जम्मू कश्मीर चुनाव में कांग्रेस ने मिलाया नेशनल कांफ्रेस से हाथ, क्या होगा परिणाम

जम्मू कश्मीर चुनाव में कांग्रेस ने मिलाया नेशनल कांफ्रेस से हाथ, क्या होगा परिणाम

धारा 370 हटने के 5 साल बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो रहा है। केंद्र सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। चुनाव आयोग सुरक्षा की पूरी तैयारी कर चुकी है। नए समीकरण में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेस मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। अन्य पार्टियां भी चुनावी मैदान में अपना ताल ठोंक रही हैं।

जम्मू-कश्मीर में राजनीति के मैदान में एक बड़ा बदलाव सामने आया है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आगामी चुनावों के लिए गठबंधन करने का फैसला किया है। इस गठबंधन ने चुनावी समीकरणों को एक नई दिशा दे दी है, जिससे राज्य की राजनीति में नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस, जो पहले अलग-अलग चुनावी रणनीतियों पर काम कर रहे थे, अब साथ आ गए हैं। इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य राज्य में बीजेपी को चुनौती देना और क्षेत्रीय दलों के बीच एक मजबूत विपक्ष का निर्माण करना है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस गठबंधन की घोषणा की, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विकास और शांति को प्राथमिकता देने की बात कही।

कांग्रेस पार्टी (Congress party) और फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस (Farooq Abdullah’s National Conference) ने मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस गठबंधन की घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Leader of the Opposition Rahul Gandhi) के श्रीनगर दौरे के दौरान की गई। दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की सहमति बन गई है, जिससे राज्य की राजनीति में एक नया समीकरण उभर रहा है।

हालांकि, गठबंधन के तहत सीट बंटवारे को लेकर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। कांग्रेस ने कश्मीर घाटी की 47 में से 12 सीटें मांगने की बात रखी है, लेकिन अब्दुल्ला पिता-पुत्र इस पर सहमत नहीं दिख रहे हैं। इस मुद्दे पर दोनों दलों के बीच चर्चा जारी है, और सभी की नजरें इस बात पर हैं कि किस तरह से सीटों का बंटवारा होगा।

तालमेल की हो चुकी है औपचारिक ऐलान

राहुल गांधी से मुलाकात के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने तालमेल का ऐलान किया। उन्होंने कहा- राज्य की सभी 90 सीटों पर दोनों पार्टियां एक साथ चुनाव लड़ेंगी। सीटों को आज रात तक फाइनल कर लिया जाएगा। हमें उम्मीद है कि हम फिर से सत्ता में आएंगे। हमारे दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा का चुनाव तीन चरण में 18 व 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होंगे। पहले चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

handshake farooq abdullah mallikarjun kharge

राहुल गांधी ने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया कि गठबंधन के बावजूद कांग्रेस अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की भावना का पूरा ख्याल रखेगी। उन्होंने कहा कि तालमेल हो चुका है, लेकिन पार्टी अपने हितों से समझौता नहीं करेगी।

इस गठबंधन का असर जम्मू-कश्मीर के चुनावी माहौल पर बड़ा होगा। सीट बंटवारे को लेकर जो भी अंतिम निर्णय होगा, वह दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह गठबंधन किस तरह से बीजेपी और अन्य दलों के लिए चुनौती पेश करता है।

सभी की निगाहें आगामी चुनावों पर

इस गठबंधन से चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव आ सकता है। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का मिलन एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभर सकता है, जो बीजेपी के लिए चुनौती बन सकता है। यह गठबंधन राज्य के चुनावी परिदृश्य को नई दिशा में मोड़ सकता है और मतदाताओं को एक विकल्प प्रदान कर सकता है। अब सभी की निगाहें आगामी चुनावों पर टिकी हैं, जहां इस गठबंधन की ताकत और प्रभाव का आकलन किया जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस गठबंधन का जम्मू-कश्मीर की राजनीति और चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है।

NCP भी है इस बार तैयार

NCP ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। 26 प्रचारकों की सूची में अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के नाम शामिल हैं।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

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