिन बातचीत के जरिए इसे सुलझाया जा सकता है. ट्रंप ने स्पष्ट किया कि चीन को कुछ अमेरिका के लिए भी देना होगा, ताकि यह व्यापार केवल एकतरफा न हो.

भविष्य की उम्मीद: दक्षिण कोरिया बैठक

ट्रंप ने यह भी घोषणा की कि वे शी जिनपिंग से दक्षिण कोरिया में जल्द ही मिलेंगे. उनका कहना है कि इस बैठक के बाद दोनों देशों के बीच एक निष्पक्ष और बेहतरीन व्यापार समझौता हो सकता है, जो न केवल अमेरिका और चीन बल्कि पूरी दुनिया के लिए लाभकारी होगा. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने भी पुष्टि की है कि इस सप्ताह अमेरिकी और चीनी अधिकारी मलेशिया में चर्चा करेंगे.

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निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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